Move to Jagran APP

ऑनलाइन पढ़ाई की राह पर यूपी बोर्ड, शिक्षकों की कमी से अब नहीं होगा पठन-पाठन प्रभावित

इस बार के केंद्रीय बजट में देश के शीर्ष 100 उच्च शैक्षणिक संस्थानों में ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम शुरू करने के निर्णय लिया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 04:37 PM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 04:37 PM (IST)
ऑनलाइन पढ़ाई की राह पर यूपी बोर्ड, शिक्षकों की कमी से अब नहीं होगा पठन-पाठन प्रभावित
ऑनलाइन पढ़ाई की राह पर यूपी बोर्ड, शिक्षकों की कमी से अब नहीं होगा पठन-पाठन प्रभावित

वाराणसी, जेएनएन। इस बार के केंद्रीय बजट में देश के शीर्ष 100 उच्च शैक्षणिक संस्थानों में ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम शुरू करने के निर्णय लिया है। इसी परिप्रेक्ष्य में माध्यमिक विद्यालयों में अगले सत्र से ऑनलाइन पढ़ाई की बुनियाद डालने की भूमिका बनने लगी है। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा की वेबकास्टिंग के लिए कॉलेजों में लगे वॉयस रिकार्डरयुक्त सीसीटीवी कैमरे व राउटर का उपयोग ऑनलाइन पठन-पाठन में करने पर विचार हो रहा है।

loksabha election banner

 कंट्रोल रूम में विषय विशेषज्ञ बुलाकर उनके लेक्चर कराए जाएंगे। कैमरे व राउटर के माध्यम से सभी विद्यालयों के बच्चे एक साथ विशेषज्ञों के व्याख्यान सुन सकेंगे। ऐसे में अब शिक्षकों कमी के चलते किसी भी विद्यालय में पठन-पाठन प्रभावित नहीं होगा। विद्यालयों को अच्छे अध्यापकों की कमी भी नहीं खलेगी। हालांकि, ऑनलाइन पढ़ाई का मकसद समाज के वंचित तबकों को शिक्षा से जोडऩा है। इसका दूसरा पहलू अच्छे शिक्षकों का लाभ सभी विद्यार्थियों तक समान रूप से पहुंचाना है। 

शासन की पहल पर यूपी बोर्ड ने नकल रोकने के लिए वर्ष 2018 की परीक्षा सीसी कैमरे की निगरानी में कराई थी। वर्ष 2019 में वायस रिकार्डर अनिवार्य कर दिया गया। परीक्षा बाद इसका उपयोग पठन-पाठन की मॉनीटङ्क्षरग में किया जा रहा है। प्रधानाचार्य अब कक्ष में बैठकर यह देखते हैं कि किस कक्षा में कौन शिक्षक क्या पढ़ा रहा। शिक्षा अधिकारी भी निरीक्षण के दौरान कैमरे की फुटेज देख पठन-पाठन की गुणवत्ता जांचते हैं। वर्ष 2020 की परीक्षा में वेबकास्टिंग के लिए लगे राउटर का उपयोग ऑनलाइन पढ़ाई में करने का निर्णय लिया गया है। 

वेबकास्टिंग के लिए विद्यालयों में लगे सीसीटीवी कैमरे व राउटर का उपयोग ऑनलाइन पढ़ाई के लिए किया जा सकता है। राजकीय क्वींस कालेज कंट्रोल रूम में भी कैमरा व राउटर लगाया गया है। ऐसे में कंट्रोल रूम से विद्वानों का लेक्चर स्कूलों के बच्चे आसानी से सुन सकते हैं। वे उनसे सवाल-जवाब भी कर सकते हैं।   - डा. विजय प्रताप सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.