पुलिस की पिटाई से आजिज होकर हवालात में ही जान पर दांव लगाया varanasi news
फर्जी खुलासे का आरोप दो बेकसूरों के सिर मढ़ने के चक्कर पड़ी भेलूपुर पुलिस ने दो बंदियों पर इतना जुल्म ढाया कि उनकी हिम्मत टूट गई।
वाराणसी, जेएनएन। फर्जी खुलासे का आरोप दो बेकसूरों के सिर मढ़ने के चक्कर पड़ी भेलूपुर पुलिस ने दो बंदियों पर इतना जुल्म ढाया कि उनकी हिम्मत टूट गई। पिटाई सहन नहीं हुई तो जान देने की ठान ली और शुक्रवार को एक ने ब्लेड से वार कर खुद को लहूलुहान कर लिया। दूसरे ने तो हवालात में ही बनियान के जरिए अपना गला भी कस लिया था। समय रहते हवालात के बाहर ड्यूटी दे रहे पुलिसकर्मियों की नजर पड़ गई। दोनों को लहूलुहान देख आननफानन में उन्हें बाहर निकाला गया।
ट्रामा सेंटर में प्राथमिक उपचार के बाद क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अपनी करतूत छिपाने के लिए भेलूपुर पुलिस ने अस्पताल में कड़ा पहरा लगा दिया ताकि मीडियाकर्मी जख्मी बंदियों तक नहीं पहुंच सकें। जब एसएसपी के कानों तक इस शर्मनाक विभागीय करतूत की सूचना पहुंची, तो गंभीरता से लेते हुए 24 घंटें में मामले की जांच कर रिपोर्ट दिए जाने के आदेश दिए। दरअसल, थाने के टॉप टेन अपराधियों की सूची दुरुस्त करने के आदेश पर सिगरा पुलिस ने सूची में शामिल दीपक बिंद व उसके भतीजे रवि बिंद को तीन दिन पहले हिरासत में लिया गया था। सिगरा थाना प्रमुख राजीव रंजन उपाध्याय ने बताया कि दोनों का डोजियर तैयार करने के लिए उनसे पूछताछ हुई। पूछताछ के दौरान भेलूपुर में हुई कुछ चोरियों के मामले में सुराग मिलने पर दोनों को भेलूपुर पुलिस के हवाले कर दिया गया।
हवालात में हुई पिटाई
इलाके में कई चोरी की घटनाओं को लेकर अपराधियों के गिरेबां तक पहुंचने में नाकाम भेलूपुर पुलिस ने दीपक व रवि की गुरुवार की रात थाने में जमकर पिटाई की। दोनों पर भेलूपुर थाना क्षेत्र में एक सराफ के यहां हुई चोरी में शामिल होने के साथ ही मुखबिर बनने का दबाव बनाया। इस चोरी की घटना की तफ्तीश में एडीजी बृजभूषण ने खुद मौके का मुआयना किया था और थाना प्रमुख नागेश सिंह को फटकार लगाते हुए जल्दी खुलासा करने का निर्देश दिया था। क्राइम ब्रांच के नाम पर करते रहे खेल - भेलूपुर पुलिस दीपक व रवि पर चोरी का जुर्म स्वीकार करने के लिए पिटाई करती रही। तीन दिन से पुलिस की कस्टडी में चल रहे चाचा-भतीजा के परिजन उनकी गिरफ्तारी नहीं दिखाए जाने से परेशान हो गए, क्योंकि कानूनन दोनों को पकड़ने के बाद उन्हें चौबीस घंटे के भीतर गिरफ्तारी दिखाते हुए कोर्ट के सामने पेश करना होता है।
परिजन अधिवक्ता के माध्यम से भेलूपुर थाने पहुंचे दीपक व रवि के बारे में पूछताछ किए तो बताया गया कि क्राइम ब्रांच दोनों को उठा ले गई है। परिजन क्राइम ब्रांच पहुंचे तो पता चला पूरी टीम गाजीपुर दबिश में गई है। क्राइम ब्रांच ने उन्हें नहीं उठाया है। परिजनों को शक हुआ तो दोबारा भेलूपुर थाने पहुंचे। इस बीच दीपक व रवि के हवालात में जान पर दांव लगाने की जानकारी मिलते ही होश फाख्ता हो गए।