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वाराणसी में कैंडल मार्च निकालकर की श्रद्धा को श्रद्धांजलि देने के साथ ही न्याय की उठी मांग

श्रद्धा को न्याय दिलाने के लिए सैकड़ों महिलाएं और युवा वाराणसी में सड़क पर उतरे। लोक समिति व आशा ट्रस्ट की ओर से मंगलवार शाम बेनीपुर में कैंडल मार्च निकाला और श्रद्धा को श्रद्धांजलि दी। गुनाहगारों को सख्त सजा देने की मांग उठी।

By Jagran NewsEdited By: Saurabh ChakravartyPublished: Tue, 29 Nov 2022 07:36 PM (IST)Updated: Tue, 29 Nov 2022 07:36 PM (IST)
वाराणसी में कैंडल मार्च निकालकर की श्रद्धा को श्रद्धांजलि देने के साथ ही न्याय की उठी मांग
बेनीपुर में कैंडल मार्च निकाला और श्रद्धा को श्रद्धांजलि दी।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। दिल्ली में प्रेमी द्वारा निर्ममता से मारी गई श्रद्धा को न्याय दिलाने के लिए सैकड़ों महिलाएं और युवा सड़क पर उतरे। लोक समिति व आशा ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में सैकड़ों लोगों ने मंगलवार शाम बेनीपुर में कैंडल मार्च निकाला और श्रद्धा को श्रद्धांजलि दी।

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 जुलूस में शामिल महिलाओं ने श्रद्धा को न्याय दो, महिला हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई। महिला हिंसा बन्द करो, भीख नहीं अधिकार चाहिए जीने का सम्मान चाहिए, औरत भी जिन्दा इंसान नहीं भोग की वह सामान, यौन हिंसा पर रोक लगाओ के नारे लगाई। कार्यक्रम में मौजूद महिलाओं का एक आवाज में नारा था कि वह घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाएंगी। न तो वह स्वयं हिंसा का शिकार बनेंगी न ही दूसरों को बनने देंगी।

गौरतलब हो कि मुंबई के कपल की कहानी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इसमें आफताब नाम के लड़के ने श्रद्धा नाम की लड़की का ना सिर्फ मर्डर करता है बल्कि वह उसे 35 टुकड़ों में काट कर दिल्ली के कई जगहों पर फेंक कर पुलिस से बचने की कोशिश में रहता है। हालांकि मामला पिता की शिकायत पर खुल जाने के कारण वह पकड़ा गया। इस जांच के आगे बढ़ते ही एक से बढ़ कर एक खुलासे हो रहे हैं।

दिल दहलाने वाले इस हत्याकांड को लेकर महिलाओं और युवाओं में काफी आक्रोश है। कैंडल मार्च में शामिल प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं और बेटियों की रक्षा की मांग की। श्रद्धा के हत्यारे को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की। लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए सरकार को सख्त कानून बनाकर गुनाहगारों को सख्त सजा देनी चाहिए।

जब तक समाज में आफताब जैसे दरिंदे रहेंगे तब तक किसी भी धर्म की बहन बेटियां सुरक्षित नहीं रहेंगी। उन्होंने आगे कहा कि आफताब जैसों का कोई धर्म मजहब नहीं होता, इसलिए इस मुद्दे को बिना कोई धार्मिक रंग दिए गुनाहगारों को कड़ी सजा मिलनी चाहिये।

कार्यक्रम की अध्‍यक्षता आशा राय व संचालन सरोज ने किया। कैंडिल मार्च में मुख्य रूप से शान्ति, लाल मनी, हीरावती, हीरामनी, माया, शांति, पूजा, आत्मा, ललामन, सरोज, अनीता, सोनी, आलोक, आत्माराम, पंचमुखी, रामबचन, अरविंद, शिवकुमार समेत अन्य शामिल रहे।


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