देश के विकास में समय से टैक्स देना चाहिए, आयकर दिवस पर विशेषज्ञों ने रखा पक्ष
आयकर दिवस के मौके पर बुधवार को बीएचयू के डा केएन उडडप्पा सभागार में देश के विकास में आयकर की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
वाराणसी, जेएनएन। आयकर दिवस के मौके पर बुधवार को बीएचयू के डा केएन उडडप्पा सभागार में देश के विकास में आयकर की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें आयकर के पक्षों और इसकी जरूरतों पर चर्चा की गई। देश के विकास में आयकर कितना महत्वपूर्ण है और टैक्स देने से क्या-क्या लाभ होते हैं और आइटीआर न भरने पर जुर्माने का प्रावधान जैसे विषयों को लेकर आयकर विशेषज्ञों ने अपना पक्ष रखा। इस मौके पर आयकर विभाग के अधिकारियों के अलावा सीए, कर अधिवक्ता और कारोबारी भी शामिल हुए।
विशेषज्ञों ने कहा कि 24 जुलाई अहम वर्ष 1861 में इसी तिथि को पहली बार कर लगा था, जिसे आयकर दिवस के रूप में मनाया जाता है। विशेष दिवस की 159वीं वर्षगांठ विभाग बुधवार को मना रहा है। देश का संचालन टैक्स से होने के कारण वर्ष-दर-वर्ष कर के नियमों में बदलाव के आयाम सामने आते रहते हैं। विशेष दिवस की पूर्व संध्या पर हम जरूरी जानकारियां आपको दे रहे जो न सिर्फ मुश्किलों से बचाएगीं, बल्कि जेब कम ढीली करने के साथ ही टैक्स अदायगी में भी राहत देगीं। -ढाई लाख की कमाई के बाद रिटर्न भरना जरूरी केंद्र सरकार ने आयकर के नए प्रावधान में पांच लाख तक की कमाई को टैक्स से मुक्त कर दिया है। लेकिन ढाई लाख की कमाई के बाद आइटीआर भरना जरूरी है। आइटीआर भरने मात्र से टैक्स जमा करने जैसी बाध्यता नहीं होती है।