आजमगढ़ में फर्जी अंक पत्र पर कर रही थी नौकरी, जांच के बाद अध्यापिका बर्खास्त
वर्ष 2016 में जनपद में हुई 15000 व 16448 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में व्यापक पैमाने पर हुई धांधली में सहायक अध्यापिका भी संलिप्त पाई गई।
आजमगढ, जेएनएन। वर्ष 2016 में जनपद में हुई 15000 व 16448 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में व्यापक पैमाने पर हुई धांधली में सहायक अध्यापिका भी संलिप्त पाई गई। उसने जवाहर लाल नेहरु महाविद्यालय बाराबंकी का स्नातक का फर्जी अंक पत्र लगाकर नौकरी पाई थी। जांच में पुष्टि होनेपर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय ने आरोपी शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया। इसके साथ ही वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक व खंड शिक्षा अधिकारी बिलरियागंज को अब तक आहरित की गई धनराशि की रिकवरी करने का आदेश दिया है।
शिक्षिका कुमारी शिवमुनी यादव पुत्री बसंत यादव जहानागंज विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय बरही पर तैनात थी। वर्ष 2016 में 15000 व 16448 शिक्षक भर्ती निकली थी। इसमें कु. शिवमुनि ने पहले 15000 शिक्षक भर्ती में स्नातक का 978 का अंक पत्र दाखिल किया था। इसमें नियुक्त नहीं हुई तो 16448 शिक्षक भर्ती में 1354 मेरिट का स्नातक का अंक पत्र लगा लिया। इससे उसकी मेरिट 73.70 पहुंच गई और सहायक अध्यापक बन गई। इस दौरान भाजपा गाेरखपुर के क्षेत्रीय मंत्री व पूर्व जिलाध्यक्ष सहजानंद राय ने इन भर्तियों में धांधली की शिकायत करते हुए तत्कालीन मंडलायुक्त के. रवींद्र नायक से शिकायत की थी।
मंडलायुक्त ने जांच का दिया निर्देश : मंडलायुक्त ने पूरे मामले की जांच कराने का निर्देश तत्कालीन डीएम को दिया था। डीएम ने तत्कालीन जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी डा. अर्चना सिंह व अपर सांख्यिकी अधिकारी सुनील सिंह को जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी। जांच में सच उजागर होने पर दोषी मिले पांच लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट भी संबंधित थानों में दर्ज कराई गई थी। इस बीच सभी शिक्षक हाईकोर्ट चले गए और इन्हें राहत मिल गई थी।