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वाराणसी में गंगा की निर्मलता, अविरलता पर महासभा का हुआ शुभारम्भ

धर्म आध्यात्म और संस्कृति की नगरी काशी में गंगा, प्रकृति एवं संस्कृति पर आधारित दो दिवसीय गंगा महासभा का आयोजन प्रारम्भ हो गया।

By Ashish MishraEdited By: Published: Sat, 05 Nov 2016 11:56 AM (IST)Updated: Sat, 05 Nov 2016 12:14 PM (IST)
वाराणसी में गंगा की निर्मलता, अविरलता पर महासभा का हुआ शुभारम्भ

वाराणसी (जेएनएन)। धर्म आध्यात्म और संस्कृति की नगरी काशी में गंगा, प्रकृति एवं संस्कृति पर आधारित दो दिवसीय गंगा महासभा का आयोजन शनिवार को प्रारम्भ हुआ। गंगा की निर्मलता, अविरलता को लेकर हो रहे इस आयोजन में संस्कृति संसद में आये विद्वान अपने मत रखेंगे। संस्कृति संसद की परिकल्पना दैनिक जागरण के पूर्व प्रधान संपादक स्व. नरेन्द्र मोहन की पुस्तक 'भारतीय संस्कृति' पर आधारित है। संस्कृति संसद उन सवालों को भी तलाशेगी जिनके कारण इस समय उथल पुथल मची हुई है।

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पहले सत्र में सर्व धर्म संवाद का आयोजन किया गया। जिसके वक्ता ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य, मौलाना कल्बे सादिक, भन्ते असाजिथ और दैनिक जागरण के प्रधान संपादक संजय गुप्त रहे। संस्कृति संसद में आज-प्रथम सत्र- सर्व धर्म संसदद्वितीय सत्र-सामान नागरिक संहिता, तीन तलाकतृतीय सत्र-समकालीन सिनेमा राष्ट्रीय मुद्दों पर विभाजित क्योंचतुर्थ सत्र- महामना और गंगा

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