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अबकी संयोगों का सावन, आरंभ और पूर्णाहुति दोनों सोमवार को, देवाधिदेव महादेव का प्रिय मास

देवाधिदेव महादेव को प्रिय मास सावन इस बार कई संयोग सहेजे हुए है। सबसे खास यह कि सावन का आरंभ सोमवार (छह जुलाई) से और पूर्णाहुति भी सोमवार (तीन अगस्त) को ही होगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 11:17 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 09:50 AM (IST)
अबकी संयोगों का सावन, आरंभ और पूर्णाहुति दोनों सोमवार को, देवाधिदेव महादेव का प्रिय मास
अबकी संयोगों का सावन, आरंभ और पूर्णाहुति दोनों सोमवार को, देवाधिदेव महादेव का प्रिय मास

वाराणसी, जेएनएन। देवाधिदेव महादेव को प्रिय मास सावन इस बार कई संयोग सहेजे हुए है। सबसे खास यह कि सावन का आरंभ सोमवार (छह जुलाई) से और पूर्णाहुति भी सोमवार (तीन अगस्त) को ही होगी। बाबा भोले शंकर को प्रसन्न करने के लिए इस बार पांच सोमवार मिलेंगे। आषाढ़ पूर्णिमा पर (पांच जुलाई) को गुरु पर्व मनाने के बाद अगले दिन से हर ओर सावन लहराएगा। सोमवती अमावस्या के साथ ही सोमवारी पूर्णिमा पर रक्षा बंधन मनाया जाएगा। ख्यात ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार सावन भौम व्रत, दुर्गा यात्रा, गौरी पूजन व हनुमत दर्शन के लिए भी विशेष होता है। सावन में हर मंगलवार को सौभाग्यवती स्त्रियों को व्रत रख कर मंगला गौरी (पार्वती) के पूजन का विधान है। इस व्रत को करने से कुंवारी कन्याओं को सुंदर वर की प्राप्ति होती है। इस बार इस व्रत के चार मौके (7 जुलाई, 14 जुलाई, 21 व 28 जुलाई) मिलेंगे। दोनो पक्षों में (18 जुलाई व एक अगस्त) को शनि प्रदोष व्रत का भी योग बन रहा है।

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विशेष विधान

सावन पर्यंत सोमवार व्रत, दर्शन -पूजन का विशेष महत्व है। मान्यता है जो भक्त भगवान शिव की नियमित पूजा -आराधना न कर सकें, सावन पर्यंत हर सोमवार और प्रदोष को व्रत रखें। देवाधिदेव महादेव की प्रसन्नता के लिए पाॢथव शिवलिंग बनाकर पूजन-अर्चन के साथ ही जलाभिषेक, रूद्राभिषेक, बिल्वार्चन, अक्षतार्चन कर भांग-धतूरा, पुष्प अर्पित करें तो इससे भी भोलेनाथ अति प्रसन्न होते हैं।

मनसा पूजन अर्चन

कोरोना संकट के कारण इस बार गुरुदेव की ध्यान साधना घरों से ही करनी होगी तो श्रीकाशी विश्वनाथ दरबार समेत मंदिरों में बंदिशों के साथ दर्शन होंगे। संत मत अनुयायी मठ गड़वाघाट, अघोराचार्य बाबा कीनाराम स्थली-क्रीं कुंड, अघोरेश्वर पीठ-पड़ाव, परमहंस आश्रम सक्तेशगढ समेत गुरु पीठों की ओर से शिष्यों को आश्रम या किसी कुटिया पर न आने और घर से ही ध्यान लगाने का निर्देश दिया गया है।

विशेष तिथियां

पहला सोमवार -सावन आरंभ -6 जुलाई

दूसरा सोमवार - 13 जुलाई

तीसरा सोमवार - 20 जुलाई - सोमवती अमावस्या

नाग पंचमी - 25 जुलाई

चौथा सोमवार -27 जुलाई

पांचवा सोमवार -तीन अगस्त - रक्षा बंधन (सावन पूर्णिमा)


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