स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए उल्टी गिनती शुरू, टीम वाराणसी में पांच दिनों तक देखेगी हकीकत
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है दिसंबर में ओडीएफ सर्वे के बाद इस महीने तीन टीन विभिन्न मानकों पर स्वच्छता को परखेगी।
वाराणसी, जेएनएन। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है। दिसंबर में ओडीएफ सर्वे के बाद इस महीने तीन टीन विभिन्न मानकों पर स्वच्छता को परखेगी। इसके मद्देनजर शनिवार को लखनऊ से जीएफसी (गारबेज फ्री सिटी) की पांच सदस्यीय टीम नगर निगम पहुंच गई। ये टीम पांच दिन तक शहर में सभी वार्डों का निरीक्षण करने के बाद रिपोर्ट देगी।
नगर निगम पहुंचने के बाद टीम ने सिटी सपोर्ट यूनिट में स्वास्थ्य निरीक्षकों के साथ बैठककर जानकारी ली। इसके बाद दोपहर बाद शुरू हुए सर्वेक्षण में पांचों टीमों ने वार्ड वार हर स्तर पर लोगों से फिडबैक लिया। टीम एक वार्ड के 30 घरों में जाकर लोगों से जानकारी ले रही है। टीम लोगों से पूछ रही है कि डोर टू डोर कूड़ा उठान की स्थिति क्या है। झाड़ू नियमित लग रहा है कि नहीं। पॉलीथिन का उपयोग करते हैं या नहीं। गंदगी फैलाने पर नगर निगम द्वारा जुर्माना लगाया जाता है या नहीं। कालोनियों में कूड़ा रखने के लिए अलग अलग डस्टबिन रखे गए हैं कि नहीं सहित कई सवाल पूछे।
ऑनलाइन होती है मानिटरिंग
स्वच्छता सर्वे के लिए आई टीम स्वयं स्थान का चयन नहीं करती है। उसे जीपीएस के माध्यम से निर्देशित किया जाता है। निर्देश के मुताबिक ही टीम के सदस्य मौके पर जाकर मोबाइल के माध्यम से लाइव रिपोर्ट देती है। साथ ही कई सवालों का रिपोर्ट खुद तैयार करती है।
शहीद उद्यान और फल मंडी भी गई टीम
सिगरा वार्ड में टीम ने शहीद उद्यान और फल मंडी में जाकर वेंडिंग जोन को देखा। इसी तरह काजीपुरा में वार्ड दो स्कूल और एक होटल में जाकर वहां सफाई और कूड़ा एकत्रित करने के बारे में प्रबंधन से जानकारी ली।
अभी दो सर्वे और
जीएफसी के बाद 31 जनवरी के पहले अभी दो सर्वे और होना है। इसमें गंगा किनारे के 14 वार्डों का अलग सर्वे किया जाएगा। इसमें लोगों से गंगा में होने वाली गंदगी और उसके रोकथाम के उपाय के बारे में नगर निगम द्वारा की जा रही कार्रवाई के बारे में जानकारी ली जाएगी। इसके बाद फाइनल सर्वे किया जाएगा।
कर्मचारियों की फौज
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में अव्वल आने को नगर निगम प्रशासन ने कर्मचारियों की फौज लगा दी है ताकि अधिक से अधिक लोगों का फीडबैक मिल सके। आधे से अधिक समय बीत जाने के बाद केवल साढ़े सात हजार लोगों ने फीडबैक दिया है जबकि करीब अस्सी हजार लोगों ने एप डाउनलोड किया है। सिटीजन फीडबैक लेने का काम 31 जनवरी होगा। शहर की आबादी लगभग चालीस लाख है, इसके बावजूद नगर निगम को फीडबैक के लिए कर्मचारियों की फौज तैनात करनी पड़ रही है। अब तक आबादी का एक फीसद भी फीडबैक नहीं दे पाया है।
शहर साफ हो या न हो, फीडबैक पॉजीटिव होना चाहिए
फीडबैक के लिए तैनात कर्मचारियों का इस पर जोर है कि सभी जवाब पॉजीटिव हो। भले ही कम लोग फीडबैक दें। सूत्रों के मुताबिक पिछले वर्ष कानपुर ने 2.50 लाख लोगों से फीडबैक लिया था जिनमें ज्यादातर नकारात्मक जवाब था। जिससे वहां की रैंकिंग वाराणसी नगर निगम से भी कम थी।
कुल आठ प्रश्नों का देना है जवाब
नगर निगम ने नगर निगम मुख्यालय सहित जोनल कार्यालयों पर फीडबैक के सवालों को चस्पा किया है और 90 वार्डों में नोडल अधिकारी तैनात हैं। खास बात यह कि निगम ने खुद ही जवाब भी दिया है। इसमें सभी जवाब हां में या 10 अंकों में नौ अंक दिए गए हैं।
पार्षदों से नहीं लिया फीडबैक
सीवर व्यवस्था से लगभग हर पार्षद परेशान है। कई वार्डों में सफाई व्यवस्था खराब है। ऐसे में कर्मचारी पार्षदों से फीडबैक लेने की जोखिम नहीं उठाना चाहते। यही कारण है कि अब तक पार्षदों से संपर्क नहीं किया गया।