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प्रवासी भारतीय दिवस : यूपी से तय किया ट्यूशन टीचर से प्रोफेसर तक का सफर

पांच वर्ष तक भारत में रहकर मार्ट, मैकिनसे और मिलवर्ड ब्राउन के साथ काम किया, मिलवर्ड ब्राउन के लिए दक्षिण पूर्व एशिया में एनालिटिक्स प्रैक्टिस के लिए सिंगापुर चले गए।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 12:45 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 12:45 PM (IST)
प्रवासी भारतीय दिवस : यूपी से तय किया ट्यूशन टीचर से प्रोफेसर तक का सफर
प्रवासी भारतीय दिवस : यूपी से तय किया ट्यूशन टीचर से प्रोफेसर तक का सफर

वाराणसी, जेएनएन। जिंदगी के कठिन हालात हौसलों की परीक्षा लेते हैं। इसे पार करने वाले कामयाबी के स्वर्णित सोपान तय कर मिसाल कायम करते हैं। कुछ इसी तरह की मिसाल पेश की है सहारनपुर के मूल निवासी व नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के डा. रजनीश तुली ने। दसवीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए रजनीश ने अपने से छोटी कक्षा के विद्यार्थियों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया। ट्यूशन पढ़ाकर ही उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद एमबीए की पढ़ाई के लिए लखनऊ विवि में दाखिला लिया। वहीं मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट-गुडग़ांव से पीएचडी की डिग्री हासिल की।

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पांच वर्ष तक भारत में रहकर मार्ट, मैकिनसे और मिलवर्ड ब्राउन के साथ काम किया। मिलवर्ड ब्राउन के लिए दक्षिण पूर्व एशिया में एनालिटिक्स प्रैक्टिस के लिए सिंगापुर चले गए। यहां अनुबंध के आधार पर प्रबंधन के अग्रणी शिक्षण संस्थानों के छात्रों को पढ़ाना शुरू किया। हाल ही में रजनीश नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के बिजनेस एनालिटिक्स डोमेन में प्रोफेसर के रूप में शामिल किए गए। अध्यापन कार्य के अलावा रजनीश भारत में स्टार्ट अप्स, एडवोकेसी फर्म और प्रबंधन संस्थानों में विभिन्न भूमिकाओं का निर्वहन भी कर रहे हैं। देश के आर्थिक विकास की दिशा में अपने विचार साझा करने के लिए वे प्रवासी भारतीय दिवस में शिरकत करने बनारस पहुंचेंगे। 


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