प्रवासी भारतीय दिवस : ओमान में बुलंद इरादों संग बेबी साम सामुएल भारतीयता के प्रतीक
डा. सैमुअल ने उद्यमिता में डाक्टरेट उपाधि हासिल करने के बाद वर्ष 2004 में ओमान का रूख किया, उद्यमी होने के साथ ही वे ओमान में उन्होंने अभूतपूर्व कार्य किया।
वाराणसी [मुहम्मद रईस] । हम आज जो भी काम करते हैं, उनमें छोटे-छोटे व ईमानदार प्रयास भविष्य में हमारी सफलता की इबारत लिखते हैं। यदि हमने अपने वर्तमान को संवार लिया तो भविष्य भी बेहतर होगा। वहीं कोताही, आलस्य और काम के प्रति निष्ठा में कमी हमारी असफलता की वजह बनते हैं। यह कहना है कोट्टारक्कारा, केरल के डा. बेबी साम सामुएल का।
टर्नअराउंट कंसल्टेंट व मेंटर डा. सैमुअल ने ओमान का रूख किया और 2016 में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। एक सफल उद्यमी होने के साथ ही वे ओमान में भारतीय स्कूलों के लिए उन्होंने अभूतपूर्व कार्य किया। इंटरटेक एलएलसी के महाप्रबंधक व अंजप्पम चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष होने के अलावा वे कुछ व्यवसायों और गैर सरकारी संगठनों को बतौर मेंटर सेवाएं देते हैं। साम कहते हैं कि, 'हर अनुभव ने मुझे कुछ न कुछ सिखाया, आगे बढऩे का हौसला दिया और उस मुकाम तक पहुंचाया, जो मेरी उम्मीदों से कहीं ज्यादा है। मेरी सफलता का महज मैं स्वयं एक हिस्सा भर हूं, इसके बाकी के किरदार हर वो शख्स हैं, जो इस यात्रा में कहीं न कहीं सहयात्री बने।' बतौर निदेशक उन्होंने भारतीय संस्कृति और शिक्षा के अनुकूल पाठ्यक्रम सुनिश्चित कराया। डा. सामुएल न सिर्फ पिछले आठ साल से देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं, बल्कि दोनों मुल्क के बीच आर्थिक व सांस्कृतिक रिश्ते को मजबूती दे रहे हैं।
भारतीयों के लिए निभाते हैं बड़ी भूमिका : सैम आइटी बेस कंपनी इंटरटेक एलएलसी, मस्कट के महाप्रबंधक हैं। इसके अलावा वे कई संगठनों के लिए बतौर बिजनेस डिजाइनर व मेंटर सेवारत हैं। उनका मानना है कि, 'सफलता की सीढ़ी चढ़कर अकेले जश्न मनाने से बेहतर है कि सबको साथ लेकर सामूहिक उत्सव मनाया जाए।' इसी भावना के साथ वे बिजनेस कंसल्टेंट, जनरल मैंनेजमेंट, ब्रांड मैनेजमेंट, टर्नअराउंड मैंनेजमेंट, टैक्टिस एंड स्ट्रेटेजिक मैंनेजमेंट, लीन मैनेजमेंट आदि के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा वे नए उद्यमियों को नए विचारों से परिचित कराते हुए कुशल मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
सामाजिक जिम्मेदारी का भी ख्याल: विदेशी सरजमी पर देश के लिए फिक्रमंदी ने उन्हें सामाजिक दायित्वों का बोध कराया। इसके लिए उन्होंने भारत में कार्यरत सामाजिक संगठन अंजप्पम चैरिटेबल ट्रस्ट का अध्यक्ष बनना कुबूल किया। अंजप्पम परियोजना को किफायती रेस्तरां की एक श्रृंखला के रूप में भी जाना जाता है। यहां सस्ती दर पर ताजा, पौष्टिक भोजन और स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जाता है। वर्तमान में केरल में अंजप्पम की चार शाखाएं हैं।
प्रवासी भारतीयों के बच्चों को मिलता संस्कार : डा. सैमुअल वर्ष 2018 से ओमान में भारतीय स्कूलों के निदेशक मंडल के अध्यक्ष हैं। भारतीय स्कूल ओमान में स्थापित सामुदायिक स्कूल हैं, जिनका उद्देश्य ओमान में प्रवासी भारतीय समुदाय के बच्चों को भारतीय संस्कृति के अनुरूप गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करना है।
समग्र शिक्षा के लिए विजन 2020: डा. सैमुअल समग्र शिक्षा की अवधारणा के पक्षधर हैं। उन्होंने स्कूलों के लिए विजन 2020 के तहत नई नीतियों पर भी मंथन किया है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय स्कूलों का प्रत्येक बच्चा अपनी पहचान और उद्देश्य की पूर्ति के लिए ज्ञान और कौशल से लैस हो।
स्कूलों में शुरू कराई ये सुविधाएं
- टेली काउंसलिंग सेवा।
- उपहार : एक पुस्तक योजना।
- करियर और शैक्षिक एक्सपो।
- वर्चुअल लर्निंग।
- वीडियो रिकॉर्डेड पाठ।
उपहार-एक-पुस्तक योजना : इसके तहत छात्रों को अपने से निचली कक्षाओं के बच्चों के लिए पाठ्यपुस्तके संरक्षित और दान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
आइएसओ-वीएलई : भारतीय विद्यालय ओमान वर्चुअल लर्निंग एनवारमेंट एक वर्चुअल प्लेटफार्म है, जो ज्ञान भंडार के रूप में सेवाएं देगा, जहां स्कूल, शिक्षक और छात्र सूचनाओं को साझा और उपयोग कर सकेंगे।
वीडियो रिकार्डेड पाठ : दसवीं और बारहवीं के विषय विशेषज्ञों द्वारा पाठ की विशेष वीडियो रिकॉर्डिंग आइएसओ-वीएलई प्लेटफॉर्म के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।
व्यावसायिक तौर पर भी हैं बेहद सक्रिय : डा. सैमुअल एक उद्यमी होने के साथ ही पुरस्कार विजेता बिजनेस कंसल्टेंट हैं। इनमें टर्नअराउंड मैनेजमेंट, स्ट्रेटेजिक कंसल्टेंसी और बिजनेस मेंटरिंग में विशेषज्ञता प्रमुख है। वर्तमान में वह आइटी बेस कंपनी इंटरटेक एलएलसी, मस्कट के महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं। इसके अलावा वे ओमान की तेजी से बढ़ती संचार एजेंसी ट्रायफिल एडवरटाइजिंग एंड पब्लिकेशंस सहित विभिन्न संगठनों के प्रमुख के तौर पर दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि : उद्यमिता में डॉक्टरेट की उपाधि धारण करने से पूर्व उन्होंने मानव संसाधन प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया। बिजनेस मार्केटिंग में विशेषज्ञता के साथ उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातकोत्तर की उपाधि भी हासिल की।
उपलब्धियां और पुरस्कार : शिक्षा के साथ ही सामाजित उत्थान के क्षेत्र उनके योगदान को जीसीसी के साथ ही भारत में भी स्वीकारा गया। डा. सैमुअल ओमान ऑब्जर्वर द्वारा शीर्ष 100 प्रेरक सीईओ में की सूची में भी शामिल हैं। वर्ष 2015 में असाधारण नेतृत्व और समर्पित सेवा के लिए उन्हें प्रतिष्ठित गोल्डेन अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया। वहीं 2016 में विश्व मलयाली परिषद द्वारा सामाजिक उद्यमिता और सामाजिक प्रतिबद्धता के क्षेत्र में पहचान मिली।