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कब तक उधार के भवन में चलेंगे साई के छात्रावास, बीएचयू, यूपी कालेज व निवेदिता सदन में संचालित होते हैं छात्रावास

भारतीय खेल प्राधिकरण ने एक जनवरी वर्ष 2016 में बनारस में अपना पहला आवासीय छात्रावास खोला। इनमें से एक भी छात्रावास का मालिकाना हक साई के पास नहीं है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 11:21 AM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 12:33 PM (IST)
कब तक उधार के भवन में चलेंगे साई के छात्रावास, बीएचयू, यूपी कालेज व निवेदिता सदन में संचालित होते हैं छात्रावास
कब तक उधार के भवन में चलेंगे साई के छात्रावास, बीएचयू, यूपी कालेज व निवेदिता सदन में संचालित होते हैं छात्रावास

वाराणसी, जेएनएन। भारतीय खेल प्राधिकरण ने एक जनवरी वर्ष 2016 में बनारस में अपना पहला आवासीय छात्रावास खोला। इस छात्रावास में देश के विभिन्न प्रदेशों से चुने गए बेहतरीन हॉकी, बास्केटबॉल, फुटबॉल और एथलेटिक्स के बालक खिलाड़ी आए। कुछ समय बाद बीएचयू में बालिकाओं के लिए हॉकी, मुक्केबाजी और एथलेटिक्स का एवं निवेदिता शिक्षा सदन में कुश्ती का छात्रावास खोला गया। इनमें से एक भी छात्रावास का मालिकाना हक साई के पास नहीं है।

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इन छात्रावासों में 12 से 18 वर्ष तक बालक-बालिकाओं को निश्शुल्क रहने, खाने और अध्ययन की सुविधा प्राप्त होती है। इन प्रशिक्षुओं को प्रति दिन 247.50 रुपये का भोजन दिया जाता है।

वर्तमान समय में बीएचयू में 35 व निवेदिता शिक्षा सदन में चार बालिकाएं एवं यूपी कालेज में 33 बालक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इनको प्रशिक्षण देने के लिए छह पुरुष और एक महिला कोच भारतीय खेल प्राधिकरण ने नियुक्त किया है।  मालूम हो कि भारतीय खेल प्राधिकरण पहली बार देश के 732 जिलों में खेल सुविधाओं का सर्वेक्षण कराने जा रही है।

23 कैमरों से होती है निगरानी

तीनों छात्रावासों के क्रिया कलापों की निगरानी के लिए साई की ओर से 23 सीसी टीवी कैमरे लगाए गए है। इनमें से 15 यूपी कालेज में एवं बीएचयू और निवेदिता सदन में चार-चार कैमरे लगे हैं।

साई का हो अपना केंद्र

साई छात्रावास, वाराणसी के केंद्र प्रभारी सुरेंद्र प्रसाद ने कहा कि बनारस में भारतीय खेल प्राधिकरण का केंद्र अपनी भूमि और भवन में होना चाहिए। एक स्थान पर सभी केंद्र होने से एक व्यवस्थाएं अपने-आप ठीक हो जाएगी। मानीटरिेंग करने में आसानी होगी। अलग-अलग केंद्र पर सुरक्षा गार्ड रखने पर होने वाला खर्च भी बहुत कम हो जाएगा। जिस तरह से लखनऊ में साई का सेंटर है उसी तरह के सेंटर की आवश्यकता बनारस में है।

प्रदेश सरकार के दो छात्रावास

जासं, वाराणसी: उत्तर प्रदेश खेल निदेशालय द्वारा वाराणसी में सिगरा स्टेडियम में फुटबॉल और डा. भीमराव आंबेडकर क्रीड़ा संकुल में हॉकी का छात्रावास संचालित होता है। दोनों ही बालक वर्ग के लिए है। इसके अलावा इन दोनों स्टेडियम में सुबह-शाम 16 वर्ष के बालक-बालिकाओं को 29 खेलों का प्रशिक्षण दिया जाता है।

शिवपुर मिनी स्टेडियम अनाथ

बनारस जैसे शहर में शिवपुर में एक मिनी स्टेडियम है। इस स्टेडियम का असली मालिका कौन है। इस पर कोई दावा नहीं करता। खेल विभाग का कहना है यह स्टेडियम उनके विभाग का नहीं है। वाराणसी विकास प्राधिकरण भी कहता है कि यह उसका नहीं है।

कालेजों से गायब होते जा रहे खेल मैदान

नगर में खेल मैदान तेजी से गायब हो रहे हैं। पहले बीएचयू, काशी विद्यापीठ, यूपी कालेज, कटिंग मेमोरियल, आदर्श सेवा विद्यालय, डीएवी, सेंट्रल हिंदु स्कूल कमच्छा, वीकेएम, जय नारायण इंटर कालेज और सीएम एंग्लो बंगाली इंटर कालेज में खूब खेल होता है। अच्छी-अच्छी प्रतियोगिताएं आयोजित होती है। आज स्थिति बदल गई है। बीएचयू, काशी विद्यापीठ, यूपी कालेज, डीएवी व जयनारायण कालेज ही खिलाडिय़ों से गुलजार है।


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