सर्द मौसम में बच्चों को दही, केला का न कराएं सेवन, बासी खाना खाने से बचें
सर्दी के मौसम में बच्चे और बुजुर्गों का खास ध्यान देना चाहिए। खान-पान एवं दूषित पर्यावरण की वजह से पीलिया, टाइफाइड सहित तमाम प्रकार की बीमारी पांव पसारती है।
आजमगढ़, जेएनएन। सर्दी के मौसम में जरा सी लापरवाही मुश्किल में डाल देती है। ऐसे में इस मौसम में बच्चे और बुजुर्गों का खास ध्यान देना चाहिए। खान-पान एवं दूषित पर्यावरण की वजह से पीलिया, टाइफाइड सहित तमाम प्रकार की बीमारी पांव पसारती है। श्रीदुर्गा जी राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के प्रोफेसर डा. आरआर यादव ने बताया कि ठंड एवं सर्दी के मौसम में जितना बचाव किया जाए उतना ही स्वास्थ्य के लिए लाभदायक रहेगा।इस दौरान गर्म पानी पीएं और गुनगुने पानी से स्नान करें। भोजन भी गर्म करके ही सेवन करें। जितना हो सके बाहरी चीजों के सेवन से परहेज करें। खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थों के सेवन से बचे। उन्होंने बताया कि बच्चों की देखभाल सही से न करने पर निमोनिया होने का खतरा बना रहता है। ठंडी में बच्चों को पानी गर्म करके हाथ-पैर धुले और सीना न भीगने पाए। सीने में ठंडा लगने पर ही निमोनिया का खतरा रहता है।
पीलिया बीमारी से बचाव
साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अगर लग रहा है कि पानी दूषित है तो पानी को उबालकर ठंडा करके पीएं। बासी मीट, मछली व अन्य खाद्य पदार्थ का सेवन न करें। बाजार में खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थ को न खाएं। घर के आसपास गंदगी न फैलने दे और खुले में शौच न करें।
त्वचा की बीमारी
किसी कपड़े को ज्यादा से ज्यादा दो दिन तक पहने उसके बाद कपड़े को धुलकर धूप में सुखाकर ही पहने। गीले कपड़े पहनने से बचें। बिस्तर को बराबर साफ करते रहें। अगर बिस्तर कई दिन का हो जाए तो धूप में सुखा लें।
जोड़ो में दर्द
इस मौसम में बुजुर्गों के जोड़ो का दर्द बढ़ जाता है। अगर दवा के साथ-साथ व्यायाम किया जाए तो आराम रहता है। ऐसे में ठंड के मौसम में बुजुर्गों को खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सुबह शाम दूध का सेवन करें तथा कैल्शियम युक्त एवं प्रोटीनयुक्त भोजन का सेवन करें। साथ ही ज्यादातर मसालेदार सब्जियों का सेवन करने से बचे तथा हरी एवं पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।