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लोकसभा चुनाव 2019 : डाक्टरों के पद हैं खाली किसके भरोसे होगी सेहत की गारंटी

चुनाव सामने है और पार्टियां चुनावी नाव पर सवार होकर खुद को जनता की हमदर्द साबित करने की रेस में हैं।

By Vandana SinghEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 07:40 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 07:28 AM (IST)
लोकसभा चुनाव 2019 : डाक्टरों के पद हैं खाली किसके भरोसे होगी सेहत की गारंटी
लोकसभा चुनाव 2019 : डाक्टरों के पद हैं खाली किसके भरोसे होगी सेहत की गारंटी

वाराणसी, [शक्तिशरण पंत]। चुनाव सामने है और पार्टियां चुनावी नाव पर सवार होकर खुद को जनता की हमदर्द साबित करने की रेस में हैं। लगभग सभी दल शिक्षा और स्वास्थ्य को अपने मुद्दों में शामिल कर रहे हैं लेकिन इस बात का जवाब शायद ही किसी के पास है कि खस्ताहाल हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए क्या तरीका अपनाएंगे। पूर्वांचल के लगभग सभी जिलों में जनसंख्या के अनुसार में चिकित्सकों की तैनाती नहीं है। जो पद सृजित हैं उन्हें भी भरा नहीं जा सका है। संविदा चिकित्सकों के भरोसे किसी तरह से स्वास्थ्य व्यवस्था की गाड़ी खींची जा रही है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब चिकित्सक ही नहीं हैं तो किसके भरोसे स्वास्थ्य की गारंटी की बात कही जा रही है। जरूरी जांच की सुविधा भी सभी अस्पतालों में नहीं है। हालत यह है कि चिकित्सकों के अभाव के कारण जनता को प्राइवेट चिकित्सकों की शरण में जाना पड़ रहा है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की जरूरत पडऩे पर तो निजी अस्पतालों में जाना मजबूरी सी बन गई है। दूसरी ओर जहां चिकित्सक हैं भी वहां जांच की सुविधा नहीं है। सरकार ने आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख तक इलाज की सुविधा प्राइवेट अस्पतालों में दे कर कुछ राहत देने का प्रयास किया है।

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पूर्वांचल की धरती सियासी मामले में भी उर्वर मानी जाती है लेकिन इस क्षेत्र की हर मामले में अनदेखी ही की जाती रही है। हर आदमी की जरूरत स्वास्थ्य के मामले में भी किसी ने अपेक्षित ध्यान नहीं नहीं दिया। हालत यह है कि तीन करोड़ से ज्यादा की जनसंख्या वाले इस क्षेत्र में चिकित्सकों की भारी कमी है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस क्षेत्र में ब्लाक स्तर तक 577 अस्पताल हैं और चिकित्सकों के 1700 पद सृजित हैं। इतनी बड़ी आबादी के लिए सबसे बड़ा संकट तो यह है कि इसमें भी 1164 पदों पर ही तैनाती है। इसमें भी कई जगह ऐसे हैं जहां चिकित्सकों का मिलना टेढ़ी खीर है। रात में तो ग्रामीण क्षेत्र के अस्पताल अमूमन चिकित्सक विहीन ही मिलते हैं। दूसरी ओर जिलों में न्यूरो, यूरो सर्जन की तैनाती ही नहीं है। जाहिर सी बात है कि इस स्थिति में मरीज को किसी प्राइवेट अस्पताल में ही जाना पड़ेगा जो किसी गरीब के लिए मुश्किल है। कारण कि ऐसे अस्पतालों की महंगी फीस और दवा का खर्च उठा पाना असंभव है। वहां जाने का मतलब यह कि गरीब आदमी को अपना खेत तक बेचना पड़ता है।

जिलेवार अस्पताल और सुविधाएं

मीरजापुर

-जनसंख्या- 26 लाख

-अस्पतालों की संख्या-53

-चिकित्सकों के सृजित पद-208

-चिकित्सकों की तैनाती-158

-न्यूरो, यूरो, कार्डियो चिकित्सक-0

-मंडलीय अस्पताल में ही एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, रक्त जांच की सुविधा

गाजीपुर

-जनसंख्या-40 लाख

-अस्पतालों की संख्या-78

-चिकित्सकों के सृजित पद-227

-चिकित्सकों की तैनाती-105

-न्यूरो, यूरो सर्जन-00

-एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, रक्त जांच की व्यवस्था-05

बलिया

-जनसंख्या-32,39,774

-अस्पतालों की संख्या-100

-चिकित्सकों के सृजित पद-203

-चिकित्सकों की संख्या-148

-न्यूरो व यूरो सर्जन कहीं नहीं

-अल्ट्रासाउंड, रक्त जांच की व्यवस्था जिला अस्पताल में

जौनपुर

-जनसंख्या-4476072

-अस्पतालों की संख्या-104

-चिकित्सकों का सृजित पद-313

-चिकित्सकों की तैनाती-202

-न्यूरो, यूरो, कार्डियोलाजिस्ट-00

:-जिला अस्पताल व जिला महिला अस्पताल में एक्सरे, अल्ट्रासाउंड व रक्त जांच, छह सीएचसी पर एक्स-रे व सभी सीएचसी व पीएचसी पर रक्त जांच की सुविधा

आजमगढ़

-जनसंख्या-50 लाख

-अस्पतालों की संख्या-104

-चिकित्सकों के सृजित पद-302

-चिकित्सकों की तैनाती-171

-न्यूरो, यूरो सर्जन-00

-जिला अस्पताल, लालगंज, फूलपुर व महिला अस्पताल अस्पताल में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, रक्त जांच की व्यवस्था

चंदौली

-जनसंख्या-2230455

-अस्पतालों की संख्या-35

-चिकित्सकों के सृजित पद-107

-चिकित्सकों की तैनाती-91

-न्यूरो, यूरो सर्जन-00

-जिला अस्पताल में सभी जांच व सकलडीहा सीएचसी में एक्स-रे व खून की जांच

 सोनभद्र

-जनसंख्या-20 लाख

-अस्पतालों की संख्या-35

-चिकित्सकों के सृजित पद-112

-चिकित्सकों की तैनाती-76

- विशेषज्ञ चिकित्सक-05

- संयुक्त जिला अस्पताल में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, रक्त जांच की सुविधा है।

भदोही

-जनसंख्या-17,16,090

-अस्पतालों की संख्या-23

-चिकित्सकों के सृजित पद-116

-चिकित्सकों की तैनाती-106

-कार्डियोलाजिस्ट, रेडियोलाजिस्ट, फिजिशियन, न्यूरोलाजी, आर्थोपेडिक, पैथालाजिस्ट, स्त्री रोग विशेषज्ञ-00

-एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, रक्त जांच की व्यवस्था सभी सामुदायिक और जिला अस्पताल में हैं लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी होने के कारण सभी बंद पड़े हैं।

मऊ

-जनसंख्या-22.05 लाख

-अस्पतालों की संख्या-45

-चिकित्सकों के सृजित पद-112

-तैनात चिकित्सकों की संख्या-107

-न्यूरो, यूरो सर्जन-00

-एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, रक्त जांच की व्यवस्था जिला अस्पताल व तीन सीएचसी पर।


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