अच्छी खबर : बीएचयू में बनेगा तारामंडल, अब विद्यार्थी देखेंगे ब्रह्मांड
एशिया के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालय बीएचयू के विद्यार्थी भी अब अपने ही परिसर में ब्रह्मांड का नजारा ले सकेंगे।
वाराणसी, [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। एशिया के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालय बीएचयू के विद्यार्थी भी अब अपने ही परिसर में ब्रह्मांड का नजारा ले सकेंगे। इसे देखने को अब कोलकाता, प्रयागराज या अन्य शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भारत कला भवन परिसर में तारामंडल बनेगा। इस संबंध में बिड़ला ग्रुप से कवायद भी शुरू हो गई है। साथ ही तारामंडल बनाने वाले विशेषज्ञों से भी संपर्क भी साधा जा रहा है।
बीएचयू में तारामंडल बनने से छात्र-छात्राओं को ही नहीं अधिकारियों, कर्मचारियों एवं काशीवासियों के लिए भी एक बड़ी खुशखबरी होगी। कारण कि प्रयागराज से लेकर पटना के बीच तारामंडल कही नहीं है। यहां पर तारामंडल बनने से पूर्वांचल, पश्चिमी बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड एवं नेपाल के कुछ क्षेत्रों के लोगों को लाभ मिलेगा। मालूम हो कि 1365 एकड़ में फैले मुख्य परिसर एवं 2740 एकड़ में दक्षिणी परिसर में 1900 से अधिक शिक्षक हैं। वहीं छात्र-छात्राओं की संख्या करीब 32 हजार है।
बीएचयू में पांच संस्थान, 16 संकाय, 134 से अधिक विभाग, 15 सेंटर, दो अंतर विषयक स्कूल, दो कालेज एवं चार संबद्ध कालेज हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए बिड़ला ग्रुप भी यहां पर तारामंडल बनाने के लिए आगे आ रहा है। इस संबंध में कुलपति से वार्ता भी हो चुकी है। जानकार बताते हैं कि तारामंडल बनाने में करीब 10 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। कुलपति ने भारत कला भवन के निदेशक प्रो. एके सिंह को बिड़ला के प्रतिनिधि से मिलने का निर्देश दिया है। इस संबंध में संबंधित अधिकारियों की बैठक भी हो चुकी है। निदेशक प्रो. एके सिंह ने बताया कि जल्द ही बिड़ला ग्रुप के अधिकारियों से मुलाकात कर तारामंडल की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
बीएचयू में तारामंडल बनाने के लिए बिडला ग्रुप ने प्रपोजल देने का वादा किया है। इसके आते ही रिस्पेक्टिव कमेटी के पास भेज दिया जाएगा। वहां से स्वीक्रति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।_ प्रो राकेश भटनागर, कुलपति, बीएचयू ।