सोनभद्र में बिहार सीमा पर बाघ की सूचना से दहशत, तीन दिन में एक दर्जन पशुओं के शव बरामद Sonbhara news
तीन दिन में एक दर्जन पशुओं को मारने की बात ग्रामीण बता रहे लेकिन अभी तक बाघ को किसी ने देखा नहीं है। लोगों में दहशत इस कदर है कि वे अपने मवेशियों को चराने जंगल में नहीं जा रहे हैं।
सोनभद्र, जेएनएन। जनपद की सीमा से सटे बिहार के सीमावर्ती जंगलों में इन दिनों बाघ देखे जाने के बाद से ही लोगों के मन में खौफ से दहशत फैल गई है। तीन दिन में एक दर्जन पशुओं को मारने की बात ग्रामीण बता रहे लेकिन अभी तक बाघ को किसी ने देखा नहीं है। लोगों में दहशत इस कदर है कि वे अपने मवेशियों को चराने जंगल में नहीं जा रहे हैं। हालांकि कई लोगों ने बाघ की संबंधित क्षेत्र में गुर्राहट को सुनने का दावा किया है।
बिहार राज्य के अधौरा थाना क्षेत्र के चौधरना के जंगल में सोमवार को चार भैंस को बाघ द्वारा मारे जाने की बात कही जा रही है। दहार गांव में भी दो दिन पूर्व छह मवेशियों पर हमला कर बाघ मार चुका है। रविवार को अमहरा के जंगल में भी दो पशुओं को मारकर बाघ के खाने की बात ग्रामीणों द्वारा कही जा रही है। यह भी बताया गया कि मांची वन रेंज क्षेत्र के दूधमनिया के जंगल में सोमवार की रात बाघ के दहाड़ मारने की आवाज कुछ लोगों ने सुनी है। मांची रेंजर देवेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है और न ही किसी ग्रामीण ने यह शिकायत की है। इसका पता लगाया जाएगा।
बीते दिनों मीरजापुर जिले में कहीं से भटक कर आए बाघ ने एक पहाड़ी पर दो लोगों पर जानलेवा हमला कर घायल कर दिया था। इसके बाद से ही बाघ का कहीं कोई पता नहीं चल सका था। लोगों ने आशंका जताई है कि इसी बाघ ने इन दिनों पड़ोसी जिले के जंगलों में डेरा डाल दिया है और लोगों के लिए खतरा बन गया है। इससे पूर्व बरसात के दिनों में यही बाघ वाराणसी में वरुणा नदी के किनारे भी लोगों ने देखने का दावा किया था। तीन आस पास के जिलों में बाघ की सक्रियता लगातार बनी हुई है और वन विभाग ने भी बाघ की मौजूदगी को आखिरकार स्वीकार कर लिया मगर उसे पकड़ने में अब तक नाकाम साबित हुए हैं।