Top 5 Varanasi News Of The Day 12 August 2020 : करना पड़ा दो शव का अंतिम संस्कार, 32 प्रभारी चिकित्साधिकारियों ने दिया इस्तीफा, एक आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ
बनारस शहर की कई खबरों ने बुधवार यानी 12 अगस्त को सुर्खियां बटोरीं जानिए शाम 7.30 बजे तक की शहर-ए-बनारस की पांच प्रमुख और चर्चित खबर।
वाराणसी, जेएनएन। बनारस शहर की कई खबरों ने बुधवार 12 अगस्त को सुर्खियां बटोरीं जिनमें करना पड़ा दो शव का अंतिम संस्कार, 32 प्रभारी चिकित्साधिकारियों ने दिया इस्तीफा, एक आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ, पुलिस के खिलाफ चालान अभियान, अरुंडेल ने हमेशा गिरफ्तारी से बचाया आदि प्रमुख खबरें रहीं। जानिए शाम 7.30 बजे तक की शहर-ए-बनारस की पांच प्रमुख और चर्चित खबरें।
वाराणसी में एडिशनल सीएमओ के परिजनों को करना पड़ा दो शव का अंतिम संस्कार, दर्ज कराएंगे मुकदमा
बीएचयू अस्पताल के कोविड 19 वार्ड में लगातार लापरवाही के मामले उजागर हो रहे हैं बुधवार को भी एक और नया कारनामा उजागर हुआ जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ। अस्पताल सूत्रों के अनुसार मंगलवार की रात ढाई बजे दो लोगों की मौत हुई थी जिसमें पहले स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल सीएमओ डॉ जंगबहादुर की मौत हुई और उसके उसी समय एक और मरीज आये केशव चंद्र श्रीवास्तव जिनकी मौत हो गयी। दोनों शव को मर्चरी में रखा गया था जिसमे पहले जंगबहादुर के परिजनों को बुलाकर शव को पीपीई किट में लपेटकर दे दिया गया और लेकर चले गए। हरिश्चंद्र घाट पर अंत्येष्टि भी कर दिए। 11.30 बजे केशव चंद्र श्रीवास्तव के परिजनों को शव के लिए बुलाया गया तो उन्होंने मुंह खोलकर दिखाने को कहा और जब शव देखे तो होश उड़ गए क्योंकि शव उनका नहीं था। केशव चंद्र मूल रूप से गाजीपुर के रहने वाले थे और कलेक्ट्रेट में प्रशासनिक पद से रिटायर हुए थे।
दुर्व्यवहार से तंग आकर वाराणसी में 32 प्रभारी चिकित्साधिकारियों ने सीएमओ को दिया इस्तीफा
जिले के 32 प्रभारी चिकित्साधिकारियों ने अपने पद से बुधवार को सीएमओ को अपना लिखित इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा है कि वे चिकित्सा-सेवा कार्य करते रहेंगे किंतु किसी पद की जिम्मेदारी ग्रहण करके नहीं। चिकित्साधिकारियों ने आरोप लगाया है कि प्रशासनिक अधिकारी स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बैठकों में दुर्व्यवहार करते हैं। उन्हें अपने टारगेट की ही परवाह रहती है। स्वास्थ्य कर्मियों के दिन-रात मेहनत को तबज्जो नहीं दी जाती। उनके साथ असम्मानजनक व्यवहार किया जाता है।
अपराधी को गोली मारने वाले एक आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ, अन्य की तलाश में छापेमारी
लंका थाना क्षेत्र के सीरगोवर्धनपुर स्थित रविदास मंदिर से आगे गांव के ही अपराधी अनिल यादव उर्फ कल्लू को गोली मारने वाला 25 हजार का पूर्व इनमिया अशोक यादव, राही मिश्रा, मनीष सिंह और शंकर यादव की तलाश में लंका पुलिस और क्राइम ब्रांच टीम ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। सूत्रों के अनुसार एक आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ चल रही है ।अन्य सभी आरोपी अपना घर छोड़कर फरार हो गए हैं और उनके घर के पुरुषों ने भी घर छोड़ दिया है। इंस्पेक्टर लंका महेश पांडेय ने बताया कि आरोपी बहुत ही शातिर किस्म का अपराधी है इसलिये पुलिस टीम लगातार आसपास के जिलों तक छापेमारी कर रही है।
जागरूक लोगों ने पुलिस के खिलाफ शुरू किया चालान कटवाने का अभियान, चौकी प्रभारी व सिपाही का चालान
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए चलाये जा रहे अभियान से अब पीड़ित जनता का सब्र टूट रहा है और अब जागरूक लोगों ने सोशल मीडिया को ही हथियार बनाकर पुलिस पर पलटवार शुरू कर दिया। लोगों का कहना है कि पुलिस विभाग की कार्रवाई सिर्फ आम जनता को प्रताड़ित कर रही है और प्रतिदिन 4 से 5 हजार लोगों का चालान काटा जा रहा है लेकिन पुलिस वाले बेफिक्र होकर बिना हेलमेट , बिना मास्क और बिना नंबर के साथ ही तीन लोगों को भी कोई रोकने वाला नहीं है।
ब्रिटिश शिक्षक अरुंडेल ने हमेशा काशी के क्रांतिकारियों को बचाया गिरफ्तारी से
कैंब्रिज से अपनी पढ़ाई पूरी कर सेंट्रल हिंदू स्कूल में प्रधानाचार्य और इतिहास के शिक्षक जॉर्ज सिडनी अरुंडेल ने हमेंशा बनारस के युवा क्रांतिकारियों का सहयोग किया और कभी अंग्रेजी फौज को सीएचएस की बाउंड्री पार नहीं करने दी। ब्रिटेन में एक दिसंबर को जन्में जॉर्ज सिडनी अरुंडेल कैंब्रिज से मास्टर डिग्री की पढ़ाई करते वक्त भारत के एनी बेसेंट के बारे में और उनके भाषणों को सुन रखा था मन ही मन उनकी भावना ङ्क्षहदोस्तान आने की होने लगी। वह अवसर भी आया जब उनकी पढ़ाई पूरी हो गई और अरुंडेल अपनी मौसी के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, जिसमें थियोसॉफी संस्था से जुड़कर काम करने के बनारस चलने की बात थी। एनी बेसेंट उस दौरान बनारस में सेंट्रल हिंदू स्कूल की नींव रख चुकी थी, जो कि बीएचयू की स्थापना का अहम पड़ाव बना। लीलाधर शर्मा की पुस्तक भारतीय चरित कोष के अनुसार 25 साल की आयु में अरुंडेल 1902-03 में अपनी मौसी के साथ बनारस आ गए और सेंट्रल हिंदू स्कूल में ही इतिहास पढ़ाना शुरू कर दिया। वह धीरे-धीरे दस सालों में छात्रों के काफी पसंदीदा प्रोफेसर बन गए जिसके चलते एनी बेसेंट ने उन्हें प्रिंसिपल बना दिया। इस दौरान उनके कई शिष्य बने लेकिन उनमें से सबसे खास थे महान दर्शनशास्त्री जे कृष्ण मूर्ति।