पूर्वांचल में बारिश से गेहूं मिली संजीवनी तो दलहन और तिलहन की फसल का उत्पादन होगा प्रभावित
मौसम विज्ञानियों की आशंका के अनुरुप बुधवार की सुबह बारिश शुरू हो गई और सुबह नौ बजे के बाद अंचलों में बारिश ने किसानों को राहत दी।
वाराणसी, जेएनएन। मौसम विज्ञानियों की आशंका के अनुरुप बुधवार की सुबह बारिश शुरू हो गई और सुबह नौ बजे के बाद अंचलों में बारिश ने दस्तक देकर किसानों को राहत दी। इससे पूर्व सुबह कोहरा और बादल के बीच ठंडी हवाओं के झोंके से लोग ठिठुरते रहे। दिन चढ़ने के साथ ही रोहनिया, पिंडरा, मिर्जामुराद, बाबतपुर, बडागांव, चोलापुर, हरहुआ और रामेश्वर में बारिश शुरू हुई तो किसानों ने भी राहत महसूस किया। रिमझिम बरसात के बीच कुछ इलाकों में दोपहर होने तक बारिश बंद भी हो गई। वहीं वाराणसी शहर में बारिश की वजह से कई इलाकों में फिसलन की स्थिति भी बनी।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार बारिश से आलू, सरसों और दलहनी फसलों को नुकसान होने की उम्मीद है हालांकि गेहूं की फसल को संजीवनी मिली है। किसानों को सिंचाई से मुक्ति मिली है वहीं सब्जियों का उत्पादन भी बेहतर होगा। हालांकि अधिक बारिश होने से फसल चौपट होने की भी स्थिति बन सकती है। वहीं मौसम विज्ञानी आगे भी बारिश की संभावना जता रहे हैं। इससे आगामी सीजन में आम की फसल का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। वहीं लगातार कोहरा बना रहने की वजह से पौधों की बढ़त के साथ ही माहो कीट का प्रकोप भी बढ़ सकता है।
बारिश होने के बाद अब पूर्वांचल में दोबारा गलन बढ़ने की संभावना है। ऐसे में मौसम विभाग ने भी सुबह और शाम को वातावरण में गलन में इजाफा होने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग भी मान रहा है कि आने वाले दिनों में मौसम का रुख दोबारा बदल सकता है और बूंदाबांदी आगे भी जारी रह सकती है। ऐसे में रबी की फसल पर अधिक बारिश की वजह से प्रभाव भी पड़ सकता है। ऐसे में किसानों को कृषि वैज्ञानिकों ने फसल को लेकर लगातार नजर बनाए रखने की सलाह दी है। जबकि मीरजापुर जिले में दोपहर बाद तक गरज चमक के साथ हो रही बरसात के बीच सब्जी की खेती को नुकसान की आशंका बढ़ गई है। वहीं क्षेत्र में सर्वाधिक टमाटर का उत्पादन भी इस सीजन में प्रभावित होने की संभावना है।