वाराणसी के प्रत्येक पंचायत में बनेंगे तीन पशु आश्रय स्थल, सीडीओ ने समीक्षा बैठक के बाद दिया निर्देश
मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने समस्त खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येग ग्राम पंचायत में सचिव तीन पशु आश्रय स्थल का निर्माण कराएं।
वाराणसी, जेएनएन। मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने समस्त खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येग ग्राम पंचायत में सचिव तीन पशु आश्रय स्थल का निर्माण कराएं। साथ ही तीस फीसद सामुदायिक शौचालय का जियो टैग कराए जाए।
सीडीओ समस्त खंड विकास अधिकारियों एवं सहायक विकास अधिकारी पंचायत के साथ सामुदायिक शौचालय निर्माण की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने सहायक विकास अधिकारी, पंचायत चिरईगांव सुनील कुमार सिंह के बैठक में अनुपस्थित होने पर उक्त दिवस का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकने का निर्देश दिया। जिला पंचायत कार्यालय में नियुक्त डीपीसी को निर्देशित किया प्रतिदिन सुबह सात बजे आवंटित ब्लॉक का निरीक्षण कर सामुदायिक शौचालय के टारगेट को पूर्ण कराएं। बैठक में समस्त खंड विकास अधिकारी एवं समस्त सहायक विकास अधिकारी उपस्थित रहे।
जांच करने पहुंचे एडीपीआरओ, शिकायतकर्ता गायब
चिरईगांव विकास खंड के ग्राम पंचायत रामचंदीपुर में विकास कार्यो में प्रधान द्वारा अनियमितता बरतने की शिकायत पर मंगलवार को एडीपीआरओ उपेंद्र कुमार पांडेय ने प्रधानमंत्री आवास योजना व शौचालय के पात्र लाभार्थियों को बुलाकर पूछा। वहीं, शिकायतकर्ता राकेश सिंह मौके पर नहीं पहुंचे। अपर जिला पंचायत राज अधिकारी का कहना है कि राकेश सिंह की शिकायत पर जांच करने रामचंदीपुर गए थे। जांच में सब कुछ सही पाया गया। ग्रामीणों ने शिकायतकर्ता के ऊपर अनर्गल आरोप लगाकर गांव का विकास प्रभावित करने का आरोप लगाया। शिकायतकर्ता द्वारा हमेशा ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में धांधली का आरोप लगाया जाता है। इस बात से उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। रामचंदीपुर के अलावा मुस्तफाबाद, चांदपुर में सामुदायिक शौचालय निर्माण को भी देखा।
घनी आबादी वाले गांवों में है एएनएम व आशाओं की कमी
काशी विद्यापीठ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मंगलवार को यूनिसेफ व यूपीटीएचयू की टीम पहुंची। टीम ने प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. नवीन सिंह से विकास खंड की आबादी के सापेक्ष एएनएम व आशा कार्यकर्ता की तैनाती, ग्रामीण स्वास्थ्य पोषण समिति, टीकाकरण, उप स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति आदि की जानकारी ली। इस दौरान फुलवरिया, भगवानपुर, सुसुवाहीं, लोहता, कोटवां समेत अधिक आबादी वाले गांवों में आबादी के लिहाज से एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं की कमी की बात सामने आयी। अक्टूबर में नीति आयोग द्वारा विकास खंड को गोद लिया जाएगा। इसी के मद्देनजर स्वास्थ्य सेवाओं की पड़ताल की जा रही है।