बनारस में बनेगा टेक्सटाइल पार्क, कारोबारियों संग ऑनलाइन बैठक में डा. नीलकंठ तिवारी ने रखा प्रस्ताव
देश- दुनिया में अनूठी कारीगरी का लोहा मनवाने वाला बनारसी हथकरघा कारोबार लॉकडाउन की दुश्वारियों से पार पाते हुए जल्द ही फिर से उठ खड़ा होगा।
वाराणसी, जेएनएन। देश- दुनिया में अनूठी कारीगरी का लोहा मनवाने वाला हथकरघा कारोबार लॉकडाउन की दुश्वारियों से पार पाते हुए जल्द ही फिर से उठ खड़ा होगा। कारोबार को परवाज देने के लिए बनारस में टेक्सटाइल पार्क स्थापित किया जाएगा। इसके लिए धर्मार्थ कार्य, संस्कृति व पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. नीलकंठ तिवारी ने अधिकारियों को लैंड बैंक बनाने के निर्देश दिए हैं।
व्यापारियों संग मंगलवार को ऑनलाइन बैठक में ही इसका खाका खींच लिया गया था। इस प्रस्ताव के साथ वे बुधवार को लखनऊ के लिए निकले जहां मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर वार्ता करेंगे। डा. तिवारी ने बताया कि टेक्सटाइल पार्क में औद्योगिक आस्थान की तर्ज पर बुनकरों व वस्त्र उद्यमियों को कारखाने स्थापित करने के लिए प्लाट उपलब्ध कराया जाएगा, जहां डिजाइन प्रशिक्षण केंद्र, कच्चे माल के लिए डिपो, कलस्टर सहित तैयार माल बेचने के लिए सीधा बाजार की भी व्यवस्था होगी।
दरअसल, कारोबार में गिरावट के साथ ही बनारस के बुनकर बड़ी संख्या में सूरत जा बसे और वहां वस्त्र कारोबार को बढ़ाने में अहम योगदान दिया। लॉकडाउन में प्रवासी बुनकर भी वापस बनारस आ गए हैं। टेक्सटाइल पार्क में विशेष प्रावधान कर इनके लिए रोजगार की भी व्यवस्था की जाएगी। प्रस्ताव पर स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
लौटेंगे पुराने दिन
परंपरागत उद्योग में तेजी का अनुमान इससे भी लगाया जा सकता है कि लॉकडाउन से पहले यहां कढ़ुआ काम करने वाले हथकरघा बुनकरों की मांग बेहद बढ़ गई थी। उद्योग में बढिय़ा बुनकरों की भारी कमी महसूस की जा रही थी, जिसकी भरपाई के क्रम में नई पीढ़ी, खासकर महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। बनारस से सांसद चुने जाने के बाद बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हथकरघा और हस्तशिल्प के लिए यहां कई सौगातें दीं। नौ कॉमन फैसिलिटी सेंटर,10 ब्लॉक स्तरीय क्लस्टर, दीनदयाल हस्तकला संकुल एवं निफ्ट (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन डिजाइनिंग) केंद्र इस उद्योग में नई जान फूंकने में सफल रहे। वहीं देश-विदेश में आयोजित प्रदर्शनियों में बुनकरों को भेज उन्हेंं सीधा लाभ दिलाया जाने लगा था।
जुड़ी है छह लाख परिवारों की रोजी-रोटी
बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी के सरदार हाजी अबुल कलाम के मुताबिक इसमें कोई संदेह नहीं कि मोदी सरकार में पहले की तुलना में बनारसी साडिय़ों के ऑर्डर बढ़े हैं। बुनकरों को मेहनताना भी ठीक मिलने लगा। लगभग 1500 करोड़ रुपये के सालाना कारोबार वाले बनारसी वस्त्र उद्योग में लगभग छह लाख लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़कर जीविकोपार्जन कर रहे हैं।