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    वाराणसी जिला कारागार में अब टोकन के जरिए बंदियों तक पहुंचेगा सामान

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Sat, 01 Nov 2025 01:11 PM (IST)

    वाराणसी जिला कारागार में बंदियों की सुरक्षा के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। अब मुलाकातियों द्वारा लाए गए सामान को टोकन नंबर के जरिए भेजा जाएगा। इसके लिए 150 विशेष झोले और टोकन बनवाए गए हैं। यह कदम वर्ष 2024 में हुई एक घटना के बाद उठाया गया है, जिसमें एक महिला के बैग में कारतूस मिला था। 

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    प्रशासन ने टोकन नंबर और उन्हीं नंबरों वाले अलग-अलग 150 झोले तैयार कराए हैं।

    राकेश श्रीवास्तव, जागरण, वाराणसी। जिला कारागार प्रशासन ने बंदियों की सुरक्षा के दृष्टिगत बड़ा कदम उठाया है। बंदियों तक पहुंचने वाले उनके मुलाकातियों द्वारा दिए सामान टोकन नंबर के जरिए भेजे जाएंगे। रणनीति को जमीन पर उतारने के लिए जिला कारागार प्रशासन ने टोकन नंबर और उन्हीं नंबरों वाले अलग-अलग 150 झोले तैयार कराए हैं।

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    इस व्यवस्था के लागू होने से जेल में तमंचा, पिस्टल व कारतूस आदि का चोरी-छिपे पहुंचाना मुश्किल होगा। पूर्व में मुलाकाती झोला आदि में सामान लेकर जेल में पहुंचते थे, जहां चेकिंग के बाद उन्हें बंदियों तक भेजा जाता था। व्यवस्था में बदलाव : जेल प्रशासन ने विभिन्न नंबरों वाले 150 झोले और टोकन बनवाए हैं।

    जेल में निरुद्ध बंदियों के स्वजन द्वारा लाए सामान का मिलान कराकर जेल के जिस नंबर के झोले में रखा जाएगा, उसी नंबर का टोकन मुलाकाती को दिया जाएगा। मुलाकाती टोकन बंदी को देगा, जिसे दिखाकर वह अपना सामान प्राप्त कर सकेगा।

    इसलिए पड़ी जरूरत वर्ष 2024 में 18 अगस्त को जिला जेल में पति से मिलने पहुंची महिला के बैग में कारतूस मिला था। जेल प्रशासन की सूचना पर पहुंची लालपुर पांडेयपुर पुलिस ने आरोपित महिला को हिरासत में ले लिया था। उसने बचाव में कई बातें बताईं, लेकिन मामला जेल सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई।

    मुलाकातियों के लिए बनवाए गए विशेष नंबरों वाले डेढ़ सौ झोले 

    एक ही नंबर के टोकन व झोला बनवाने के पीछे मकसद बंदियों की सुरक्षा है। मुलाकात के लिए स्वजन को भेजने के दौरान एक-एक व्यक्ति को चेक कराने में मैन पावर के साथ समय बर्बाद होता है। नई व्यवस्था में बंदियों के सामान जेल के झोले में भरे जाएंगे और उसी दिन शाम को विधिवत चेकिंग के बाद संबंधित तक पहुंचाया जाएगा। बंदी टोकन नंबर के जरिए आने झोले की पहचान कर सकेंगे। - सौरभ श्रीवास्तव, जेल सुपरिटेंडेंट, जिला जेल, वाराणसी।