बरामद अपहृत युवती व आरोपित के खिलाफ कार्रवाई नहीं, पुलिस पंचायत में जुटी
जौनपुर के सुरेरी थाने में अपहृत युवती के साथ आरोपित केमिलने के तीन दिन बाद तक पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। बल्कि दोनों पक्षों को थाने में बैठाकर पंचायत कर रही है।
जौनपुर, जेएनएन। एक तरफ जहा पुलिस विभाग के आला अधिकारी पुलिस व आम जनता के बीच की खाई को पाटने का राग अलाप रहे हैं। वहीं कुछ चंद लापरवाह पुलिसकर्मियों के कारण इस पर पानी फिरता नजर आ रहा है। इसका एक उदाहरण सुरेरी थाने पर देखा जा सकता है। यहा अपरहण के एक आरोपित को अपहृत युवती के साथ बरामद करने के तीन दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने अभी तक न तो लड़की का मेडिकल ही कराया और न ही आरोपित के खिलाफ कोई आवश्यक कार्यवाही ही की। बल्कि कार्यवाही के नाम पर तीन दिनों से दोनों पक्षो को बुलाकर थाने पर पंचायत कर रही है।
जानकारी के अनुसार सुरेरी थाना क्षेत्र के नूरपुर गांव निवासी अपने मामा के यहा रह रही महिला की शादी 18 वर्ष पूर्व भदोही जिले के मुसीकलापुर गांव में हुई थी। उसका पति आए दिन अपनी पत्नी के ननिहाल नूरपुर गांव अक्सर आया करता था। इसी बीच उसका गांव की ही एक युवती के साथ प्रेम हो गया। उधर दोनों ने घर से दूर कहीं भागने का फैसला भी कर लिया। बीते डेढ़ माह पूर्व युवक प्रेमिका संग फरार हो गया। काफी खोजबीन के बाद जब युवती का कहीं कुछ पता नहीं चला तो परिजनों ने सुरेरी थाने पर युवती को बहला-फुसला कर भगा ले जाने की नामजद तहरीर दी।
वहीं सुरेरी पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर आरोपित के खोजबीन में लग गई थी। सूचना पर रविवार की शाम को पुलिस ने बासुपुर बाजार से अपहृत युवती के साथ आरोपी को गिरफ्तार कर थाने लाई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के बजाय तीन दिनों तक थाने पर बैठाए रखा और दोनों पक्षों को बुलाकर घटों पंचायत करती रही। उसके बावजूद भी बरामद अपहृत युवती का मेडिकल मुआयना कराना भी पुलिस ने जरूरी नहीं समझा और उसे भी बगैर महिला सिपाही के दो दिनों तक थाने पर बैठाए रखा। जब इसकी सूचना आराेपी की पत्नी को हुई तो वह भी थाने पर आ धमकी और पुलिस पर ही मामले में कार्यवाही के बजाय पंचायत कराने का आरोप लगाने लगी।
पत्नी का यह भी आरोप है कि पुलिस ने उसे डांट कर थाने से भगा दिया। सवाल यह उठता है कि तीन दिन पूर्व बीते रविवार को बरामद अपहृत युवती व आरोपी के खिलाफ पुलिस आवश्यक कार्रवाही क्यों नहीं कर रही है। तीन दिन बीत जाने के बाद भी अपहृत युवती का पुलिस ने बयान व मेडिकल मुआयना क्यों नहीं कराया। बिना महिला सिपाही के ही उसे थाने पर दो दिनों तक क्यों बैठाए रखा। इस संदर्भ में थानाध्यक्ष सुरेरी वीरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि महिला सिपाही नहीं होने के कारण बरामद अपहृत युवती का मेडिकल नहीं कराया जा सका जल्द ही मेडिकल करा कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।