धर्म, पर्यटन और आध्यात्म की नगरी काशी में नए साल में बढ़ जाएंगे सैर-सपाटा के तीन ठिकाने
धर्म व पर्यटन की नगरी काशी में नए साल में सैर- सपाटा के तीन ठिकाने बढ़ जाएंगे।
वाराणसी [प्रमोद यादव]। धर्म व पर्यटन की नगरी काशी में नए साल में सैर- सपाटा के तीन ठिकाने बढ़ जाएंगे। महात्मा बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ में इसमें बेहद खास होगी। बुद्धा थीम पार्क सैलानियों के लिए खुलेगा तो गंगा पर नया क्रूज का बेड़ा भी बढ़ जाएगा। पर्यटन विभाग के वर्षो से लंबित तीनों प्रोजेक्ट लगभग पूरे होने की ओर हैं। अब इनके संचालन के लिए एजेंसी को जिम्मेदारी देने की दिशा में फाइलें दौड़ाई जाने लगी हैं। संयुक्त निदेशक अविनाश चंद्र मिश्र के अनुसार फरवरी में तीनों प्रोजेक्ट जनता को समर्पित कर दिए जाएंगे। लाइट एंड साउंड शो चलाएगा उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास निगम सारनाथ पुरातात्विक खंडहर में लाइट एंड साउंड शो फरवरी में शुरू हो जाएगा।
इसके संचालन की जिम्मेदारी पर्यटन विकास निगम को दी जाएगी। पर्यटन विभाग ने केंद्र निदेशालय को पत्र लिख कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण व पर्यटन विकास निगम के बीच अनुबंध का आग्रह किया है। उद्देश्य यह की कार्य पूरा होते ही संचालन शुरू करने के लिए औपचारिकताएं पहले ही पूरी की जा सकें। महात्मा बुद्ध के जीवन व सारनाथ के बारे में ध्वनि-प्रकाश संयोजन से 45 मिनट की डाक्यूमेंट्री दिखाने का प्रावधान है। वर्ष 2016 में ही 7.88 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए अधिसूचना जारी की गई थी। इसे मार्च 2018 में ही पूरा करना था। फिलहाल इसे धमेख स्तूप पर दिखाया जाएगा। स्क्रिप्ट संशोधित हो चुकी है जिसकी रिकार्डिग कराई जानी है। बुद्धा थीम पार्क तैयार, मल्टी परपज हाल में सिर्फ फर्नीचर का इंतजार सारनाथ में डीयर पार्क के पिछले हिस्से में चार एकड़ भू भाग पर नौ साल से बन रहे बुद्धा थीम पार्क व मल्टीपरपज हाल नए साल में जनता को समर्पित किया जाएगा। इसका संचालन भी पर्यटन विकास निगम करेगा। इसकी औपचारिकता पूरी की जा रही है। हाल में सिर्फ फर्नीचर लगाया जाना है जिसके लिए बजट का इंतजार है। पर्यटन विभाग ने 2010 में 7.68 करोड़ रुपये की लागत से पार्क व मल्टीपरपज हाल का निर्माण शुरू किया गया था। इसमें तालाब, ध्यान साधना के लिए छोटे-छोटे हट, कैफेटेरिया, पार्किंग व लाइब्रेरी बनानी थी। यहां 2.56 करोड़ की लागत से पार्क तैयार है। इसमें लाल पत्थरों पर बुद्ध के उपदेश व जीवनवृत्त चित्रित है। नक्काशीदार फव्वारा, रंगीन वाटर टैंक व छह गजीबो (बैठने के लिए) बनाए गए हैं।
खरमास बाद गोवा से बनारस की ओर चल देगा क्रूज : गंगा में पर्यटन विभाग का लक्जरी क्रूज फरवरी से चलने लगेगा। गोवा शिपयार्ड इसका निर्माण कर रही है। इसे खरमास बाद बनारस के लिए रवाना कर दिया जाएगा। यहां तक आने में उसे लगभग एक माह का समय लगेगा। पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद योजना के तहत प्रदेश सरकार ने पिछले साल दिसंबर में 10.70 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। तीन बार टेंडर के बाद भी किसी कंपनी के सामने न आने पर इसकी जिम्मेदारी गोवा शिपयार्ड को दी गई थी। राजमहल जैसे वातानुकूलित क्रूज में 200 लोग बैठ सकेंगे। रेस्त्रां के साथ ही संगीत, म्यूजिक आदि का भी इंतजाम होगा। फिलहाल गंगा में निजी कंपनी का क्रूज अस्सी से राजघाट तक संचालित किया जा रहा है। सरकारी क्रूज को चुनार से कैथी तक विस्तार पर भी विचार किया जा रहा है।