प्रवासियों के लिए छह सौ टेंट बनकर तैयार, जानिए क्या है खास इस टेंट सिटी में
वाराणसी में ऐढ़े गांव के 43 एकड़ क्षेत्रफल में टेंट सिटी बस रही है, इसमें 620 टेंट आवास बनाए जा रहे हैं जिनके सापेक्ष 600 टेंट आवास बनकर तैयार हो गए हैं।
वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 21 से 23 जनवरी तक प्रवासी भारतीय सम्मेलन आयोजित हो रहा है। 'नवीन भारत के निर्माण में प्रवासी भारतीयों की भूमिका' थीम पर आयोजित सम्मेलन में 75 देशों से करीब पांच हजार प्रतिनिधि आ रहे हैं। ऐढ़े गांव के 43 एकड़ क्षेत्रफल में टेंट सिटी बस रही है। इसमें 620 टेंट आवास बनाए जा रहे हैं जिनके सापेक्ष 600 टेंट आवास बनकर तैयार हो गए हैं।
तीन श्रेणियों विला, डिलक्स व फैमली आवास बन रहे हैं जिसमें फाइव स्टार होटल की सुविधा होगी। तीनों श्रेणियों के टेंट आवास का रेट क्रमश: 10 हजार, साढ़े सात हजार व पांच हजार रुपये है। टेंट सिटी में जिम, योगा व स्पा सेंटर, एटीएम, मुद्रा एक्सचेंज काउंटर, ई-रिक्शा आदि की व्यवस्था की जा रही है। छह ब्लाक में अलग-अलग फूड कोर्ट बन रहे हैं। इसमें कॉन्टिनेंटल इंडियन-चाइनीज डिश, भारत के सभी राज्यों के खास व्यंजनों के अलावा बनारसी स्टॉल लगेंगे। पीएमओ से लगायत एनआरआई, विदेश और कई अन्य मंत्रालयों के अस्थाई कार्यालय खुलने लगे हैं। टेंट सिटी में अस्पताल व थाना भी आकार लेने लगा है।
बदला हस्तकला संकुल का कलेवर : मुख्य आयोजन स्थल बड़ा लालपुर स्थित दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल में होगा, जिसे नया कलेवर दिया जा रहा है। यहां गंगोत्री से गंगा सागर तक जाह्नवी के भव्य रूप व काशी की विरासत को फसाड सीन से दर्शाया जा रहा है। सम्मेलन स्थल पर टेंट का कार्य पूरा हो चला। सड़कें आदि दुरुस्त हो रही, संकुल में प्रदर्शनी की तैयारी अंतिम चरण में है।
फसाड लाइटों से गंगा घाट रोशन : गंगा के घाट 20 फसाड लाइटों से रोशन हो रहे हैं। गंगा के अस्सी घाट समेत छह स्थानों पर अहमदाबाद की तर्ज पर फूड स्ट्रीट खोले जा रहे हैं। सांस्कृतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। राजघाट पर 20 से 23 जनवरी तक गंगा महोत्सव होगा।
सज रहा शहर, चमकने लगी सड़कें : सड़कें चमकाने के साथ चौराहों की सजावट हो रही है। तने उदास पुल व फ्लाइओवरों रंगे जा रहे हैं। गंगा घाट से लगायत शहरी घरों की दीवारों पर काशी की झलक उकेंरी जा रही है। हेरिटेज लाइटें लगाई जा रही हैं। डिवाइडर आदि रंगे जा रहे हैं।
टेंट सिटी पहुंच रहे विदेशी पर्यटक : ऐढ़े गांव में रिंग रोड के किनारे टेंट सिटी बसाई जा रही है। इसे देखने के लिए लोगों में कौतूहल बना है। शहर व गांव के लोग तो वहां पहुंच ही रहे हैं, बनारस घुमने आए सैलानी भी वहां घुमने का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। हाल यह है कि टेंट सिटी में दिन भर लोगों की भीड़ लगी रहती है। सुरक्षाकर्मी सभी को मना कर रहे हैं लेकिन बेताब लोग अंदर घुसकर टेंट सिटी निहारने में कामयाब हो जा रहे हैं। खूबसूरत टेंट आवास, काशी के प्रमुख स्थलों के बन रहे मॉडल के साथ सेल्फी ले रहे हैं। गांवों में भी टेंट सिटी को लेकर कौतूहल है।
अइसन घर त नाहीं देखले रहली : एेढ़े गांव की पुष्पा अपनी सहेलियों के साथ टेंट सिटी घुमने गई्र थीं। वहां का नजारा देख उनकी आंखें टंगी की टंगी रह गईं। पलक बिना झपकाए बोलीं, 'अइसन घर त हम पहिले ना देखले रहली। मन करत हव की, ई घरवा में कुछ दिन रहल जाए। जब विदेशिया ईहां से चल जईहन त ई टेंटवा में एक-दू दिन बीतावल जाईं'।
एक अफसर को सपेरे बुलाने की सौंपी गई जिम्मेदारी : प्रवासी भारतीय दिवस में शामिल हो रहे प्रवासियों के ठहराने के लिए ऐढ़े में 43 एकड़ में आबाद टेंट सिटी में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। अफसर सुरक्षा को लेकर कोई कसर छोडऩा नहीं चाह रहे हैं, खेती की जमीन में आबाद टेंट सिटी में कोई सांप दिखाई नहीं पड़े इसको लेकर एक अधिकारी को सपेरे बुलाने को कहा है। सपेरे टेंट सिटी और आसपास क्षेत्रों सांप खोजेंगे। अमूमन जीव-जंतु आबादी वाले स्थान पर कम दिखाई पड़ते हैं, वह किसी तरह चले आए तो बात दूसरी है लेकिन टेंट सिटी जिस स्थान पर आबाद की गई है वहां किसान खेती करते थे। वहां जीव-जंतु रात में नहीं, बल्कि दिन में भी टहलते दिखाई पड़ते थे। टेंट सिटी में काम कराने के दौरान सांप का एक बच्चा दिखाई पड़ते ही अफसरों के होश उड़ गए।