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शिक्षक फर्जीवाड़ा: वाराणसी के संस्कृत विश्वविद्यालय में 21 से होगी अध्‍यापकों के अभिलेखों की जांच

वाराणसी में संस्कृत विश्वविद्यालय में शिक्षकों के अभिलेखों की जांच 21 व 22 जुलाई को होगी। पहले दिन अध्यापकों को दोपहर एक बजे व दूसरे दिन सुबह 10.30 बजे बुलाया गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2020 01:49 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 05:23 PM (IST)
शिक्षक फर्जीवाड़ा: वाराणसी के संस्कृत विश्वविद्यालय में 21 से होगी अध्‍यापकों के अभिलेखों की जांच
शिक्षक फर्जीवाड़ा: वाराणसी के संस्कृत विश्वविद्यालय में 21 से होगी अध्‍यापकों के अभिलेखों की जांच

वाराणसी, जेएनएन। शासन के निर्देश पर विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के शिक्षकों की भी नियुक्ति की जांच शुरू हो गई है। इस क्रम में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ व संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के अध्यापकों से एक प्रपत्र भरवाए जा रहे हैं। दूसरी ओर संस्कृत विश्वविद्यालय में शिक्षकों के अभिलेखों की जांच 21 व 22 जुलाई को होगी। पहले दिन अध्यापकों को दोपहर एक बजे व दूसरे दिन सुबह 10.30 बजे विश्वविद्यालय बुलाया गया है।

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52 अध्यापक व आठ अनुदानित महाविद्यालयों के 250 शिक्षकों से भी प्रपत्र भरवा लिए गए

कुलसचिव राज बहादुर के मुताबिक इस संबंध में शासन की ओर से गठित जांच टीम के सदस्यों को भी सूचना दे दी गई है। मौके पर भी सभी प्रपत्रों की जांच कर लें। जांच समिति के सदस्य सचिव क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डा. ज्ञान प्रकाश वर्मा ने महात्मा गांधी विद्यापीठ व इससे संबद्ध कालेजों तथा संस्कृत विश्वविद्यालय में नियुक्त शिक्षकों का विवरण एकत्र कर लिया है। इसके अलावा जनपद के चार राजकीय महाविद्यालयों के 52 अध्यापक व आठ अनुदानित महाविद्यालयों के 250 शिक्षकों से भी प्रपत्र भरवा लिए गए हैं। इसमें शिक्षकों की नियुक्ति, चयन प्रक्रिया, शैक्षिक योग्यता सहित अन्य तमाम बिंदुओं पर सूचनाएं शामिल हैं। प्रपत्रों के आधार पर प्रमाणपत्रों का सत्यापन किया जा रहा है।

संविवि के डिग्रीधारी शिक्षकों का ब्योरा तलब किया था बेसिक शिक्षा विभाग ने

बेसिक शिक्षा विभाग ने बीते सात जुलाई को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के डिग्रीधारी शिक्षकों का ब्योरा तलब किया था। विश्वविद्यालय व इससे संबद्ध कालेजों से पूर्व मध्यमा (हाईस्कूल), उत्तर मध्यमा, (इंटर), शास्त्री (स्नातक) व बीएड के अंकपत्र व प्रमाणपत्रों के आधार पर वर्ष 2004 से 2014 के बीच चयनित शिक्षकों का विवरण साफ्ट व हार्ड दोनों कापी में मांगी गई थी। दस जुलाई तक उपलब्ध न कराने पर इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी संबंधित जनपदों के बीएसए को दी गई थी। जनपद के परिषदीय विद्यालयों में संस्कृत विश्वविद्यालय के अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों पर के आधार पर 315 अध्यापक नौकरी कर रहे हैं। बीएसए राकेश सिंह शिक्षकों की सूची फर्जी अंकपत्रों की जांच कर रही विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) को उपलब्ध भी करा चुके हैं।


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