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मीरजापुर में टेक्निकल इंजीनियर हत्याकांड पर्दाफाश करने के लिए तीन टीमें गठित, लगातार हो रही पूछताछ

चुनार स्थित शांति गोपाल कानकास्ट लिमिटेड के टेक्निकल डायरेक्टर जीबनेंदु रथ की गोली मारकर हत्या किए जाने जाने की जानकारी होने पर प्रभारी एसपी संजय वर्मा ने घटना का पर्दाफाश करने के लिए तीन टीमें गठित कर दिया है। कंपनी के कुछ लोगों से इस संबंध में पूछताछ की।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 08:08 PM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 08:08 PM (IST)
मीरजापुर में टेक्निकल इंजीनियर हत्याकांड पर्दाफाश करने के लिए तीन टीमें गठित, लगातार हो रही पूछताछ
मीरजापुर में पोस्टमार्टम हाउस के बाहर शांति गोपाल कानकास्ट लिमिटेड के गौतम चौधरी से वार्ता करते सीओ चुनार।

मीरजापुर, जेएनएन। चुनार स्थित शांति गोपाल कानकास्ट लिमिटेड के टेक्निकल डायरेक्टर जीबनेंदु रथ की गोली मारकर हत्या किए जाने जाने की जानकारी होने पर प्रभारी एसपी संजय वर्मा ने घटना का पर्दाफाश करने के लिए तीन टीमें गठित कर दिया है। गठित टीमों में क्राइम ब्रांच, एसओजी और चुनार पुलिस शामिल है। इसके अलावा सर्विलांस से भी सहयोग ने को कहा गया है। गठित टीमें देर रात कंपनी के कुछ लोगों से इस संबंध में पूछताछ की। इसके अलावा एडीजी, आईजी, व प्रभारी एसपी ने भी कंपनी के कर्मचारियों व अन्य लोगों से पूछताछ किया। प्रभारी पुलिस अधीक्षक संजय वर्मा ने कहा कि जल्द ही घटना का पर्दाफाश कर दिया जाए। हत्यारोपी भी सामने होंगे और इसकी साजिश रचने वाला भी सामने होगा।

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गठित टीम देर रात कंपनी पहुंची और वहां के सीसी फुटेज को खंगाला। इसके बाद चुनार बाजार पहुंची। वहां भी आसपास लगे सीसी टीवी कैमरे के फुटेज को देखा। बदमाशों की पहचान की। जिस स्थान पर घटना हुई वहां के लोगों से पूरी जानकारी ली। बदमाशों के हुलिए के बारे में जाना। कुछ लोगों ने बदमाश वहां कब आए और कितनी देर से उनके पीछे लगे थे इसके बारे में विस्तार से बताया। यह भी बताया कि वे काफी देर से उनको देख रहे थे। बार बार उनके पास आने का प्रयास कर रहे थे लेकिन भीड़ होने के कारण नहीं आ पा रहे थे। जब वे गाड़ी की ओर बढ़े तभी उनके पास आकर फायङ्क्षरग की। पुलिस अब यह पता लगाने में जुट गई हैं उनको गोली क्यों मारी गई। 

24 घंटे बाद भी हत्याकांड का कारण नहीं पता चला

चुनार कोतवाली के कबीर मठ के पास देर शाम बेखौफ बदमाश शांति गोपाल कानकास्ट लिमिटेड के टेक्निकल डायरेक्टर जीबनेंदु रथ की गोली मारकर हत्या करने के बाद उसके साथी को गंभीर रूप से घायल करते हुए बड़े ही आराम से पैदल टहलते हुए निकल जाते हैं लेकिन पुलिस उनको पकड़ नहीं पाती है। जबकि चेकिंग के नाम पर सुबह शाम गली चौराहे तिराहे पर लगी रहती है। इससे पुलिस के इस कार्यशैली पर सवाल उठाना तो लाजमी है। एक आम आदमी को पकड़कर ऐसे उसके साथ अभद्र व्यवहार करती हैं जैसे उसने कोई बड़ा अपराध कर दिया हो। लेकिन जो बड़ा अपराध करके निकल जाता हैं उसका पीछा तक नहीं कर पाती है। 

