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यह एप ढूंढ़ निकालेगा खोया स्मार्टफोन, डाटा भी सुरक्षित, पॉवर बटन को तीन बार दबाते ही लोकेशन जाएगी स्थानीय पुलिस को

आइआइटी बीएचयू स्थित इंक्यूबेशन सेंटर की देखरेख में चंदौली के युवा मृत्युंजय सिंह ने एक ऐसा एप वीजीएम तैयार किया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 08:10 AM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 10:36 AM (IST)
यह एप ढूंढ़ निकालेगा खोया स्मार्टफोन, डाटा भी सुरक्षित, पॉवर बटन को तीन बार दबाते ही लोकेशन जाएगी स्थानीय पुलिस को
यह एप ढूंढ़ निकालेगा खोया स्मार्टफोन, डाटा भी सुरक्षित, पॉवर बटन को तीन बार दबाते ही लोकेशन जाएगी स्थानीय पुलिस को

वाराणसी [हिमांशु अस्थाना]। आइआइटी बीएचयू स्थित इंक्यूबेशन सेंटर की देखरेख में चंदौली के युवा मृत्युंजय सिंह ने एक ऐसा 'एप वीजीएम' तैयार किया है जिसे यदि कोई अपने स्मार्ट फोन में इंस्टाल कर ले तो फोन खोने पर भी उसकी लोकेशन मिलती रहेगी। इसके अलावा डाटा और फोटो-वीडियो आदि कंप्यूटर सिस्टम के जरिए फोन मालिक ही हटा सकता है। महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से भी यह एप कमाल है। बस पावर बटन को दबाभर देने से संबंधित थाने, घर और पूर्व निर्धारित नंबरों पर अलर्ट चला जाएगा।

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मोबाइल चोरी होने पर सबसे अधिक डर डाटा खोने का होता है। दरअसल एप इंस्टाल करने पर फोन स्विच ऑफ करने के लिए पासवर्ड चाहिए होता है, जो कि केवल आपको ही पता होता है। इससे चोर फोन बंद नहीं कर पाएगा जिससे लोकेशन ट्रैक की जा सकती है। स्मार्टफोन के डेटा को कंप्यूटर से वीजीएम की आइडी व पासवर्ड से रिकवर व डिलीट कर सकते हैं। प्लेस्टोर पर एक हजार से ज्यादा डाउनलोड्स हैं, इसकी रेटिंग 4.3 है।

संकट में भी आएगा काम

देश की बेटियों के भीतर बढ़ रहे भय को तोडऩे का भी एक बेहतर प्रयास किया गया है। मृत्युंजय बताते हैं कि इस एप को इंस्टाल करने के बाद मोबाइल के पॉवर बटन को तीन बार प्रेस या तेजी से शेक करते ही लोकेशन घर सहित पुलिस के आपातकालीन नबंर पर चली जाएगी। संदेश पहुंचेगा कि आप मुसीबत में हो। इसके बाद आपको ट्रैक किया जा सकता है। आप मोबाइल को पॉकेट से निकाले बिना ये काम आसानी से कर सकते हैं।

पुलिस साइबर सेल में करेंगे प्रस्तुत

एप का नाम वेरी गुड मृत्युंजय यानी 'वीजीएम' है। एप को लेकर मृत्युंजय ने वाराणसी के एसएसपी से मुलाकात की। उन्हें यह एप काफी पसंद आया। उन्हें साइबर सेल में इसके प्रेजेंटेशन के लिए बुलाया गया है, जिसके बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।

ऐसे किया जा सकेगा इंस्टाल

प्ले स्टोर से अन्य एप की तरह इसे भी इंस्टाल किया जा सकेगा। इसके बाद एप यूजर से मोबाइल एडमिनिस्ट्रेटर बनने के लिए परमीशन मांगेगा। स्वीकृति के बाद उसके ई-मेल पर एक कोड भेजा जाएगा। इसी जरिए एप अन-इंस्टाल किया जा सकता है।इस बारे में मालवीय नवप्रवर्तन एवं उद्यमिता केंद्र, आइआइटी, बीएचयू के प्रो. प्रदीप कुमार मिश्रा ने कहा कि आइआइटी, बीएचयू के मालवीय नवप्रवर्तन एवं उद्यमिता केंद्र ने एग्रीमेंट के बाद मृत्युंजय को काम करने के लिए यहां पर उचित सुविधाएं उपलब्ध कराई है। इनक्यूबेशन स्थित ऑफिस से ही वह एप के संचालन का कार्य कर रहे हैं।


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