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पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड शहरी घरेलू उपभोक्ताओं पर बढ़ाएगा टैरिफ का भार

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं पर करीब 20 प्रतिशत विद्युत दर बढ़ाने एवं घटाने की योजना आयोग को सौंपी दी है।

By Edited By: Published: Thu, 01 Aug 2019 12:53 AM (IST)Updated: Thu, 01 Aug 2019 09:32 AM (IST)
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड शहरी घरेलू उपभोक्ताओं पर बढ़ाएगा टैरिफ का भार
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड शहरी घरेलू उपभोक्ताओं पर बढ़ाएगा टैरिफ का भार

वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं पर करीब 20 प्रतिशत विद्युत दर बढ़ाने एवं घटाने की योजना आयोग को सौंपी दी है। ऐसे में शहरी घरेलू उपभोक्ताओं पर टैरिफ की मार पड़ने वाली है। इस बात के संकेत बुधवार को जन सुनवाई के लिए यहां आए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह ने दे दिए। वह ग्रामीणों, किसानों एवं उद्यमियों पर अतिरिक्त भार देने के पक्ष में नहीं दिखे। ऐसे में बचे आम उपभोक्ता, जिससे खर्च की भरपाई की जा सकती है। किसानों की समस्या सुनने के बाद चेयरमैन ने कहा कि किसानों पर अब और अधिक चार्ज लगाने की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है। साथ ही अगर उद्यमियों पर बोझ डाला गया तो पूर्वाचल से उद्योगों का पलायन होगा।

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-निजी नलकूपों को मुफ्त में मिल सकती है बिजली चेयरमैन ने किसानों से बताया कि उनके निजी नलकूपों को मुफ्त बिजली मिल सकती है। इसके लिए सरकार से अनुरोध किया गया है। हालांकि बिजली चोरों के कारण आम लोगों पर भार पड़ रही है।

-आरके चौधरी ने उद्यमियों की ओर से रखी मांग उद्यमियों की ओर से इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी ने आयोग के सामने मांग रखी। बताया कि पूर्वाचल ही नहीं पूरे प्रदेश के सर्वागीण विकास के लिए जरूरी है कि उद्यमियों को प्रोत्साहन दिया जाए। इसके लिए उन्होंने तत्काल रेगुलेटरी सरचार्ज समाप्त करने की मांग की, जिस पर चेयरमैन ने जल्द हल निकालने का आश्वासन दिया। चौधरी ने कहा कि पश्चिमांचल में यह चार्ज नहीं है, लेकिन पूर्वाचल के साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है। जब लाइन लास घट रहा है तो विद्युत दर बढ़ाकर अतिरिक्त भार क्यों डाला जा रहा है। इससे उद्योगों की सेहत खराब होगी और उद्यमी पलायन करने को मजबूर होंगे। कहा कि सरकार 2012 के 800 करोड़ के घाटे की भरपाई न करे।

-प्रतिभूति राशि के लिए बने सिस्टम निगम प्रतिभूति के नाम पर उद्यमियों से एडवांस राशि लेती है। नियम है कि उसे ब्याज के साथ लौटाया जाए। चौधरी ने कहा कि ब्याज सहित राशि लौटानी तो दूर की बात है इसे बिल में भी अगर समायोजित कर दिया जाए तो भी काफी राहत मिलेगी। इसके लिए एक साफ्टवेयर विकसित किया जाए। ताकि ब्याज दर की आनलाइन निगरानी हो सके। उन्होंने डबल मीटि¨रग पर भी सवाल खड़े किए। कहा कि उद्यमियों को जितनी निर्बाध बिजली मिलेगी उतना ही उद्योग और बिजली विभाग का राजस्व बढ़ेगा। साथ ही उन्होंने सौर ऊर्जा को नेट मीटरिंग से भी जोड़ने की मांग की। इससे पर्यावरण, समाज, राष्ट्र एवं औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।

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