श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर के मंदिरों की होगी कार्बन डेटिंग, पर्यटक व तीर्थयात्री को बताना चाहिए महत्व
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस की समीक्षा के दौरान कहा कि सभी पुराने मंदिर जो कॉरीडोर के विकास के दौरान अप्राप्त थे उन्हेंं सुरक्षित और संरक्षित किया जाना चाहिए।
वाराणसी, जेएनएन। काशी के विकास की योजनाओं की समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री के समक्ष श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के ले-आउट और हो रहे कार्यों को ड्रोन के माध्यम से लिए गए वीडियो को प्रस्तुत किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी पुराने मंदिर जो कॉरीडोर के विकास के दौरान अप्राप्त थे, उन्हेंं सुरक्षित और संरक्षित किया जाना चाहिए। उनकी ऐतिहासिक और स्थापत्य विरासत को बनाए रखने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जानी चाहिए। कार्बन डेटिंग का उपयोग कर इन मंदिरों और उनके महत्व के बारे में पर्यटक और तीर्थयात्री को बताना चाहिए। काशी विश्वनाथ ट्रस्ट को इस परिसर में यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए उचित पर्यटन गाइड के साथ एक मार्ग का नक्शा तैयार करना चाहिए। इस दौरान जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने पीएम को सेवापुरी को आदर्श विकास खंड बनाने के लिए की गई तैयारियों और योजनाओं के विषय में विस्तार से जानकारी दी।
8000 करोड़ की परियोजनाओं को जाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में चल रही परियोजनाओं की भी विस्तृत समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में लगभग 8000 करोड़ रुपये की लागत से 100 से अधिक बड़ी परियोजनाएं चल रहीं हैं। इसमें अस्पताल भवन, राष्ट्रीय जलमार्ग, रिंग रोड, बाई-पास, भारत-जापान के सहयोग से इंटरनेशनल कन्वेंंशन सेंटर रुद्राक्ष जैसे सामाजिक व भौतिक बुनियादी ढांचे के निर्माण शामिल हैं। पीएम ने अधिकारियों को समय सीमा के भीतर विकास कार्यों को पूरा करने के लिए निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गुणवत्ता के उच्चतम मानकों का विशेष ख्याल रखा जाना चाहिए। निर्देश दिया कि नेक्स्ट जेनरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर को ध्यान में रखते हुए निर्माण के लिए गैर-नवीकरणीय ऊर्जा का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए। पूरे जिले में घरों और स्ट्रीट लाइट पर एलईडी बल्ब का उपयोग किया जाए। प्रधानमंत्री ने करीब ढाई घंटे तक गहन समीक्षा के दौरान वाराणसी के लोगों के जीवन स्तर में सुधार, गुणवत्तायुक्त सुविधा मुहैया कराने के लिए विकास और जनहित के कार्यों में तेजी लाने पर बल दिया।
कचरे से धन सृजन का हो कार्य
प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि उत्पन्न कचरे से धन सृजन पर ध्यान दिया जाए। या तो उससे ऊर्जा बनायी जाय या कंपोस्ट खाद। लागत कम कर आय बढ़ाने के लिए किसानों को शून्य बजट खेती के लिए प्रोत्साहित करें।
जलमार्ग का केंद्र बनाएं वाराणसी को
प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया वाराणसी को हल्दिया से जोडऩे वाले राष्ट्रीय जलमार्ग का एक केंद्र वाराणसी को बनाएं। प्रमुख बंदरगाहों की तरह पूरे इको-सिस्टम, कार्गो शिपिंग और माल ढुलाई के विकास के लिए योजना बनाएं। लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तार और आधुनिकीकरण कार्यों को प्राथमिकता से पूरा कराएं ताकि काशी उन प्रमुख शहरों में से एक बन जाए जो अत्याधुनिक रेल, सड़क, पानी और हवाई सेवा से जुड़ जाए।
आत्मनिर्भर भारत के लिए तेज करें प्रयास
प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत से जुड़ी घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा के दौरान निर्देश दिया कि इन योजनाओं का लाभ नागरिकों तक जल्दी से पहुंचना चाहिए। पटरी व्यवसाइयों के लिए जारी योजना की प्रगति पर बारीकी से नजर रखें। सबको उपयुक्त प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे से लैस करें। उन्हेंं कैशलेस लेनदेन के लिए प्रोत्साहित करें। बैंक खाते खोलें, व्यवसाय और क्रेडिट प्रोफाइल को डिजिटल करें।
मधुमक्खी पैकेजिंग संस्थान हो स्थापित
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान सरकार की महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं में हैं। उनकी आय बढ़ाने के प्रयास करें। उनको मधुमक्खी पालन के लिए प्रोत्साहित करें। प्राथमिकता के आधार पर वाराणसी में एक पैकेजिंग संस्थान स्थापित करें ताकि किसान अपने उत्पादों को निर्यात के लिए बेहतर तरीके से पैकेजिंग कर सकें। प्रधानमंत्री ने एपीडा (वाणिज्य मंत्रालय) के साथ मिलकर सब्जियों और आम के निर्यात के लिए प्रशासन के प्रयासों की सराहना की।
कोरोना से संबंधित कार्यों को सराहा
प्रधानमंत्री ने कोरोना संक्रमण रोकने और इलाज के बंदोबस्त की तैयारियों की भी विस्तार से समीक्षा की। आरोग्य सेतु एप के व्यापक व प्रभावी उपयोग पर प्रकाश डाला। जिला प्रशासन द्वारा भोजन, आश्रय प्रदान करने के प्रयासों की सराहना की। दूसरे प्रदेशों से लौटने वाले श्रमिकों की स्किल मैपिंग के बाद उसी अनुसार उनको स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराएं। प्रधानमंत्री ने पीएम गरीब कल्याण योजना की प्रगति की भी समीक्षा की।
हर विभाग पर की चर्चा
प्रधानमंत्री ने ग्रामीण विकास, पंचायती राज, स्वच्छता, स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, सामाजिक कल्याण, कृषि और संबद्ध गतिविधियों के नौ प्रमुख क्षेत्रों के प्रगति के बारे में भी जाना। साथ ही एनआइटीआइ द्वारा तैयार ग्राम पंचायत विकास कार्यक्रम की प्रगति की भी समीक्षा की।
बच्चों के लिए तैयार करें खाद्य पदार्थ
प्रधानमंत्री ने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों के सामुदायिक आंदोलन के रूप में पोषण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। महिलाओं, स्वयं सहायता समूहों को इसमें लगाएं। विभिन्न संगठन और समुदाय के सदस्यों द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों को अपनाना, स्वस्थ शिशु प्रतियोगिता की व्यवस्था करना और बच्चों के भोजन से विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को बनाने का भी प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया।