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Top 5 Varanasi News Of The Day : वाराणसी में संस्कृति संसद, एस के जैन बने बीएचयू कुलपति, दुर्गाकुंड में अन्नपूर्णा का विश्राम

Top Varanasi News जिले की कई महत्‍वपूर्ण खबरों ने रविवार 14 नवंबर 2021 को सुर्खियां बटोरीं हैं। जानिए शाम छह बजे तक की शहर-ए-बनारस की पांच प्रमुख और चर्चित खबरें जो दिन भर चर्चा में बनी रहीं और लोगों की नजरें भी उन खबरों पर बनी रहीं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 14 Nov 2021 06:33 PM (IST)Updated: Sun, 14 Nov 2021 06:33 PM (IST)
Top 5 Varanasi News Of The Day : वाराणसी में संस्कृति संसद, एस के जैन बने बीएचयू कुलपति, दुर्गाकुंड में अन्नपूर्णा का विश्राम
बनारस शहर की कई खबरों ने 14 नवंबर 2021 रविवार को सुर्खियां बटोरीं।

वाराणसी, इंटरनेट डेस्‍क। बनारस शहर की कई खबरों ने रविवार को चर्चा बटोरीं जिनमें वाराणसी में संस्कृति संसद, एस के जैन बने बीएचयू कुलपति, दुर्गाकुंड में अन्नपूर्णा का विश्राम, काशी में राजभाषा हिंदी सम्‍मेलन, वाराणसी में अभिनेत्री भाग्यश्री आदि प्रमुख खबरें रहीं। जानिए शाम छह बजे तक की शहर-ए-बनारस की पांच प्रमुख और चर्चित खबरें।

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वाराणसी में संस्कृति संसद : मंदिरों में बसती है भारत की आत्मा, बोले- अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी

ज्ञान, विज्ञान, प्राकृतिक संरक्षण, कलाओं व संवैधानिक विशेषताओं से परिपूर्ण हुआ करते थे मंदिर। कभी मंदिर व्यक्ति के चरित्र निर्माण का सशक्त माध्यम थे। यही कारण है कि भारतीयों पर राज करने के लिए विदेश से शासकों ने मंदिरों को निशाना बनाया। उसे तोड़ा और व्यवस्था बदला। इससे काफी परंपराएं खत्म हो गई हैं, उसे जीवंत करने का समय आ गया है। मंदिरों को सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनाने के लिए सरकार नियम में बदलाव करे। मंदिरों व संस्कृत विद्यालयों के संचालन पर लगे प्रतिबंध हटाए। संत मंदिरों में पुरातन व्यवस्था लागू करेंगे। ये अमृत स्वरूप विचार 'संस्कृति संसद में 'मंदिर सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र कैसे बनें विषय पर मंथन करते हुए संतों व विद्वानों ने प्रकट किए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने कहा कि भारत की आत्मा मंदिरों में बसती है। त्रेता, द्वापर युग में भी मंदिर थे। प्रभु श्रीराम ने स्वयं शिवलिंग स्थापित करके पूजन किया था। सामाजिक व्यवस्था बिगडऩे लगी तक आदिशंकराचार्य के आह्वान पर संतों व ब्राह्मणों ने मंदिरों की व्यवस्था अपने हाथ में लिया।

प्रो. एस के जैन बने काशी हिंदू विश्‍वविद्यालय के कुलपति, राष्‍ट्रपति भवन से आदेश जारी

वाराणसी, जागरण संवाददाता। बीएचयू में लंबे समय से कुलपति पद का इंतजार आखिरकार खत्‍म हो गया। प्रो. एस के जैन बीएचयू के कुलपति बनाए गए हैं। इस बाबत राष्ट्रपति भवन से राजाज्ञा जारी होने के बाद से परिसर में रविवार को गहमागहमी शुरू हो गई। माना जा रहा है कि बाबा विश्‍वनाथ का दर्शन पूजन करने के बाद नए कुलपति बीएचयू में पदभार ग्रहण करेंगे। शनिवार को बीएचयू के रजिस्‍ट्रार के नाम मिनिस्‍ट्री आफ एजूकेशन डिपार्टमेंट आफ हायर एजूकेशन की ओर से पत्र जारी कर नए कुलपति के नियुक्ति की सूचना जारी की गई है। प्रोफेसर राकेश भटनागर का कार्यकाल मार्च 2021 में खत्‍म होने के बाद से ही रेक्‍टर वीके शुक्‍ल के पास कुलपति का कार्यभार था। प्रोफेसर सुधीर जैन इस समय आइआइटी गांधीनगर में बतौर प्रोफेसर तैनात हैं। 1979 में रुढ़की से उन्‍होंने बी ई किया था। 1980 में एमएस कैलीफोर्निया इंस्टिट्यूट आफ टेक्‍नॉलॉजी से और वहीं से रिसर्च भी उन्‍होंने किया था। भूकंपीय अध्‍ययन पर उनकी दो किताबें भी काफी चर्चा में रही हैं। इसके अलावा दर्जनों राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय सम्‍मान उनको मिल चुका है। उनको वर्ष 2020 के लिए पद्म श्री सम्‍मान भी मिल चुका है।

