मौसम का रुख : अरब सागर की नम हवा भी काशी में फेल, बनारस से रूठ गई बारिश
प्रकृति से इतनी छेड़छाड़ कर दी गई है कि काशी से बारिश रूठ गई है। बार-बार परिस्थिति अनुकूल होने के बाद भी यहां पर बारिश नहीं होना खतरे की ओर इशारा कर रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। प्रकृति से इतनी छेड़छाड़ कर दी गई है कि काशी से बारिश रूठ गई है। बार-बार परिस्थिति अनुकूल होने के बाद भी यहां पर बारिश नहीं होना खतरे की ओर इशारा कर रहा है। यहां तक कि अरब सागर से आने वाली नम हवा भी काशी में आकर फेल हो रही है। ऐसा सोमवार एवं मंगलवार को भी हुआ। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अरब सागर से नमी आई लेकिन बरसात नहीं हुई। हां, बूंदाबांदी जरूर हुई। हालांकि एक-दो दिन में बरसात की उम्मीद अब भी बरकरार है। मंगलवार को भी तापमान कोई ज्यादा नहीं था, लेकिन गर्मी बहुत ज्यादा थी। झुलसा देने वाली हवा हर किसी को परेशान कर रही थी।
खैर, मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में बारिश की चेतावनी जरूर जारी की है। भू-भौतिकी विभाग, बीएचयू स्थित ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के नोडल अधिकारी प्रो. आरएस सिंह व तकनीकी अधिकारी शिवमंगल सिंह ने बताया कि आने वाले दिनों में बादल दिखाई देने व हल्की बारिश की भी संभावना है। ऐसे में किसान भाइयों को इसको ध्यान में रखते हुए कृषि कार्य करने की जरूरत है। बताया कि जल्द ही अब ब्लाक स्तर पर भी मौसम की सटीक जानकारी मिलने वाली है। कृषि मौसम परामर्श संबंधित बुलेटिन जारी होगा। इसके लिए देश में कुल 50 केंद्र बनाए गए हैं।
इसके लिए वाराणसी जिले में अराजीलाइन, सेवापुरी, हरहुआ और काशी विद्यापीठ ब्लाक को चुना गया है। प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि पिछले दिनों अरब सागर से नम हवा आई थी, जिसके बाद भी काशी में बारिश नहीं हो पाई। यह चिंता का विषय है। इसकी वजह लोकल हीटिंग अधिक और नमी की कमी है। बताया कि न्यूनतम तापमान भी अधिक होने के चलते अधिकतम 41 डिग्री सेल्सियस पारे में भी 48 डिग्री जैसी गर्मी हो रही है। यह ग्लोबल वार्मिग का नतीजा है।
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