टोपी जो बचाएगी आपकी 'स्मरण शक्ति', डिमेंसिया व अल्जाइमर के मरीजों को लाभ
वाराणसी में डिमेंसिया, अल्जाइमर के मरीजों के लिए अब उम्मीद की एक नई किरण नजर आई है। एक शोधछात्र ने ऐसी डिवाइस बनाई है जो स्मरण शक्ति को बचाएगी।
वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव] । डिमेंसिया, अल्जाइमर वह बीमारी है जो उम्र बढ़ने के साथ ही हर इंसान को घेर लेती है। वैसे तो यह बीमारी 60 वर्ष के बाद घर करती है। मगर मौजूदा दौर में बदल रही जीवन शैली के कारण इस उम्र से पहले भी लोग चपेट में आ रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि इस बीमारी के कारण विदेशों में हर एक लाख में से 300 लोग मर रहे हैं। वहीं भारत में यह आंकड़ा 180-200 है। हालांकि अब डिमेंसिया के मरीजों के लिए उम्मीद की एक नई किरण नजर आई है।
लखनऊ के आलमबाग निवासी एवं आइआइटी, गुवाहाटी के शोधछात्र गौरव पांडेय ने एक ऐसी डिवाइस तैयार की है जो स्मरण शक्ति को बचाएगी। यह डिवाइस टोपी में भी लगाई जा सकेगी। इस नई खोज का गुरुवार को बीएचयू के स्वतंत्रता भवन की गैलरी में पोस्टर प्रजेंटेशन हुआ। आइआइटी, गुवाहाटी स्थित बायो साइंस एंड बायो इंजीनिय¨रग विभाग के डा. विबिन रामाकृष्णा के निर्देशन में गौरव पांडेय ने इलेक्ट्रानिक फील्ड बेस्ड डिवाइस तैयार की है। बताया कि इस डिवाइस को टोपी में भी लगाया जा सकता है। जो सिर में थेरेपी के माध्यम से न्यूरॉन के जमे सेल को अलग करेगी।
मालूम हो कि मस्तिष्क में जब एबी विटा प्रोटीन होता है। इसके जमने के बाद न्यूरॉन के सेल मरने लगते हैं, जिससे डिमेंसिया यानी भूलने की बीमारी शुरू हो जाती है। मेमोरी लॉस होने के बाद धीरे-धीरे शरीर के अन्य हिस्से भी प्रभावित होने लगते हैं। गौरव ने बताया कि सेल लाइन पर यह रिसर्च सफल रहा है, जिसका पेटेंट भी करा लिया गया है।