चांद की नहीं हुई तस्दीक, शुक्रवार को रखा जाएगा पहला रोजा
वाराणसी : नई सड़क स्थित मस्जिद खुदा बख्श जायसी (लंगड़े हाफिज मस्जिद) में चांद की तस्तदीक को लेकर बुधवार को बैठक करनी पड़ी।
वाराणसी : नई सड़क स्थित मस्जिद खुदा बख्श जायसी (लंगड़े हाफिज मस्जिद) में चांद की तस्तदीक को लेकर बुधवार को दो बार बैठक करनी पड़ी। मगरिब की नमाज के बाद इज्तेमाई रुय्यते हेलाल कमेटी की बैठक मौलाना जकीउल्लाह असदुल कादरी की अध्यक्षता में शुरू हुई।
इसमें उलमा-ए-कराम ने जिले में कहीं भी चांद न होने की तस्दीक एक राय से की। मस्जिद से ऐलान भी कर दिया गया कि पहला रोजा शुक्रवार को रखा जाएगा। वहीं गुरुवार से मस्जिदों में नमाजे तरवीह पढ़ाई जाएगी। रात नौ बजते-बजते सोशल मीडिया पर देश के कई हिस्से में चांद के तस्दीक की खबरें वायरल होने लगी। उलमा-ए-कराम के पास खूब फोन आने भी शुरू हो गए। इसके बाद आनन-फानन में रात लगभग साढ़े नौ बजे कमेटी की दोबारा बैठक शुरू हुई। कमेटी के कन्वीनर मुहम्मद अशरफ एडवोकेट ने बताया कि सलाह-मशविरों के लंबे दौर के बाद भी यही नतीजा निकाला गया कि बनारस में चांद की तस्दीक नहीं हो पाई है। इसलिए पहला रोजा शुक्रवार से ही रखा जाएगा। बैठक में मुफ्ती ए बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, मौलाना हारून रशीद नक्शबंदी, मौलाना अब्दुल्लाह नासिर, मौलाना जियाउर्रहमान, मौलाना यूनुस मदनी, मौलाना अब्दुल मतीन, मौलाना वलीउल्लाह आदि शामिल थे। वहीं दूसरी ओर रेवड़ी तालाब में मरकजी इज्तेमाई रुय्यते हेलाल कमेटी की बैठक काजी-ए-शहर मौलाना गुलाम यासीन की अध्यक्षता में बैठक हुई। यहां भी उलमा-ए-कराम ने चांद की तस्दीक नहीं की। वहीं शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर ने बताया कि मौलाना हैदर अब्बास, मौलाना जहीन हैदर व मौलाना बदरुल हसन ने गुरुवार से रोजा रखने का ऐलान किया है।
-------------- आज से पढ़ी जाएगी तरावीह की नमाज
-चांद दिखने के साथ ही गुरुवार की रात इशा की नमाज के बाद मस्जिदों में तरावीह की नमाज (रमजान में पढ़ी जाने वाली विशेष नमाज) शुरू हो जाएगी। विभिन्न मस्जिदों में तीन दिनों से लेकर 27 दिनों तक खत्म तरावीह होती है, जबकि तरावीह की नमाज पूरे महीने पढ़ी जाती है। तीन दिन में खत्म तरावीह : मस्जिद लाट सरैयां, मस्जिद मखदूम शाह, मस्जिद मुहल्ला राज मंदिर व बेनियाबाग के मैदान में नवाब यूसुफ कुंआ के चबूतरे पर।
पांच दिन में खत्म तरावीह : मस्जिद धरहरा, मस्जिद भदऊं चुंगी, मस्जिद जाहिद शहीद-पठानी टोला, अंगूरी वाली मस्जिद-पठानी टोला, मस्जिद अंगूरों वाली-पठानी टोला, मस्जिद-गोलाघाट।
छह दिन में खत्म तरावीह : अखाड़ा वाली मस्जिद-अंसाराबाद, मस्जिद नवापोखर-अंसाराबाद, मस्जिद गड़ासा मिल-चौहट्टा लाल खां, मस्जिद जुम्मन शाह-मदारतल्ला, मस्जिद कतुआपुरा, मस्जिद नगीना-ओंकारेश्वर, मस्जिद अखाड़े वाली-कुतबन शहीद, मस्जिद बाजार वाली-आलमपुरा, मस्जिद अंबिया मंडी-चिकवनपुरा, मस्जिद जलालीपुरा चुंगी, मस्जिद अल कुरैश-हंकारटोला, मस्जिद जिन्नाती-पुराना पान दरीबा।
सात दिन में खत्म तरावीह : अय्या की मस्जिद-दशाश्वमेध।
आठ दिन में खत्म तरावीह : मस्जिद आलम शाह-खालिसपुरा, मस्जिद हकीम अब्दुल कलाम-लहंगपुरा, मस्जिद लाटशाही-कचहरी, मस्जिद रहीम खां-शिवाला, मस्जिद अस्तबल-शिवाला, रजा मस्जिद-पांडेय हवेली।
नौ दिन में खत्म तरावीह : मस्जिद रकीबिया-अहमद नगर, बजरडीहा।
दस दिन में खत्म तरावीह : मस्जिद ढाई कंगूरा-चौहट्ट लाल खां, मस्जिद मस्जिद फूटी-मदनपुरा, मस्जिद बीबी रजिया-चौक, मस्जिद खुदाबख्श जायसी लंगड़े हाफिज-नई सड़क, खजूर वाली मस्जिद-नई सड़क, मस्जिद संगमरमर-दालमंडी, मस्जिद ज्ञानवापी, मस्जिद रजा कालोनी-खजुरी, जुमा मस्जिद-सलेमपुरा, मस्जिद पानी टंकी-सलेमपुरा, मस्जिद सम्मन खां-गौरीगंज, मस्जिद जिन्नात वाली-फातमान, मस्जिद मदनी-बजरडीहा, मस्जिद मुस्लिम मुसाफिरखाना, सुल्तानिला मस्जिद-रेवड़ी तालाब, मस्जिद बड़ी पियरी।
12 दिन में खत्म तरावीह : मस्जिद खाकी शाह-शिवाला, नूरी मस्जिद-छित्तूपुर।
15 दिन में खत्म तरावीह : जामा मस्जिद-नेदसर, नगीना मस्जिद-रेवड़ी तालाब, नूरी मस्जिद-अशफाक नगर, मस्जिद कारी साहब-बेनियाबाग।
24 दिन में खत्म तरावीह : मस्जिद पांडेय हवेली, मस्जिद बैतुल मुकर्रम-अशफाक नगर।
27 दिन में खत्म तरावीह : बड़ी मस्जिद मालती बाग।