गंगा में जल परिवहन की बाधा होगी दूर, नदी की गहराई बढ़ाने के लिए टेंडर जारी
पटना से फरक्का तक कार्य का टेंडर दो बड़े औद्योगिक समूहों जबकि पटना से बनारस तक डेढ़ मीटर ड्रेजिंग के लिए करीब 1400 करोड़ की निविदा आमंत्रित कर दी गई है।
वाराणसी । गंगा में जल परिवहन की बड़ी बाधा अब दूर होगी। गहराई बढ़ाने के मकसद से ड्रेजिंग कार्य दो माह में शुरू करने की तैयारी है। बनारस से हल्दिया तक निर्धारित रूट को बेहतर बनाने के उद्देश्य से कदम उठाए जा रहे हैं। काशी से पटना तक करीब 1400 करोड़ रुपये डे्रजिंग पर खर्च होंगे, रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आरएफपी) अपलोड कर दिया गया है। दो महीने में कंपनी तय कर यह कार्य शुरू कराने के आदेश दिए गए हैं।
परियोजना पर गंभीर मंथन
सोमवार को मुंबई में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के चेयरमैन प्रवीण पांडेय की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई, इसमें बनारस से भी अधिकारी शामिल होने के लिए गए। वहां पर प्रोजेक्ट से जुड़े देश भर की कंपनियां व अधिकारियों के साथ परियोजना पर मंथन हुआ। रामनगर में बन रहे इंटरमॉडल टर्मिनल के बचे हुए कार्य को हर हाल में अक्टूबर तक पूरा कराने के निर्देश दिए गए। चेयरमैन ने कहा कि जल परिहवन को सुगम बनाने के मकसद से यह जरुरी है कि ड्रेजिंग कर गहराई बढ़ाई जाए।
कार्यों का हुआ वितरण
पटना से फरक्का तक कार्य का टेंडर दो बड़े औद्योगिक समूहों को आवंटित कर दिया गया है जबकि पटना से बनारस तक डेढ़ मीटर ड्रेजिंग के लिए करीब 1400 करोड़ की निविदा आमंत्रित कर दी गई है। टेक्नीकल व कामर्शियल बिड के जरिए कंपनियों का चयन पूरा कराया जाएगा।
फ्रेट विलेज के लिए धनराशि स्थानांतरित
फ्रेट विलेज का काम भी प्राधिकरण शुरू कराने के मूड में है, इसके लिए करीब 30 एकड़ भूखंड के लिए करीब 30 करोड़ रुपये प्रशासन को स्थानांतरित कर दिए गए हैं। यह प्रोजेक्ट भी जल्द शुरू करने की तैयारी चल रही।
90 फीसद काम पूर्णता का दावा
रामनगर में चल रहे जिन कार्यों की मुंबई में समीक्षा हुई है, दरअसल अधिकारी 90 फीसद कार्य पूर्ण होने का दावा कर रहे हैं। तय हुआ है कि अब कोई टाइमलाइन नहीं बढ़ेगी। भले ही गंगा का जलस्तर बढ़ाव पर है, लेकिन काम समय पर पूरा करना होगा। अब इस चुनौती के बीच प्राधिकरण प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारेगा।