नक्सली हमले में शहीद एसआइ का पार्थिव शरीर घर पहुंचते मचा कोहराम
जौनपुर : छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों द्वारा बिछाए गए विस्फोटक की चपेट में आने से शहीद एसआइ का पार्थिव शरीर गुरुवार की देर रात घर लाया गया।
जौनपुर : छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों द्वारा बिछाए गए विस्फोटक की चपेट में आने से शहीद सीआरपीएफ के एसआइ राजेश कुमार का पार्थिव शरीर लखनऊ से गुरुवार की देर रात करीब पौने तीन बजे उनके पैतृक गांव करियाव, मीरगंज लाया गया। तिरंगे में लिपटे शहीद को देखते ही परिवार में कोहराम मच गया। पार्थिव शरीर के साथ सीआरपीएफ के डीआइजी आरके डींग डाग भी मौजूद थे। परिजनों ने शहीद के नाम से गाव का नामकरण, गाव के मुख्य द्वार पर प्रवेश गेट, गाव में शहीद की प्रतिमा और शहीद की पत्नी उषा के नाम एक पर किसी महानगर में लीज पर भूमि उपलब्ध कराकर पेट्रोल पंप या गैस एजेंसी का लाइसेंस निर्गत करने और गोधना निगोह मार्ग का नामकरण शहीद राजेश के नाम पर किए जाने की माग की। विभाग की तरफ से 58 हजार रुपये की दी गई मदद। इसमें आठ हजार अंतिम संस्कार और 50 हजार रुपये तेरहवीं के नाम पर शामिल। परिजन शहीद के छोटे भाई आशीष और कुछ संबंधियों के आने का कर रहे इंतजार। सुबह दाह संस्कार के लिए हुए रवाना। सीआरपीएफ के डीआइजी आरके डींगडाग की मौजूदगी में पूरे सम्मान के साथ सलामी दी गई। इस दौरान मछलीशहर के विधायक जगदीश सोनकर, पूर्व सासद तूफानी सरोज, भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील उपाध्याय आदि ने पुष्प अर्पित किया। मौके पर जिला प्रशासन व पुलिस का अमला भी मौजूद था। सुबह आठ बज कर 27 मिनट पर शहीद का शव दाह संस्कार के लिए वारणसी ले जाया गया। इस दौरान भारत माता की जय, बन्दे मातरम, शहीद राजेश कुमार अमर है। जब तक सूरज चाद रहेगा शहीद राजेश कुमार का नाम रहेगा जैसे नारे लगे।