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वाराणसी के ट्रामा सेंटर में तीन कोरोना मरीजों ने बढ़ाई मुसीबत, लापरवाही पड़ रही भारी

वाराणसी में तीन कोरोना मरीजों के संपर्क में आए लोगों की न तो ट्रेसिंग कराई गई और न ही जांच। अब यही लापरवाही रेजिडेंट डॉक्टरों में कोरोना संक्रमण का कारण बन रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 11:06 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 04:35 PM (IST)
वाराणसी के ट्रामा सेंटर में तीन कोरोना मरीजों ने बढ़ाई मुसीबत, लापरवाही पड़ रही भारी
वाराणसी के ट्रामा सेंटर में तीन कोरोना मरीजों ने बढ़ाई मुसीबत, लापरवाही पड़ रही भारी

वाराणसी, जेएनएन। पिछले महीने ट्रामा सेंटर, बीएचयू में भर्ती हुए तीन मरीजों के कारण अब यहां के डाक्टर से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ में कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। तीनों मरीज की रिपोर्ट छह दिन बाद पॉजिटिव मिली थी। इस दौरान न सिर्फ उनका ऑपरेशन किया गया, बल्कि पोस्ट ओटी वार्ड व जनरल वार्ड में इलाज भी चला। छह दिन में कई डाक्टर, जूनियर डाक्टर व नर्सिंग स्टाफ मरीजों के संपर्क में रहे थे। ट्रामा सेंटर में भर्ती तीन में से दो मरीजों को बीएचयू अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया, जबकि मीरजापुर के मरीज की मौत हो गई थी।

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रेजिडेंट में कोरोना की पुष्टि होने पर 13 अन्य हुए क्वारंटाइन

सूत्रों के मुताबिक इन सबके बावजूद न तो संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग कराई गई और न ही जांच। अब यही लापरवाही रेजिडेंट डॉक्टरों में कोरोना संक्रमण का कारण बन रही है। वहीं अस्थि रोग विभाग के एक जूनियर रेजिडेंट में कोरोना की पुष्टि होने पर उसके साथ के 13 अन्य जूनियर रेजिडेंट को एहतियातन क्वारंटाइन कर दिया गया। इसका हवाला देेते हुए विभागाध्यक्ष ने आर्थोपेडिक इमरजेंसी ओटी अस्थाई रूप से रोकने की मांग थी, जिसे ट्रामा सेंटर के प्रोफेसर इंचार्ज ने हालात के मद्देनजर स्वीकार कर लिया।

कहां से हुआ संक्रमित, नहीं हो रही पुष्टि

प्रोफेसर इंचार्ज के मुताबिक अस्थि रोग विभाग का जूनियर रेजिडेंट कहां और किन परिस्थितियों में संक्रमित हुआ, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। आर्थोपेडिक वार्ड में भर्ती मरीजों की भी जांच की गई, मगर इनमें से कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं मिला।

इमरजेंसी रूम में उपचार के बाद रेफर किए जा रहे मरीज

बीएचयू के ट्रामा सेंटर के इंचार्ज प्रो. एसके गुप्ता का कहना है कि ट्रामा सेंटर आने वाले सभी मरीजों को स्क्रीनिंग एरिया से गुजरना होता है। कोरोना संक्रमण की आशंका पर मरीज को होल्डिंग एरिया में रखा जाता है, और उसकी कोरोना जांच की जाती है। रिपोर्ट निगेटिव आने पर ट्रामा सेंटर व पॉजिटिव आने पर बीएचयू अस्पताल में आइसोलेशन में मरीज का इलाज किया जाता है। आर्थोपेडिक के मरीजों को इमरजेंसी कक्ष में ही प्राथमिक उपचार कर जिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है। नए मरीज भर्ती नहीं लिए जा रहे, वहीं पहले से भर्ती मरीजों का इलाज जारी है। इसके अलावा न्यूरोसर्जरी, जनरल सर्जरी व प्लास्टिक सर्जरी में पहले की तरह ही चिकित्सीय सेवाएं उपलब्ध हैं। 


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