प्रवासी भारतीय दिवस : अब तीन दिन बचल हौ, आवा गुरु ला 'बनारस' क मजा
वाराणसी में प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन भले ही 21 जनवरी से 23 जनवरी तक प्रस्तावित हो मगर आयोजन में शिरकत के लिए बस आपके पास तीन दिन और समय शेष है।
वाराणसी [अभिषेक शर्मा] । अपने आतिथ्य से लिए दुनिया भर में पहचान रखने वाला बनारस शहर इस बार प्रवासी भारतीय सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। गली, मोहल्लों से लेकर चाय की अडिय़ों तक आयोजन की चर्चाओं के बीच अब आयोजन में अधिकृत तौर पर शिरकत करने का समय थमने जा रहा है। प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन भले ही 21 से 23 जनवरी तक प्रस्तावित हो मगर आयोजन में शिरकत के लिए बस आपके पास तीन दिन और समय शेष है। प्रवासी भारतीय दिवस वैसे तो काशी में वैश्विक आयोजन का हिस्सा है लेकिन प्रवासी भारतीयों के अतिरिक्त दूसरे लोग भी आयोजन का हिस्सा बन सकते हैं। इसके लिए आनलाइन आवेदन का सिलसिला 15 दिसंबर की रात थम जाएगा।
आयोजन में शिरकत करने के लिए आनलाइन व्यक्तिगत और समूह के तौर पर भी कोई भी पंजीकरण करा सकता है। जिसमें व्यक्तिगत तौर पर भारतीय, एनआरआई सहित भारतीय मूल आदि के लोगों के शामिल होने के लिए आवेदन का मौका है। वहीं समूह के रूप में शामिल होने के लिए तीन दर्जन समूहों की लिस्ट तैयार है। इसमें भी भारतीयों से लेकर भारतीय मूल के लोगों को आयोजन में शामिल होने का मौका दिया जा रहा है।
आवेदन के दौरान निजी जानकारियों सहित दस्तावेजों के अतिरिक्त मोबाइल नंबर, मेल और वाट्सएप की भी जानकारी ली जा रही है। आवेदन पूरी तरह से भरने के बाद पीबीडी की ओर से मेल भेजकर आयोजन की पूरी रूपरेखा से लोगों को अवगत कराया जा रहा है। आवेदन करने का समय बीतने के बाद उम्मीद है कितने लोग आयोजन में हिस्सा लेंगे उसकी अधिकृत जानकारी मिल सकेगी।
आयोजन सुबह से ही : 21 जनवरी को आयोजन सुबह साढे नौ बजे से होगा। जिसके पहले सत्र में नार्वे के सांसद हिमांशु गुलाटी और न्यूजीलैंड के सांसद कंवलजीत सिंह बक्शी शामिल होंगे। इसी दिन बीएचयू में छात्रों संग संवाद का भी आयोजन किया जाएगा। शाम को सांस्कृतिक आयोजन के बाद रात्रि भोज की मेजबानी सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे।
22 जनवरी को सुबह दस बजे से सत्र प्रारंभ होगा। जिसे सीएम, विदेश मंत्री, प्रधानमंत्री और मॉरीशस के पीएम संबोधित करेंगे। दिन भर के आयोजन के बाद रात्रि भोज की मेजबानी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज करेंगी।
23 जनवरी को सुबह नौ बजे से विविध विषयों पर वैश्विक मंथन का दौर चलेगा। जबकि दोपहर में राज्यपाल लंच पर लोगों की मेजबानी करेंगे। वहीं शाम को प्रवासी भारतीयों को सम्मानित भी किया जाएगा। इसके बाद अगले दिन क्रमश: प्रयागराज और नई दिल्ली के आयोजन में शामिल होने के लिए प्रवासी भारतीय रवाना होंगे।
शामिल होने की पंद्रह वजहें : प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शामिल होने की पंद्रह प्रमुख वजहें भी आयोजन के लिए प्रवासियों को बताई जा रही हैं। जिनमें पहले स्थान पर गंगा आरती और क्रमश: गंगा स्नान, नौका विहार, मंदिरों का भ्रमण, स्ट्रीट फूड, बनारस घराने की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, बनारसी बुनकारी आदि शामिल है। इसके अतिरिक्त संगम स्नान, कुंभ मेला, यूनेस्को हेरिटेज साइट, चांदनी चौक, दिल्ली हाट, लोटस टेंपल, स्थानीय फूड और गणतंत्र दिवस परेड शामिल है।
प्रदर्शनी की तैयारी : प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए तीन दिनों तक आधुनिक और प्राचीन भारत के थीम पर प्रदर्शनी का भी आयोजन होगा। जिसमें योग और आयुर्वेद, हमारी संस्कृति हमारी पहचान, खोज परक परियोजनाएं और बिल्डिंग आफ उत्तर प्रदेश विषयों पर बल दिया गया है। साथ ही भारतीय हस्तकला और कल्चरल बाजार के तौर पर स्थानीय कारीगरों के लिए भी स्टाल ऑनलाइन बुक किया जा सकता है।