कोतवाली क्षेत्र के रामलीला मैदान के पास स्थित कबीर मठ पर रविवार की शाम बदमाशों ने कंपनी के डाइयरेक्टर की गोली मारकर हत्या कर दिए जाने और उसके साथी को घायल करने की खबर लगते ही कानून व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए। अपराध मुक्त का दावा करने वाले पुलिस अधिकारी के नाक के नीचे बदमाश मैनेजर की सरेराह गोली माकर हत्या कर पैदल ही आराम से निकल जाते हैं और पुलिस उनका सुराग तक नहीं लगा पाती है। लोगों का कहना हैं कि पुलिस केवल दारू गांजा में परेशान रहती है। जमीन पर कार्य तो करती हैं । यहीं कारण हैं कि बदमाश किसी को भी खुलेआम खोली मारकर फरार हो जा रहे हैं। लोग सुरक्षित नहीं है। घटना के 24 घंटे बीत गए लेकिन अभी तक हत्याकांड का कारण पता नहीं चल सका। 

हत्याकांड के बाद भी नहीं हुई चेकिंग

दिन रात वाहनों के चेकिंग करने के नाम पर वसूली में जुटी पुलिस रविवार की देर शाम चुनार में मैनेजर हत्याकांड की घटना होने पर बावजूद चेकिंग नहीं की। पुलिस की सुस्ती का फायदा उठाकर बदमाश फरार हो गए। जबकि पुलिस प्रतिदिन सुबह शाम वाहन चेकिंग करती रहती हैं। इसमें अधिकांश मामले में वह वसूली करने में लगी रहती है। जिसने नहीं दिया उसका चालान करके खाली हो जाती है।

काम के प्रति ईमानदार थे मिलनसार स्वभाव के जीबनेंदु

स्वभाव से काफी मिलनसार व पेशे से इंजीनियर जीबनेंदु रथ मात्र 36 वर्ष की छोटी सी उम्र में शांति गोपाल कानकास्ट लिमिटेड के डायरेक्टर के पद पर पहुंच गए थे। अपने मधुर स्वभाव के चलते स्व. रथ कंपनी के कर्मियों में काफी लोकप्रिय थे। प्लांट में काम करने वालों की माने तो शायद ही उन्होंने किसी से ऊंची आवाज में बात की हो। अपने काम के प्रति ईमानदार और जिम्मेदार रहने का ही परिणाम रहा कि 2018 में पूर्व डायरेक्टर अखिलेश राय के पद छोडऩे के बाद कंपनी प्रबंधन द्वारा जीबनेंदु को टेक्निकल डायरेक्टर बना दिया गया था। कंपनी सूत्रों की माने तो स्थानीय प्लांट में तकनीकि मामलों समेत अन्य महत्वपूर्ण मामलों में प्रबंधन द्वारा उनकी राय ली जाती थी। सोमवार को फैक्ट्री परिसर में काम तो हो रहा था लेकिन अजीब सा सन्नटा पसरा हुआ था। वर्कर अपने काम में मशगूल थे लेकिन अपने अधिकारी के जाने का गम उनकी आंखों में दिखाई दे रहा था। छोटी सी उम्र में ही काफी ऊंचाई पर पहुंचने वाले जीबनेंदु की जान कहीं उनकी तरक्की ने ही तो नहीं ले ली। हत्या के पीछे क्या कारण था यह तो हत्यारों के पकड़ में आने के बाद ही लगेगा लेकिन पुलिस अधिकारी अपनी ओर से कोई कोर कसर नहीं छोडऩा चाह रहे हैं। पुलिस की पड़ताल में मृतक के वैवाहिक जीवन व किसी माफिया द्वारा रंगदारी मांगे जाने समेत फैक्ट्री के सहयोगियों की तरफ भी संदेह की सुई घूम रही है।


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