सर्विलांस अभियान में और तेजी लाई जाए, अपर मुख्य सचिव व जनपदीय नोडल अधिकारी ने दिए निर्देश
अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन एवं कोविड-19 के जनपदीय नोडल अधिकारी देवेश चतुर्वेदी ने शुक्रवार को बनारस क्लब में बैठक कर जरूरी निर्देश दिए।
वाराणसी, जेएनएन। अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन एवं कोविड-19 के जनपदीय नोडल अधिकारी देवेश चतुर्वेदी ने शुक्रवार को बनारस क्लब में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं सायंकाल कमिश्नरी सभागार में जनपद प्रशासन एवं अन्य विभागों के साथ बैठक कर जनपद में कोविड-19 से संबंधित कार्यों और गतिविधियों की गहन समीक्षा किया। सायंकालीन बैठक में मंडलायुक्त श्री दीपक अग्रवाल, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह, एसपी प्रोटोकॉल, अपर जिलाधिकारी गण, उप जिलाधिकारी गण, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य चिकित्साधिकारी/नोडल अधिकारी गण एवं अन्य विभाग के अधिकारी गण उपस्थित थे। समीक्षा के दौरान अपर मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि वर्तमान स्थिति में यह आवश्यक है कि सर्विलांस अभियान में और तेजी लायी जाए। सर्विलांस टीमों द्वारा घर-घर संपर्क के दौरान घर के प्रत्येक सदस्य भी सर्दी, खांसी, बुखार (आईएलआई), अचानक सांस लेने में समस्या (सारी) एवं पूर्व से गंभीर बीमारियों यथा डायबिटीज़, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, कैंसर आदि की सही-सही जानकारी सर्विलांस टीम को दें, यदि कोई व्यक्ति पिछले 14 दिनों के अंदर किसी कोविड पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आया है तो उसकी भी जानकारी सर्विलांस टीम के सदस्यों को दें।
ऐसे व्यक्तियों को अपने स्वास्थ्य की नियमित जांच कराते हुये चिकित्सीय परामर्शानुसार निर्धारित दवाओं का नियमित सेवन करते रहना चाहिए। उन्होने कहा कि जनपद में कोविड-19 से हुईं मृत्युओं में से अधिकांश मृत्यु ऐसे व्यक्तियों की हुई जो पहले से डायबिटज, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग एवं अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे। अतः गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों तथा उनके घर वालों को पूर्व से ही सजग रहने की आवश्यकता है, ऐसे व्यक्ति बिना किसी आकस्मिक कारण अथवा चिकित्सीय आवश्यकता के बिना घर से बाहर न निकलें। उन्होने विभिन्न कामकाज में लगे व्यक्तियों विशेष रूप से व्यापारी समूह, दुकानदार अथवा ऐसे व्यक्ति जिनके अन्य कार्यों में भीड़भाड़ रहती है, उन्हें भी सजग रहते हुये बताई गईं सावधानियों यथा दो गज की दूरी, मास्क तथा समय-समय पर हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोने एवं सेनिटाइज़र के प्रयोग का कड़ाई से पालन करना चाहिए तथा अपने वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों एवं कार्यालयों में आने वाले व्यक्तियों से इसका कड़ाई से पालन कराना चाहिए। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जनपद में भ्रमण के दौरान यह पाया जाता है कि वाहनों में चलते समय तो लोग मास्क लगाए रहते हैं परंतु सड़कों पर पैदल चलते समय मास्क का प्रयोग नहीं करते हैं और सड़कों पर बिना मास्क लगाए झुंड एवं भीड़ में खड़े होते हैं जो बिल्कुल ठीक नहीं है। वाराणसी के नागरिकों को स्वयं इस दिशा में पहल करनी चाहिए।
अपर मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि होम आइसोलेशन के मरीजों के घर पर रेपिड रिस्पोंस टीम 24 घंटे के अंदर विजिट कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी लें, कोविड कमांड/कंट्रोल सेंटर से प्रत्येक दिन दो बार वहाँ की चिकित्सीय टीम द्वारा मरीज के दिये गए मोबाइल नंबर पर स्वास्थ्य की जानकारी लेते हुये उसे आवश्यक चिकित्सीय परामर्श प्रदान करे। कोंटेक्ट ट्रेसिंग एवं होम आइसोलेशन के प्रपत्रों पर संबंधी टीमों द्वारा मरीज का सही-सही मोबाइल नंबर अंकित किया जाए ताकि बाद में मरीज एवं व्यक्ति से आवश्यक जानकारी ली जा सके और आवश्यक चिकित्सीय परामर्श दिया जा सके।
