Banaras-Prayagraj Highway पर तीन गुना महंगा हुआ टोल टैक्स, 74 किमी लंबे हाईवे को किया गया सिक्सलेन
बनारस-प्रयागराज नेशनल हाईवे का लोकार्पण पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। लोकार्पण के 30 दिन पहले ही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने टोल टैक्स तीन से चार गुना बढ़ा दिया है। अब यहां से गुजरने वाले 20000 से अधिक छोटे- बड़े वाहनों को अधिक शुल्क देना पड़ रहा है।
भदोही [महेंद्र दुबे]। बनारस-प्रयागराज नेशनल हाईवे का लोकार्पण पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। लोकार्पण के 30 दिन पहले ही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने टोल टैक्स तीन से चार गुना बढ़ा दिया है। अब यहां से गुजरने वाले 20,000 से अधिक छोटे- बड़े वाहनों को अधिक शुल्क देना पड़ रहा है। दो नवंबर से पहले फोर लेन की निर्धारित दर से वसूली हो रही थी, लेकिन अब सिक्स लेन के हिसाब से टैक्स लिया जा रहा है। लंबी दूरी तय करने वाले मालवाहनों का फास्ट टैग से ही शुल्क जमा हो जाता है लेकिन छोटे वाहनों के स्वामी कैश ही भुगतान करते हैं। अचानक इतना अधिक टैक्स बढ़ जाने से उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ गया है।
2447 करोड़ रुपये खर्च हुए परियोजना में
हंडिया से राजातालाब तक हाईवे निर्माण पर 2447 करोड़ खर्च किया गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से दो नवंबर को परियोजना पूर्ण होने का अस्थायी प्रमाणपत्र निर्माण एजेंसी को दे दिया गया था। सिक्सलेन होते ही टोल टैक्स में तीन से चार गुना तक की वृद्धि कर दी गई। वाहन स्वामियों को 74 किलोमीटर सड़क पर चलने के लिए नया शुल्क देना पड़ रहा है।
2 नवंबर के पहले की दर
60 : रुपये जीप, वैन या हल्के मोटर यान
95 : रुपये हल्का वाणिज्यिक यान व मिनी बस
195 : रुपये बस या ट्रक
215 : रुपये तीन धुरी वाले वाणिज्यक वाहन
305 : रुपये चार से छह धुरी वाले यान
375 : रुपये विशाल आकार के यान
2 नवंबर के बाद की दर185 : रुपये कार, जीप, वैन या हल्के मोटर यान
300 : रुपये हल्का वाणिज्यिक यान व मिनी बस
630 : रुपये बस या ट्रक
685 : रुपये तीन धुरी वाले वाणिज्यिक वाहन
985 : रुपये चार से छह धुरी वाले यान
1200 : रुपये विशाल आकार के यान
शुल्क का निर्धारण केंद्रीय मंत्रालय से किया जाता है
हंडिया से राजातालाब तक हाईवे दो नवंबर को ही पूर्ण हो गया था। मुख्य सड़क का निर्माण होने से वाहन चलने लगे हैं। कहीं- कहीं सर्विसलेन अभी बचा है उसे निर्माण एजेंसी पूर्ण कराएगी। 15 वर्षों तक हाईवे का देखभाल भी वही करेगी। सिक्सलेन होने के कारण टोल शुल्क भी बढ़ दिया गया है। शुल्क का निर्धारण केंद्रीय मंत्रालय द्वारा किया जाता है। तीन माह के लिए टोल शुल्क वसूलने के लिए दूसरी एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
- अश्वनी राय, प्रोजेक्ट मैनेजर, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकारण।