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वाराणसी में दस मुख्यमंत्रियों ने एक घंटे तक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को किया आत्मसात

समाज को सेवा सद्भाव समर्पण समग्रता सर्वहित का सूत्र वाक्य देने वाले चिंतक विचारक लेखक राजनीति के आदर्श पुरुष पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को दस राज्यों के मुख्यमंत्रियों व उनकी पत्नियों ने एक घंटे तक आत्मसात किया। महिलाएं ई रिक्शा से प्रतिमा तक गई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 14 Dec 2021 07:17 PM (IST)Updated: Tue, 14 Dec 2021 07:17 PM (IST)
वाराणसी में दस मुख्यमंत्रियों ने एक घंटे तक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को किया आत्मसात
वाराणसी में दस मुख्यमंत्रियों ने एक घंटे तक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को किया आत्मसात

वाराणसी, जागरण संवाददाता। समाज को सेवा, सद्भाव, समर्पण, समग्रता, सर्वहित का सूत्र वाक्य देने वाले चिंतक, विचारक, लेखक, राजनीति के आदर्श पुरुष पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को दस राज्यों के मुख्यमंत्रियों व उनकी पत्नियों ने एक घंटे तक आत्मसात किया। महिलाएं ई रिक्शा से प्रतिमा तक गई। पंडित जी की प्रतिमा के समक्ष शीश नवाया और पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजली दी। साथ ही युग पुरुष के विचारों को कोने कोने तक पहुंचाने का संकल्प लिया। इंटरप्रिटेशन वाल पर उकेरे गए पंडित जी के विचारों व सिद्धांतों को पढ़ा। बीआर बाक्स से उनकी जीवनी देखी और सुनी। बाबा विश्वनाथ धाम के लोकार्पण कार्यक्रम के एक दिन बाद मंगलवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में एक साथ मुख्यमंत्रियों का आगमन हुआ। क्षेत्र में यह कौतूहल का विषय बना रहा।

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शाम पांच बजे मुख्यमंत्रियों का काफिला आना शुरू हुआ। सुरक्षा की दृष्टि से सड़क के दोनों किनारों पर बैरिकेटिंग कर दी गई थी ताकि यातायात में दिक्कत न हो। एक ही दिन में एक दर्जन मुख्यमंत्रियों के आने से गहमागहमी भी रही। सबसे पहले नेताओं ने स्मृति संग्रहालय में स्थापित 63 फीट ऊंची प्रतिमा के समक्ष शीश नवाया और पुष्प अर्पित किया। इसके बाद सेल्फी प्वाइंट पर एक साथ सभी ने फोटो खिंचवाई। फिर इंटरप्रिटेशन वाल पर कलाकृतियों के माध्यम से उकेरे गए पंडित जी के विचारों और सिद्धांतों को इत्मिनान से पढ़ा। इस स्मारक में प्रतिमा के साथ निर्माण कराए गए संग्रहालय, प्रदर्शनी, कुंड का भी जायजा लिया गया। स्मृति संग्रहालय के बनावट को देखकर सभी ने इसकी तारीफ भी की। छह बजे के बाद सभी मुख्यमंत्री

रवाना हो गए।

मुख्यमंत्रियों को देखने के लिए लगी रही भीड़ एक साथ अरुणाचल प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री चौराहे पर स्मृति संग्रहालय पहुंचे तो नेताओ को देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। हालांकि पुलिस ने पहले ही सुरक्षा व्यवस्था तगड़ी कर दी थी। सड़क किनारे खड़ाकर होकर लोग नेताओं के काफिले को निहारते रहे।

व्यंजनों की हुई जांच

संग्रहालय में नेताओ के लिए नाश्ते की भी व्यवस्था की गई थी। दोपहर में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के डीओ आरएल यादव, खाद्य निरीक्षक कुमार चित्र सेन, गणपति ने नाश्ते का सैंपल लिया। खाने की वस्तुएं और पानी की बोतलों की जांच की। डीओ ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से खाने की जांच की जा रही है।

पंडित जी से काम करने की मिली सीख

बहुत कम ऐसा होता है कि एक नेता में तीनों खूबियां हो। पंडित जी में तीनों खूबियां थीं। उन्होंने विचारधारा को एक विचार दिया, एकात्म मानववाद को स्थापित किया और जन नेता के रूप में कैसे काम करना चाहिए, इसकी सीख दी। संगठन की दृष्टि से देखा जाए तो बहुत कम अवधि में राष्ट्रीय महामंत्री व राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में उन्होंने भारतीय जनसंघ को अखिल भारतीय पार्टी बनाया।ऐसे महान विभूति जो हम सबको असमय छोड़कर चले गए। पड़ाव उनका अंतिम पड़ाव रहा है। इसीलिए यहां से जुड़ाव है।

-जेपी नड्डा, राष्ट्रीय अध्यक्ष

अच्छी मिली अनुभूति: सुलक्षणा

गोवा के सीएम प्रमोद सावंत की पत्नी और भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की गोवा की प्रभारी सुलक्षणा प्रमोद सावंत ने कहा कि स्वभाव, संस्कृति व इतिहास के बारे में पूरे संसार को बताना है तो भारत ही एक ऐसा देश है, जो कर सकता है। पंडित जी के स्मृति संग्रहालय में आने से अच्छी अनुभूति हुई है। पंडित जी के विचारों व सिद्धांतों पर चलना ही मकसद होना चाहिए। हर किसी को उनकी बातों का स्मरण करने की जरुरत है।


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