काशी से देश को जल्द मिलेगा गुणवत्तायुक्त हरी मिर्च पाउडर, किसान रामकुमार ने कराया पेटेंट
देश को जल्द ही गुणवत्तायुक्त हरी मिर्च पाउडर काशी से मिलेगा। इसके फार्मूले का पेटेंट एफओपी (कृषक उत्पादन संगठन) के निदेशक से निर्यातक बने किसान रामकुमार राय ने करा लिया है।
वाराणसी, [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। देश को जल्द ही गुणवत्तायुक्त हरी मिर्च पाउडर मिलेगा, वह भी काशी से। हरी मिर्च पाउडर बनाने की विधि का लाइसेंस वाराणसी स्थित इकलौते भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आइआइवीआर) के पास है। इस फार्मूले का पेटेंट एफओपी (कृषक उत्पादन संगठन) के निदेशक से निर्यातक बने किसान रामकुमार राय ने करा लिया है। पाउडर उत्पादन के लिए रफ्तार योजना के तहत आइटीआइ-बीएचयू से भी मदद मिलने जा रही। अक्टूबर तक मशीनें लग जाएंगी और दिसंबर तक उत्पादन शुरू होकर पाउडर बाजार में आने लगेगा। खास बात यह कि संस्थान द्वारा ईजाद तकनीक से तैयार पाउडर में सबसे अधिक विटामीन सी, तीखापन व हरा रंग भी बरकरार रहेगा।
मिर्च पाउडर के पैकेट पर 'प्रोडक्ट टेक्नोलॉजी लाइसेंस फ्रॉम आइआइवीआर वाराणसी का नाम रहेगा
संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. सुधीर सिंह की टीम ने इस तकनीक पर 2010 में शोध शुरू किया था। प्रारंभिक सफलता मिलने पर 2013 में इस युक्ति के पेटेंट के लिए आवेदन किया गया। 2019 में पेटेंट कार्यालय की मंजूरी मिली। व्यावसायिक उत्पादन से पूर्व स्वीकृति के लिए इसे इसी साल 14 जनवरी को चेन्नई स्थित एनबीए (राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण) को भेजा गया था, जहां से हरी झंडी मिल गई है। वैसे भावनगर में एक कंपनी भी पाउडर बनाती है, मगर पेटेंट सिर्फ आइआइवीआर के पास ही है। अब इसका पेटेंट गाजीपुर स्थित एफपीओर शिवांश कृषक प्रोड्यूसर कंपनी के निदेशक एवं किसान रामकुमार राय ने कराया है। हालांकि शर्त है कि मिर्च पाउडर के पैकेट पर 'प्रोडक्ट टेक्नोलॉजी लाइसेंस फ्रॉम आइआइवीआर वाराणसी का नाम अंकित रहेगा। संस्थान के निदेशक डॉ. जगदीश सिंह बताते हैं कि कई वर्षों की मेहनत के बाद संस्थान के वैज्ञानिकों को ये उपलब्धि मिली। एनबीए से स्वीकृति मिल गई है। अब वाणिज्यिक उपयोग शुरू हो सकता है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी।
खुद करेंगे उत्पादन व निर्यात
रामकुमार को पाउडर बनाने के लिए किसी से कच्चा माल यानी मिर्च खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उनकी कंपनी खुद ही मिर्च का इतना उत्पादन कर लेती है कि निर्यात करना पड़ता है। बायोटेक किसान परियोजना के तहत वे इस साल भी 100 हेक्टेयर सब्जी की खेती कर रहे हैं। इसमें पांच लाख पौधे तो सिर्फ मिर्च के ही हैं।
गल्फ कंट्री से आया आर्डर
रामकुमार बताते हैं कि ओमान, कतर, दुबई, शारजाह सहित अन्य गल्फ कंट्री से हरी मिर्च एवं पाउडर के लिए आर्डर आ रहे हैं। बताया कि रफ्तार योजना के तहत 17 लाख रुपये मिलने हैं। इसे अलावा वे अपने पास से मिलाकर करीब 30 लाख की मशीनें मंगा रहे हैं। हालांकि आइआइटी से 17 लाख रुपये अभी मिलने बाकी हैं।
50-100 ग्राम का रहेगा पैकेट
मिर्च पाउडर 50 व 100 गाम के पैकेट में रहेगा। रामकुमार के अनुसार लाल मिर्च पाउडर का पैकेज करीब 40 रुपये का है। हरी मिर्च पाउडर 50 रुपये में मिलेगा। वहीं 100 ग्राम का पैकेट 80 रुपये में मिलेगा।