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वाराणसी में राममंदिर के लिए बना स्वर्णालय, मंदिर के मध्‍य में होगा भगवान श्रीराम का सिंहासन

अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनने के क्रम में रामलला को विस्थापित करने के लिए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा स्वर्णालय या लकड़ी का मंदिर बनवाया गया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 12:51 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 12:51 PM (IST)
वाराणसी में राममंदिर के लिए बना स्वर्णालय, मंदिर के मध्‍य में होगा भगवान श्रीराम का सिंहासन
वाराणसी में राममंदिर के लिए बना स्वर्णालय, मंदिर के मध्‍य में होगा भगवान श्रीराम का सिंहासन

वाराणसी, जेएनएन। अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनने के क्रम में रामलला को विस्थापित करने के लिए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा स्वर्णालय या लकड़ी का मंदिर बनवाया गया है। इसमें 12 टन सागौन की लकड़ी का उपयोग किया गया है। इस मंदिर में भगवान का सिंहासन भी बीच में बनाया गया है जिसे सोने से सजाया जाएगा। स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने बताया कि जब यह मॉडल पूर्णतः बन जायेगा तो इसे अयोध्या ले जाया जाएगा। वहीं राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर बताया कि हम जल्द ही कोर्ट में जाएंगे, वकील अपना काम कर रहे हैं। आरोप लगाया कि राम लला की मूर्तियां चुरा लेने वालों को राम मंदिर बनाने का कार्य सौंपा जा रहा है जो निंदनीय है।

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मंगलवार को वाराणसी में श्री विद्यामठ में परमधर्मसंसद् 1008 के प्रवर धर्माधीश स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने प्रेस वार्ता कर राम मंदिर को लेकर अपने मत रखे। कहा कि रामलला तिरपाल में हैं इसलिए परमपूज्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज के आदेश पर परमधर्मसंसद् 1008 द्वारा यह बाल मन्दिर ‘स्वर्णालय श्रीरामलला’ का निर्माण किया गया है।

इसमें 12 टन सागौन की लकडी का प्रयोग किया गया है। इसका कुल वजन लगभग 21 टन का है। जबकि कुल लागत लगभग इक्कीस लाख रुपये आयी है। इसे बनाने में कुल 21 दिन लगे हैं। हर दिन लगभग 21 कारीगरों ने काम किया है। कारीगर सहारनपुर उत्तर प्रदेश से भी आये और काशी के सारनाथ, रामनगर, चितईपुर तथा मीरजापुर के कारीगरों ने भी मिलकर काम किया है। मुख्य कारीगर हरिसेवक विश्वकर्मा, मोहम्मद मेहरबान, मुुन्ना विश्वकर्मा तथा निरीक्षक संजय सिंह और धर्मराजसिंह रहे। सारा काम नम्रता क्राॅप सेण्टर के श्रीरामचन्द्र सिंह की देख-रेख में हुआ है। मन्दिर के अन्दर का सिंहासन चन्दन की लकडी से मध्यप्रदेश में बन रहा है जिसमें सोना मढा जायेगा और वहीं से सीधे प्रयाग होकर अयोध्या लाया जायेगा।

इस बीच हिन्दू धर्म के शीर्ष धर्माचार्यों के रामालय ट्रस्ट को दरकिनार कर मन्दिर निर्माण के लिये सरकारी एक रूपया और पार्टी विशेष को लेकर सरकारी ट्रस्ट बनाने को लेकर भी आरोप लगाया गया। वहीं प्रेस वार्ता के दौरान स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने सौ बिंदुओं को लेकर सरकार पर राम मंदिर ट्रस्‍ट को लेकर आरोप लगाया गया है। कहा गया कि इसी तरह के न जाने कितने और भी सवाल हैं जो केन्द्र सरकार की स्वेच्छाचारिता से उत्पन्न हुये हैं। समय-समय पर उनको हम परमधर्मसंसद 1008 के माध्यम से उठाते रहेंगे। कहा कि हमारा स्पष्ट मानना है कि केन्द्र सरकार का कार्य देश में सुव्यवस्था बनाना है वह बनाये, हम सहयोग करेंगे। धर्म का काम हम धर्माचार्यों का है उसे हमें करने दें। 


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