कालभैरव वार्ड में होगा बदलाव, नए सिरे से चौका लगाने व जलापूर्ति-सीवर की होगी नई पाइप लाइन
सिटी के तहत काल भैरव वार्ड सहित सात वार्डों में कायाकल्प करने की योजना है। इसके तहत वार्ड के हर गली का चौका जलापूर्ति लाइन और सीवर लाइन सब कुछ नया नया होगा।
वाराणसी, जेएनएन। सिटी के तहत काल भैरव वार्ड सहित सात वार्डों में कायाकल्प करने की योजना है। इसके तहत वार्ड के हर गली का चौका, जलापूर्ति लाइन और सीवर लाइन सब कुछ नया नया होगा। सबको एक सिरे से बदला जाएगा। इस तरह के काम सभी वार्डों में किए जाएंगे।
वार्ड के दीवारों को पेंटिंग करके उसे आकर्षक बनाया जाएगा। इसके तहत दीवारों पर बाबा काल भैरव से संबंधित पेंटिंग के साथ काशी के धार्मिक महत्व को दर्शाया जाएगा। गौरतलब है कि स्मार्ट सिटी के तहत इस वार्ड को काफी पहले ही शामिल किया गया था लेकिन पहली बार टेंडर में किसी के द्वारा इसमें रुचि नहीं दिखाने के बाद दोबारा टेंडर मांगा गया। अब इसमें कुछ एजेंसियों ने रुचि दिखाई है। इसके बाद कागजी काम में तेजी आई है। इसमें अभी एक माह लगेंगे। इस संबंध में स्मार्ट सिटी के प्रभारी अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मल्लिक ने बताया कि दूसरे बार निकाले गए टेंडर में कई लोगों ने रुचि दिखाई है। इससे काम के जल्द शुरू होने की संभावना है।
सात वार्डों में सौ करोड़ होंगे खर्च
कालभैरव 16.28 करोड़
राज मंदिर 13.62 करोड़
जंगमबाड़ी 12.79 करोड़
कामेश्वर महादेव 18.13 करोड़
गढ़वासी टोला, दशाश्वमेध और बंगाली टोला 39.18 करोड़।
काशी का 'कोतवाल'
इस वार्ड में ही बाबा काल भैरव का मंदिर है। जिन्हें काशी का 'कोतवाल' कहा जाता है। मान्यता है कि बिना इनकी इजाजत के कोई सीमा में न प्रवेश कर सकता है और न ही यहां रह सकता है। यहां तक कि कोई भी प्रशासनिक अधिकारी चार्ज लेने के बाद सबसे पहले यहीं मत्था टेकने आता है।
बाजीराव पेशवा ने बनवाया था मंदिर
- काशी के लोगों की मान्यता है कि कालभैरव कोतवाल लोगों की सुनवाई पर यमराज बाबा के आदेश की मुहर लगवाते हैं।
- उस पर दंड भी निर्धारित करते हैं और मुक्ति दिलवाते हैं।
- वर्तमान मंदिर को साल 1715 में दोबारा बनवाया गया था। इसे बाजीराव पेशवा ने बनवाया था।
- वास्तुशास्त्र के मुताबिक, ये मंदिर आज तक वैसा ही है। इसकी बनावट में कभी कोई बदलाव नहीं किया गया।
- मंदिर की बनावट तंत्र शैली के आधार पर है।
- ईशानकोण पर तंत्र साधना करने की महत्वपूर्ण स्थली है।