Coronavirus की वजह से मूलगंध कुटी सारनाथ में भी पर्यटकों का प्रवेश निषेध, ये है वजह
भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ के प्रमुख बौद्ध मंदिर पर भी कोरोना वायरस के खतरों के चलते ताला लगा दिया गया है।
वाराणसी, जेएनएन। भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ के प्रमुख बौद्ध मंदिर पर भी कोरोना वायरस के खतरों के चलते ताला लगा दिया गया है। कोरोना वायरस के आतंक के चलते बौद्ध मंदिर का मुख्य गेट मंगलवार को बंद कर दिया गया। कोरोना वायरस के भय से सारनाथ स्थित मूलगंध कुटी बौद्ध पार्क का मुख्य गेट बंद होने के बाद विदेशी सैलानी निराश होकर लौट गए। गेट पर ही कोरोना वायरस संक्रमण के खतरों को देखते हुए सुरक्षा कारणों से सूचना चस्पा कर दी गई। परिसर में धार्मिक कार्य हालांकि मंदिर प्रशासन द्वारा पूर्ववत जारी रहेंगे मगर पर्यटकों को इससे दूर रखा गया है।
दरअसल चीन, जापान, कंबोडिया, श्रीलंका, थाईलैंड, कोरिया, म्यांमार से इस स्थल पर बौद्ध मतावलंबी लंबे समय से आते रहे हैं। इस दौरान भगवान बुद्ध ने जिस स्थल पर पीपल के पेड़ के नीचे पांच शिष्यों को पहली बार उपदेश दिया था वह स्थल भी मूलगंध कुटी बौद्ध पार्क का हिस्सा है। इस पवित्र पेड़ के नीचे परिक्रमा करने के साथ ही पीपल की पवित्र पत्ती भी लोग ले जाना शुभ मानते हैं। अब अगली सूचना तक यहां पर्यटकों का पूरी तरह से प्रवेष निषेध रहेगा। इसकी वजह से अब सारनाथ आने वाले पर्यटकों की संख्या में काफी कमी आने की आशंका है।
इससे पूर्व सोमवार को सारनाथ स्थित वज्र विद्या संस्थान और बौद्ध मठ में पर्यटकों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है। सारनाथ के वज्र विद्या संस्थान के भिक्षु लावांग दोनदुप के अनुसार कोरोना वायरस के प्रसार पर रोक के लिए यह कदम अगली सूचना तक जारी किया गया है। वाराणसी आने वाले पर्यटकों में गंगा घाट और बाबा दरबार में दर्शन के अलावा सारनाथ में ही सर्वाधिक पर्यटक आते रहे हैं। विदेशियों की सर्वाधिक संख्या सारनाथ में होने की वजह से ही यहां पर सुरक्षा कारणों से मंदिरों में एक- एक कर ताला लगाया जा रहा है ताकि कोरोना वायरस का प्रसार होने से रोका जा सके।