बैठक में मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारी ने वाराणसी में कोविड-19 के अंतर्गत की गयी चिकित्सीय एवं प्रशाषकीय कार्यवाहियों पर जानकारी दिया। मंडलायुक्त ने बताया कि ऐसे वाणिज्य प्रतिष्ठान एवं दुकान जहां सोशल डिस्टेन्सिंग एवं मास्क का प्रयोग नहीं किया जा रहा हैं उन्हें चिन्हित कराते हुये उनके विरुद्ध विधिक कार्यवाही कराई जा रही है।
बैठक में जिलाधिकारी श्री कौशल राज शर्मा ने बताया कि जनपद में कोरोना पॉज़िटिव विभिन्न आयु वर्ग के 74 मरीजों की हुई मृत्यु हुयी है। इन मृत्यु में से 32 मृत्यु व्यापारी एवं उनके संपर्कियों, 17 मृत्यु ग्रहणी महिलाओं, 9 मृत्यु निजी क्षेत्र के वेतनभोगियों, 4 मृत्यु सेवानिर्वित्त व्यक्तियों, 3 मृत्यु प्रवासियों, 3 मृत्यु चिकित्सीय कर्मी एवं उनके संपर्कियों, 3 मृत्यु राजकीय कर्मियों, 2 मृत्यु पुलिसकर्मी एवं उनके संपर्कियों तथा 1 मृत्यु विद्यार्थी की हुयी है।
अपर मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि यदि किसी व्यक्ति में कोरोना से मिलते जुलते लक्षण प्रतीत होते हैं अथवा उसे यह लगता है कि वह किसी पॉज़िटिव मरीज के संपर्क में आया है तो उसे तत्काल नजदीकी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में संचालित ‘वार्ड फ्लू क्लीनिक’ में जाकर अपने स्वास्थ्य की जांच कराना चाहिए तथा चिकित्सीय परामर्शानुसार अपनी कोरोना की जांच कराना चाहिए। इसमें विलंब करने से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। अस्वस्थता अथवा जांच की रिपोर्ट निगेटिव नहीं आने तक व्यक्ति को अपने कामकाज से भी अवकाश रखना चाहिए, क्योंकि इसका पालन न करने से उसके संपर्क में आने वाले अन्य व्यक्ति भी कोरोना संक्रमित हो सकते हैं।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जनपद में कोरोना की स्थिति पर उनके द्वारा स्वयं एवं जनपद प्रशासन द्वारा लगातार निगरानी रखी जा रही है तथा प्रतिदिन नियमित समीक्षा करते हुये सर्विलान्स, रैपिड रिस्पोंस, नमूना जांच के साथ ही इलाज के लिए एल-1, एल-2 एवं एल-3 चिकित्सालयों में बेड तथा अन्य चिकित्सीय संशाधनों को बढ़ाया जा रहा है तथा आगे आवश्यकतानुसार और भी बढ़ाए जाएंगे। किसी भी स्तर पर कोविड-19 के अंतर्गत किसी भी संशाधन की कमी नहीं होने दी जाएगी। जनपदवासियों से अपील है कि कोरोना से बचने हेतु बताई गईं सावधानियों तथा शासन एवं जनपद प्रशासन द्वारा निर्धारित नियमों का कड़ाई से पालन करें।
कोविड-19 के जनपदीय नोडल अधिकारी व अपर मुख्य सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी एवं मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल तथा जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कमिश्नरी सभागार में कोविड-19 के अंतर्गत कोरोना पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए लोगों व विभिन्न रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को आईवरमैक्टिन दवा 20,000 परिवारों के लिए सिविल डिफेंस एवं आपूर्ति विभाग को उपलब्ध कराया। यह दवा सिविल डिफेंस एवं आपूर्ति विभाग के कोटेदारों द्वारा घर-घर पहुंचाई जाएगी। जिलाधिकारी ने बताया कि यह दवा कोरोना संक्रमण के बचाव में उपयोगी होगी। दोनों विभागों को निर्देशित किया गया कि प्लान बनाकर अपने अपने क्षेत्र में तत्काल इस दवा का वितरण सुनिश्चित कराएं तथा दवा के साथ ही उसके निर्धारित खुराक के बारे में भी बताया जाए।