बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता को विधायक सुरेंद्र सिंह ने दी गाली, कोतवाली में दी तहरीर
बैरिया विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुरेंद्र ङ्क्षसह ने एक बार फिर अपने बिगड़े बोल से पार्टी व सरकार को असहज स्थिति में खड़ा कर दिया।
बलिया, जेएनएन। बैरिया विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुरेंद्र ङ्क्षसह ने एक बार फिर अपने बिगड़े बोल से पार्टी व सरकार को असहज स्थिति में खड़ा कर दिया। विधायक पर विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता राम किशोर को गाली देने का आरोप है। इस मामले में अभियंता ने विधायक के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी है।
विधायक सुरेंद्र सिंह बुधवार को मोबाइल फोन पर विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता से बात कर रहे थे। बातचीत के क्रम में ही विधायक ने बदजुबानी की और सारी सीमाएं लांघ दी। विधायक का यह कोई पहला मामला नहीं है, उनके ऐसे कारनामों के किस्से भरे पड़े हैं।
मोबाइल पर बातचीत में इस तरह बढ़ा विवाद
विधायक और विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता के बीच हुई बातचीत का यह मामला मोबाइल फोन में पूरी तरह रिकार्ड है। विधायक और अधीक्षण अभियंता के बीच बातचीत जब शुरू होती है, उसमें विधायक का फोन आते ही अधीक्षण अभियंता बोलते हैं...प्रणाम सर, उधर से विधायक बोलते हैं....प्रणाम..प्रणाम, एक बात बताइए एसई साहब किसी काम को कई बार-बार कहने पर आप करते हैं। अधीक्षण अभियंता क्या हुआ सर। विधायक....मैने एक जेई को हटाने के लिए कहा था, उसे हटाया क्यों नहीं। अधीक्षण अभियंता जवाब देते हैं, अभी सभी जेई प्रदेश स्तर पर आंदोलनरत हैं लेकिन विधायक उनकी सुनने के बजाय अपने तेवर में आते हुए बोलते हैं..मुझे प्रदेश से मतलब नहीं है, अपने यहां से मतलब हैं। तुम मेरे बारे में नहीं जानते हो, सुनो एसई..जिस दिन मिल जाओगे न बेइज्ज्त हो जाओगे, इसके बाद अपशब्द.. बोलने के बाद फोन कट जाता है।
पूर्व में भी हो चुका है विवाद
भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह व बलिया के डीआइओएस रहे नरेंद्र देव के साथ जिलाधिकारी की बैठक में ही पिछले साल सितंबर माह में हाथापाई हुई थी। उस समय मौके पर मौजूद डीएम समेत अन्य अधिकारियों ने बीच बचाव कर मामले को शांत कराया। विधायक ने बाद में क्षमा मांग कर मामले को खत्म किया। उन्नाव रेप कांड के संबंध में भी इसी विधायक ने पीडि़ता के खिलाफ अपना बयान दिया था। पिछले साल ही जून में बैरिया तहसील में एक कानूनगो के साथ विधायक के भतीजे ने विवाद कर दिया था। उसकी आग जिले में भी पहुंच गई थी, कई संगठनों ने अपना विरोध जताया था। वर्ष 2017 के अक्टूबर माह में वन विभाग के कर्मचारियों के साथ भी विधायक का विवाद हुआ था, उसमें एक वन दरोगा का पैर तक टूट गया था। इसके अलावा गलत व अमर्यादित बयानबाजी के अनेक किस्से हैं जिसे सभी लोग जानते हैं।
बोले विधायक, नहीं दी गाली
इस मामले में विधायक सुरेंद्र ङ्क्षसह ने कहा कि विद्युत अधीक्षण अभियंता से बातचीत करने गए थे। बैरिया विधानसभा में दर्जनों ट्रांसफार्मर जले पड़े हैं। इसकी शिकायत अधिकारी नहीं सुन रहे हैं। अधीक्षण अभियंता से शिकायत करने पर वे कहने लगे, हम ट्रांसफार्मर बना नहीं सकते, आप लोग सरकार में हैं, ऊपर बात कीजिए। इसके अलावा और कोई बात नहीं हुई है। गाली देने की बात सही नहीं है। यह आरोप पूरी तरह गलत है।
जांच के बाद होगी कार्रवार्इ : जिलाधिकारी
जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। पहली नजर में यह संज्ञेय अपराध प्रतीत हो रहा है। मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए गए हैं। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
अभियंता ने कहा, विधायक ने धमकी दी
अधीक्षण अभियंता राम किशोर ने कहा कि विधायक ने अपशब्द कहते हुए धमकी दी। इसकी शिकायत जिलाधिकारी से मिलकर की गई है। उन्हें आडियो भी सुनाया गया।
प्रधानमंत्री ऐसे मामलों को जल्द लेते हैं संज्ञान में
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयर्गीय द्वारा एक अधिकारी को पीटने से जुड़े घटनाक्रम पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संज्ञान लेते हुए जुलाई माह में अपनी पार्टी के नेताओं को नसीहत दी थी। पीएम ने कहा था कि बेटा किसी का हो, मनमानी नहीं चलेगी। प्रधानमंत्री एेसे मामलों को जल्द ही संज्ञान में लेते हैं और सख्त चेतावनी भी देते हैं।