नगर निगम पार्किंग स्टैंड में सीएलसी के माध्यम से आउटसोर्सिंग पर काम किया, नहीं मिला वेतन
कर्मचारियों की बात को सुनते हुए नगर आयुक्त ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनके मामले का निपटारा जल्द ही कमेटी बनाकर किया जायेगा। हालांकि ऐसे में कई माह से वेतन की बाट जोह रहे कर्मचारियों की हालत दयनीय हैं।
वाराणसी, जेएनएन। काम करने के बाद भी वेतन नहीं मिला। नगर निगम पार्किंग स्टैंड में सीएलसी के माध्यम से आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कार्मिकों का मेहनताना फरवरी माह से लेकर अब तक का नहीं दिया गया है। इसे लेकर नगर निगम की पार्किंग में काम करने वाले कर्मचारी कई दिनों से डूडा से लेकर नगर निगम का चक्कर काट रहे हैं। ऐसे कर्मचारियों ने नगर आयुक्त गौरांग राठी से अपनी समस्या को रखा। कर्मचारियों का कहना था कि एक तरफ तो सरकार लॉकडाउन में गरीब मजदूरों व कर्मचारियों की हित की बात करती है तो दूसरी तरफ नगर निगम की ओर से उनका वेतना नहीं दिया जाना कहा तक सही हैं। कर्मचारियों की बात को सुनते हुए नगर आयुक्त ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनके मामले का निपटारा जल्द ही कमेटी बनाकर किया जायेगा। हालांकि ऐसे में कई माह से वेतन की बांट जोह रहे कर्मचारियों की हालत दयनीय हैं। उनके सामने कमाने-खाने का संकट पैदा हो गया हैं।
दरअसल, नगर आयुक्त ने परियोजना अधिकारी डूडा को नगर निगम द्वारा संचालित पार्किंग स्थलों पर लगाये जाने के लिए 24 कर्मचारी उपलब्ध कराने के लिए कहा था। इसी क्रम में परियोजना अधिकारी डूडा ने कर्मचारियों का विवरण उपलब्ध कराया था। इसमें गुड्डू हजरा, संतोष कुमार यादव, हरिश्चंद्र मौर्य, कमलेश कुमार, चंद्रशेखर सिंह, सूरज सिंह, दिनेश कुमार, अनिल कुमार, अंचल भारती, जगदीश कुमार, धीरज यादव, चंद्रशेखर, प्रवीण, रविकुमार शर्मा, वीरुलाल यादव, मंतोष मांझी, सौरभ कुमार विश्वकर्मा, रंजीत कुमार, सुजीत कुमार, सत्यप्रकाश, संतोष कुमार भारती, शशिकांत, दुर्गेश, सुमित कुमार शर्मा को काम पर रख लिया गया। फरवरी 2021 से इनसे काम लिया जा रहा है लेकिन अभी तक वेतन नहीं दिया गया जिससे इनमें रोष है। मंतोष मांझी, गुड्डू, संतोष कुमार, दुर्गेश, सौरभ कुमार विश्वकर्मा सहित कई कर्मचारियों ने नगर आयुक्त से मुलाकात कर उन्हें अपनी समस्या बताई है। कर्मचारियों का कहना है कि लेखाधिकारी मनोज त्रिपाठी के पास जाकर भी अपने वेतन संबंधित मांग की तो उन्होंने कहा कि उनके पास कोई दस्तावेज ऐसा नहीं आया है जिसमें इन लोगों का विवरण हो। वहीं डूडा कार्यालय का कहना है कि सभी कागजात नगर निगम के पास है।