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ट्विटर पर धमकी : काशी में आतंक की दस्तक, निशाने पर योगी आदित्‍यनाथ और मोहन भागवत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी आतंकियों के निशाने पर है। ट्विटर थ्रेड के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 01 Aug 2019 09:42 PM (IST)Updated: Fri, 02 Aug 2019 04:26 PM (IST)
ट्विटर पर धमकी : काशी में आतंक की दस्तक, निशाने पर योगी आदित्‍यनाथ और मोहन भागवत
ट्विटर पर धमकी : काशी में आतंक की दस्तक, निशाने पर योगी आदित्‍यनाथ और मोहन भागवत

वाराणसी [विकास बागी] । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी आतंकियों के निशाने पर है। कुछ इस्लामिक कट्टरपंथियों ने अपने ट्विटर एकाउंट पर चल रहे गजवा-ए-हिंद के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत व हिंदू विवेक केंद्र से जुड़े लोगों को मारने के साथ ही दिल्ली-काश्मीर समेत अन्य स्थानों पर आतंक फैलाने से संबंधित ट्वीट किया है। ट्विटर धमकी के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।

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ट्विटर  एकाउंट सरियॉज बी दी मैन की ओर से किए गए एक ट्वीट में हथियारबंद एक युवक की फोटो अपलोड की गई जिसका नाम उस्मा लशरी बताया गया है। उस्मा लशरी गजवा-ए-हिंद (भारत के खिलाफ जिहाद) के लिए आतंक फैलाने की साजिश रच रहे दी बैंड ऑफ सेवन का सदस्य है।

उस्मा लशरी को योगी आदित्यनाथ, मोहन भागवत के साथ ही वाराणसी से कोलकाता तक फैले हिंदू विवेक केंद्र से जुड़े लोगों को मारने की जिम्मेदारी दी गई है। अपलोड फोटो की मानें तो शाहिन तीन (पाकिस्तान की उन्नत मिसाइल) को वाराणसी से कोलकाता के बीच पिन प्वांइट करना है।

कोड मरखोर, निशाना हिंदू नेता

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े दी बैंड ऑफ सेवन द्वारा तैयार नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए लशरी का कोडवर्ड मरखोर रखा गया है। ट्वीट में कहा गया है कि मरखोर गजवा-ए-हिंद का सबसे सक्रिय खिलाड़ी है और युद्ध के लिए तैयार सबसे अग्रिम पंक्ति है।

2005 में पहली बार बनारस आया आतंकियों के निशाने पर

2005 में पहली बार बनारस आतंकियों के निशाने पर रहा। दशाश्वमेध में कुकर बम विस्फोट कर आतंकियों ने दहशत फैलाई। सात मार्च 2006 को संकटमोचन व कैंट रेलवे स्टेशन पर हुए विस्फोट में 25 से अधिक की जान गई, कई जख्मी भी हुए। 13 नवंबर 2007 को कचहरी में हुए बम विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई। शीतला घाट पर दिसंबर 2010 में हुए विस्फोट में एक बच्ची की मौत हो गई थी जबकि कई विदेशी गंभीर रूप से घायल हुए थे। पूर्व में वाराणसी में कई आतंकियों के छिपे होने की जानकारी भी सुरक्षा एजेंसियों के माध्यम से सामने आ चुकी है। 

क्या है गजवा-ए-हिंद

पुलवामा हमले से पूर्व पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक सम्मेलन का वीडियो जारी हुआ था। नवंबर 2017 के उस वीडियो में संगठन से जुड़े आतंकियों ने संकल्प लिया कि भारत-पाकिस्तान के बीच चाहे जैसे संबंध रहें, वह अपना गजवा-ए-हिंद (मुस्लिम विद्य) जारी रखेगा। कुछ मुस्लिम विद्वानों के मुताबिक हदीस में भविष्यवाणी है कि हिंदुस्तान में एक जंग होगी जो कि गजवा-ए-हिंद होगी। बहुत सारे सहाबा (पैगंबर साहब के संगती) ने इसका जिक्र किया है। कई किताबों में भी इसका जिक्र है, लेकिन यह जंग कब होगी, इसका कोई समय नहीं बताया गया है।

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