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इस बार राममय होगा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, शिल्पकार राममंदिर से मिलते झूले बनाने की कर रहे हैं तैयारी

जन्माष्टमी नजदीक है हर घर में लोग अपने लडडू गोपाल को सजाने संवारने में लगे हैं। मगर इस बार वाराणसी में कृष्ण जन्माष्टमी राममय होगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 01:38 AM (IST)
इस बार राममय होगा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, शिल्पकार राममंदिर से मिलते झूले बनाने की कर रहे हैं तैयारी
इस बार राममय होगा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, शिल्पकार राममंदिर से मिलते झूले बनाने की कर रहे हैं तैयारी

वाराणसी [वंदना सिंह]। जन्माष्टमी नजदीक है, हर घर में लोग अपने लडडू गोपाल को सजाने संवारने में लगे हैं। मगर इस बार कृष्ण जन्माष्टमी राममय होगी। जी हां, बाजार में जन्माष्टमी पर मिलने वाले भगवान कृष्ण के वस्त्र और झूले को लेकर नया प्रयोग हो रहा है। इसमें कारीगर राममंदिर में जिस प्रकार भगवान राम ने हरे रंग का मखमली परिधान पहना था उसी तर्ज पर कृष्ण जी के वस्त्र तैयार कर रहे हैं। साथ ही ऐसे झूले बनाए जा रहे हैं जिसकी डिजाइन राममंदिर से मिलती जुलती हो। इसके अलावा लड़की के झूले को हरे मखमली कपड़ों से सजाया जा रहा है और पूरनी एक थीम तैयार की जा रही है। यानी नटखट नंदलाल इस साल राममंदिर वाले झूले के अंदर विराजमान होंगे और उसी अंदाज में सजेंगे।

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हैंडी क्राफट के कारोबारी दिनेश अग्रवाल बताते हैं इस साल कोरोना के कारण तो बाजार प्रभावित हैं मगर जन्माष्टमी के लिए हमारे पास जो भी आर्डर आ रहे हैं उसमें हरे रंग के मखमली परिधान व उसी से मैच करता झूला की मांग है। सब कुछ हरा बिल्कुल वैसा ही जैसा राममंदिर भूमिपूजन में श्रीराम ने धारण किया था। खास बात ये कि इस बार मखमल के वस्त्र ही बन रहे हैं। लोग कृष्ण के साथ राम की छवि भी चाहते हैं। इसके साथ ही लकड़ी के ऐसे झूले भी हम लोग तैयार कर रहे हैं जिसका स्र्टक्चर राममंदिर के भवन से मिलता जुलता हो, इसकी तैयारी चल रही है। सही मायने में कोरोना के बावजूद आस्था अडिग है। लोग थोड़ा ही सही मगर लडउू गोपाल के लिए तैयारी कर रहे हैं। वहीं घरों में महिलाएं सुंदर वस्त्र बनाने में जुटी हैं। कस्टमर यही चाहते हैं कि जो भी बने वो राम से प्रेरित हो और कृष्ण उसमें विराजें। इस बार की जन्माष्टमी में राम और कृष्ण दोनों ही होंगे।

राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिल्पकार रामेश्वर ङ्क्षसह इस वक्त ऐसे झूले बना रहे हैं जिसकी बनावट राम मंदिर से मिले। वहीं उन्होंने इस बार जन्माष्टमी पर परंपरागत रंगों से सजे लकड़ी के झूले में राम दरबार सजाया है जिसमें राम, सीता, भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न, हनुमान की लकड़ी मूर्ति है। रामेश्वर सिंह ने बताया इस साल जन्माष्टमी पर राम दरबार की झांकी भी लोग पसंद कर रहे हैं। इस झूले पर कृष्ण भी विराजेंगे। चूंकि समय कम है इसलिए हम झूलों को पूरी तरह तो राममंदिर जैसा स्वरूप नहीं दे पा रहे मगर जनता की मांग को देखते हुए प्रयास है कि जन्माष्टमी पर राममंदिर जैसे झूले पर कृष्ण की पूजा हो। इसके साथ ही जल्दी ही हम लोग लकड़ी के हेलीकाप्टर, हवाई जहाज और ट्रेन भी बाजार में लाने वाले हैं। इसकी डिजाइन तैयार हो चुकी है अब काम शुरू होने वाला है। रामेश्वर सिंह ने बताया अगर कोरोना काल न होता तो आज राममंदिर के भूमि पूजन के बाद काफी ज्यादा आर्डर शिल्पियों के पास होते। मगर ये भी सच है कि एक बड़ा बाजार खड़ा हो रहा है जिसमें लकड़ी के सामानों की जबरदस्त मांग होगी और जैसे ही ये महामारी खत्म होगी कारोबार ऊंचाई पर होगा। अभी तो पिछले आर्डर का पेमेंट न हो पाने से हमें परेशानी हो रही है।


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