रजिस्ट्रेशन कराए बगैर कुत्ता पालने पर लगेगा जुर्माना और होगी एफआइआर, वाराणसी के 90 वार्डों में सिर्फ 430 रजिस्ट्रेशन
नगर निगम के 90 वार्डों में अब तक मात्र 430 ही पालतू कुत्तों का ही रजिस्ट्रेशन हुआ है जबकि शहरी क्षेत्र में हजारों घरों में पालतू कुत्तों के होने का अंदेशा है। ऐसे में नगर आयुक्त ने सभी पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : गाजियाबाद में पिटबुल डाग द्वारा काट लिए जाने समेत प्रदेश में कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए नगर निगम प्रशासन ने हर कुत्ते का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। इस नियम के उल्लंघन पर जुर्माना तो लगेगा ही एफआइआर भी होगी।
पूर्व से इसके लिए जुर्माने के प्रविधान को सख्ती से लागू करने का नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने निर्देश दिया है। अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार व पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी को इसके लिए अभियान चलाने के लिए पत्र जारी किया है।
वास्तव में नगर निगम के 90 वार्डों में अब तक मात्र 430 ही पालतू कुत्तों का ही रजिस्ट्रेशन हुआ है, जबकि शहरी क्षेत्र में हजारों घरों में पालतू कुत्तों के होने का अंदेशा है। ऐसे में नगर आयुक्त ने सभी पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया है। गत दिनों हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग में नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने इस दिशा में तेजी लाने का निर्देश दिया था। नगर विकास मंत्री ने नगर निगम के अफसरों व कर्मियों को भी अपने पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन कराने को कहा था।
इन नंबरों पर दर्ज कराएं शिकायत
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनपी सिंह ने बताया कि नगर निगम में किसी भी तरह की शिकायत के लिए सिटी कमांड कंट्रोल सेंटर में कंट्रोल रूम खोला गया है। 0542-2720005, 18001805567 व 1533 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। घोड़ा अस्पताल के पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा. अजय प्रताप सिंह का कहना है नगर निगम की अधिनियम के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वालों पर शिकायत की स्थिति में जुर्माने के साथ एफआइआर कराई जाएगी।
राजस्व बढ़ाना भी उद्देश्य
नगर निगम प्रशासन का उद्देश्य कुत्तों का रजिस्ट्रेशन करके राजस्व बढ़ाना है। एक कुत्ते के रजिस्ट्रेशन पर नगर निगम 207 रुपये का शुल्क लेता है। नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण विभाग में कर्मचारियों की भारी भरकम फौज है लेकिन उस विभाग से महकमे को बहुत ही कम राजस्व मिलता है।