वाराणसी दुर्गाकुंड में माता अन्नपूर्णा के विश्राम स्थल की प्रशासनिक अधिकारियों ने परखी व्‍यवस्था

लगभग चार दिनों से नई दिल्‍ली राष्‍ट्रीय संग्रहालय से होते हुए कनाडा से वाराणसी पहुंची माता अन्‍नपूर्णा की मूर्ति अब वाराणसी शाम तक पहुंच रही है। काशी विश्‍वनाथ कारीडोर में इसकी स्‍थापना ईशान कोण में करने की तैयारी की जा रही है। इस दौरान मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ भी प्राण प्रतिष्‍ठा के दौरान मौजूद रहेंगे। वहीं अब दुर्गाकुंड स्थित माता कुष्मांडा मंदिर में शाम चार बजे के बाद कनाडा से लाई जा रही माता अन्‍नपूर्णा की प्रतिमा विश्राम के लिए रखी जाएगी। कनाडा के मैकेंजी म्यूजियम से यहां आज आने वाली माता अन्नपूर्णा की मूर्ति शाम चार बजे के बाद दुर्गाकुंड स्थित माता कूष्माडा के मंदिर में रखी जायेगी। मूर्ति के मंदिर में पहुंचने के बाद श्रद्धालु माता अन्नपूर्णा का दर्शन करेंगे। इस बाबत मंदिर की व्यवस्था को परखने के लिए प्रशासनिक अमला एडीएम सिटी गुलाब चन्द्र के नेतृत्व में सुबह मंदिर पहुंचा। उनके साथ एसीएम तृतीय गिरीश चंद्र द्विवेदी भी थे।

राजभाषा हिंदी सम्‍मेलन में बोले अजय मिश्रा - 'मुंशी जी के साहित्य को अविस्मरणीय पहचान'

उपन्यास साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की जन्मस्थली लमही में, अखिल भारतीय राजभाषा हिंदी विभाग द्वारा आजादी के 75 वर्ष में आयोजित अमृत महोत्सव के अंतर्गत रविवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने उनके पैतृक गांव पहुंचकर मुंशी प्रेमचंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। मुंशी प्रेमचंद्र के पोते दुर्गा प्रसाद के साथ उनके पैतृक घर का निरीक्षण किया। उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए गृह राज्य मंत्री ने कहा, पहली बार मुंशी प्रेमचंद के गांव आकर मुझे गर्व की अनुभूति हो रही है। यह मेरे लिए बहुत ही सम्मान की बात है। कहा कि साहित्यकार के रूप में मुंशी जी की पहचान राष्ट्र के गौरव में चार चांद लगाती है। यहां आने के बाद मुझे जिस आनंद की अनुभूति हो रही है उसका वर्णन करना कठिन है। मुंशी जी के साहित्य को अविस्मरणीय पहचान मिले इसके लिए राजभाषा गृह मंत्रालय की ओर से जो कदम उठाए जा रहे हैं उसके लिए मेरी ओर से आभार एवं अभिनंदन। प्रेमचंद्र जी का नाम सुनते ही बचपन में पढ़ी कहानियां याद आती हैं।

बालीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री भाग्यश्री बोलीं - 'काशी के वातावरण में सुकून और शांति'

बालीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री भाग्यश्री ने कहा कि काशी के वातावरण में सकुन व शांति है। गंगा की तट पर कुछ तरह का सकुन महसूस होता है। मानों भगवान यही बसे हुए हैं। वह रविवार को बाल दिवस पर संत अतुलानंद रेजिडेंशियल एकेडमी (होलापुर-परमानंदपुर) में आयोजित सारा कम्युनिटी कार्निवल में बनारस आई हुई थी। इस दौरान विद्यालय परिसर में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि पहले से अब का काशी काफी बदल चुका है। कहा कि बहुत पहले काशी आई थी। उस समय गंदगी होने के कारण गंगा घाट अच्छे नहीं लगते थे। वहीं अब नौका विहार के दौरान प्राय: सभी घाटों पर सफाई दिखी। काशी का काफी विकास हुआ। हालांकि, अब भी बहुत काम होना है। बहरहाल अब देखने में काशी काफी अच्छी लग रही है। कुछ मकानों को ध्वस्त कर गलियों को चौड़ा कर दिया गया है। काशी को सुंदर बनाने का यह अभियान जारी रहना चाहिए। इससे टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और इसका लाभ काशीवासी लोगों को ही मिलेगा।


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