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अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस पर लें वृद्ध महिलाओं की विशेष देखभाल का संकल्प, संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ ने जारी की है थीम

इस बार संयुक्‍त राष्‍ट्र की थीम अधिक उम्र के लोगों का बदलते दुनिया में सामर्थ्य रखा गया। इसी के मद्देनजर थीम को वृद्ध महिलाओं का सामर्थ्य एवं योगदान 2022 के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा किया गया है।

By Mukesh Chandra SrivastavaEdited By: Abhishek sharmaPublished: Fri, 30 Sep 2022 01:15 PM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2022 01:15 PM (IST)
अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस पर लें वृद्ध महिलाओं की विशेष देखभाल का संकल्प, संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ ने जारी की है थीम
बुजुर्ग के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र की थीम "अधिक उम्र के लोगों का बदलते दुनिया में सामर्थ्य" रखा गया है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस हर साल एक अक्टूबर को 1990 से संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रयास से मनाया जाता है। इस साल की थीम "अधिक उम्र के लोगों का बदलते दुनिया में सामर्थ्य" रखा गया। इसी को ध्यान में रखते हुए थीम को "वृद्ध महिलाओं का सामर्थ्य एवं योगदान" 2022 के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा किया गया है। इसका वृद्ध महिलाओं को ध्यान में रखकर कोई भी नीतिगत निर्णय लेने वाले को हर जगह भागीदारी सुनिश्चित करना चाहिए।

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चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित दंत चिकित्सा संकाय के पूर्व प्रमुख व इंडियन डेंटल एसोसिएशन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रो. टीपी चतुर्वेदी ने बताया कि महिलाओं को पर्यावरण, सामाजिक, जीवन की असमानता व आर्थिक उन्नति के लिए जागरूक करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा किया गया है, जिससे कि वे भी नई विकास का फायदा ले सके। इस समय लगभग 10 -12 प्रतिशत लोग 60 साल के ऊपर के लोग हैं। स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतें भी अधिक उम्र के लोगों को परेशान करती हैं। इसमें से मुख्य रूप से आर्थराइटिस, हार्ट की बीमारी, कैंसर, सांस की बिमारी, भूलने की बिमारी, शुगर, डिप्रेशन व मुख की बिमारी होती है।

अधिक उम्र के लोगों को गिरने के अवसर ज्यादा होते हैं। त्वचा के रोग, मोटापा व गरीबी से उचित खाना ना मिलना भी परेशानी का कारण है। इस उम्र में कई ऐसे दिक्कत कम रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण होती है। वृद्ध लोगों की डेंटिस्ट्री जो कि 60 साल के ज्यादा उम्र के लोगों की मुह एवं दांत के रोगों की देखभाल करने के लिए विशेष महत्व देते हैं। इस उम्र के लोगों में मुंह का शुष्क होना, दांत के जड़ का कमजोर एवं सड़ना, दांत का घिसना, पायरिया, दांतों का न होना, दांत की हड्डियों का कमजोर होना, डेंचर का फिट ना होना, मुंह में छाले होना, मुंह में लार कम आना, ओरल कैंसर आदि का होना आम बात है।

यह सब बीमारी पहले से दांत एवं मुंह की उचित देखभाल न होने से होती है। कम रोग प्रतिरोधक क्षमता व अन्य बीमारियों के कारण ये समस्या बढ़ जाती हैं। इसमें प्रमुख कारण डायबिटीज की बीमारी जिससे दांत व मुख के रोग ज्यादा होता है। दांत की बीमारी से खाना चबाना मुश्किल होता है जिससे शरीर के पाचन क्रिया भी सही नहीं हो पाती है। इस उम्र के लोगों का मूवमेंट, याददाश्त की शक्ति भी कम होने लगती हैं।

दांत और मुख के रोगों के कारण

प्रो. चतुर्वेदी ने बताया कि यूपी के कई दंत चिकित्सक सदस्य और विद्यार्थी नियमित रूप से इस उम्र के लोगों को अलग ध्यान एवं इलाज करने के लिए जागरूक करने में लगे हैं। डेंटल सर्जन को उचित देखभाल एवं इलाज करने की जरूरत होती हैं। मुंह व दांत की उचित देखभाल करने से इस उम्र के लोगों का स्वास्थ में सुधार होता है। इससे पेट के रोग एवं अन्य स्वा्थ्य से सम्बन्धित बिमारी हो सकती हैं। नियमित रूप से गुटका पान मसाला स्मोकिंग सुरती सेवन से मुंह में छाले, धब्बे एवं मुंह का कैंसर होता हैं। इस सब बीमारी को रोकथाम नियमित दिनचर्या खानपान व दांतों की सफाई पर ध्यान केंद्रित कर के बचा जा सकता है।


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