वाराणसी-लखनऊ हाइवे पर अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बच निकली मीरजापुर की किशोरी
मड़िहान थानाक्षेत्र के एक गांव निवासी किशोरी अपनी सूझबूझ और हिम्मत के दम पर अपहरणकर्ताओं के चंगुल से आजाद होने में कामयाब रही।
मीरजापुर [मनोज द्विवेदी]। जिले में मडि़हान थानाक्षेत्र के एक गांव निवासी किशोरी अपनी सूझबूझ आैर हिम्मत के दम पर अपहरणकर्ताओं के चंगुल से आजाद होने में कामयाब रही। वाराणसी-लखनऊ हाइवे पर जब कुछ देर के लिए बदमाशों ने खाने-पीने के लिए वैन रोकी तो किशोरी ने पैर और हाथ की रस्सी खोलकर पहले दबे कदमों से फिर बेतहाशा भागते हुए अपनी जान बचा ली। मंगलवार को किसी तरह घर पहुंची किशोरी ने परिजनों को आपबीती बताई तो उनके भी होश उड़ गए।
अपहृत होकर सही सलामत अपने घर पहुंची किशोरी ने बताया कि 13 फरवरी दिन गुरुवार को वह रोजाना की तरह स्कूल पहुंची लेकिन साढ़े दस बजने की वजह से गेट बंद हो गया था। वह वापस अपने घर की ओर साइकिल से जा रही थी तभी चेन खराब हो गई। किशोरी साइकिल का चेन सही करने लगी, उसी समय सफेद मारुति वैन एकदम करीब आकर रुकी। एक व्यक्ति ने मदद करने की बात कही तो किशोरी ने मना कर दिया। इतने मेें तीन-चार लोग वैन से उतरे और धक्का देकर साइकिल गिरा दिए व लड़की को वैन में डालकर हाथ-पैर बांध दिए। पीडि़ता ने बताया कि वैन में ड्राइवर सहित सात लोग थे। दिनभर गाड़ी चलती रही। अंधेरा होने लगा तो उन्होंने एक सुनसान जगह पर वैन रोकी व खाने के पैकेट निकालकर खाने लगे। किशोरी को भी पैकेट दिया लेकिन उसने मना कर दिया। भोजन के बाद कुछ बदमाश मोबाइल में बिजी हो गए तो कुछ आराम करने लगे। एक बदमाश किशोरी की रखवाली करता रहा। इसी दौरान उसको भी झपकी आने लगी। यह मौका पाकर किशोरी ने धीरे-धीरे हाथ व पैर की रस्सी खोली और दबे पांव वहां से कुछ दूर तक चलती रही। किशोरी ने बताया कि उनसे दूर जाने के बाद वह सड़क के किनारे दौड़ती रही और करीब तीन किलोमीटर बाद उसे रोडवेज की एक बस मिली और वह किसी तरह लखनऊ पहुंची। वहां एक आटो ड्राइवर से फोन मांगकर मडि़हान में अपने चाचा को फोन किया। चाचा ने उससे पास के पुलिस चौकी पहुंचकर इंतजार करने को कहा। इसके बाद लड़की लखनऊ के नाका ङ्क्षहडोला पुलिस चौकी पहुंची जहां परिजन पहुंचकर उसे वापस घर ले आए। पीडि़ता की मां ने बताया कि डीजीपी, पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र दिया गया है ताकि अहरणकर्ताओं की गिरफ्तारी हो सके।
रोडवेज बस से पहुंची लखनऊ
पीडि़त किशोरी ने बताया कि जब वह अपहरणकर्ताओं से बचकर भागी तो उस समय रोडवेज बस को हाथ देकर रुकवाया। कंडक्टर ने पूछा- कहां जाना है तो किशोरी ने कहा कि मीरजापुर जाना है। कंडक्टर ने कहा कि यह बस लखनऊ जाती है तो किशोरी ने उसे लखनऊ ले जाने के लिए कहा। इस पर परिचालक ने 364 रुपये का टिकट काट दिया। किशोरी के पास 150 रुपये ही थे लेकिन उसका हाल जानने-समझने पर परिचालक ने टिकट व पैसे दोनों ले लिए और उसे चारबाग स्टेशन पर उतार दिया।
शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी
जिन मामलों में गुमशुदगी दर्ज है, उन पर कार्रवाई की जाती है। यह शिकायत अभी उनके पास नहीं पहुंची है, शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी। - डा. धर्मवीर सिंह, पुलिस अधीक्षक, मीरजापुर।